अजमेर. संवेदनशील धार्मिक स्थलों में शुमार पुष्कर में इजरायली पर्यटकों के प्रार्थना स्थल बेद खबाद में एटीएस और क्यूआरटी की ओर से सुरक्षा का जायजा लिया गया. फिलीस्तीन और इजरायल के बीच चल रहे जंगी हालात के मद्देनजर देश में भी इजरायली पर्यटकों और उनके धार्मिक स्थल को लेकर विशेष सतर्कता बरती जा रही है.
एटीएस और कयुआरटी ने किया निरीक्षण : पुष्कर थाना प्रभारी राकेश यादव ने बताया कि पुष्कर में इजरायली पर्यटकों का धार्मिक स्थल बेद खबाद काफी संवेदनशील स्थलों में से एक है. एटीएस और कयुआरटी ने यहां निरीक्षण किया है. एटीएस से एडिशनल एसपी और उनकी कयुआरटी निरीक्षण में शामिल थी, इस दौरान पुष्कर पुलिस का जाप्ता भी मौजूद रहा. अजमेर एटीएस के एडिशनल एसपी नरेंद्र सिंह ने बताया कि बेद खबाद में साल में चार बार सुरक्षा की दृष्टि से निरीक्षण किया जाता है.
इसे भी पढ़ें-Jewish New Year 2023: बेद खबाद की सुरक्षा बढ़ाई, 12 से बढ़ेगी पर्यटकों की चहल-पहल
हेडली ने की थी बेद खबाद की रेकी : तीर्थराज पुष्कर से इजरायली पर्यटकों का नाता काफी पुराना रहा है. पुष्कर में विदेशियों में सबसे अधिक इजरायली पर्यटक आते हैं. पुष्कर से इजरायली पर्यटकों को इतना लगाव हो चुका है कि कई पर्यटक यहां महीनों ठहरते हैं. कुछ इजरायली पर्यटकों ने तो यहां शादी संबंध और व्यावसायिक संबंध तक स्थापित कर लिए है. यहां उनका प्रार्थना स्थल बेद खबाद भी स्थापित है. मुंबई हमले के दौरान पुष्कर का बेद खबाद भी सुर्खियों में आया था. आतंकवादी कोलमैन हेडली से अमेरिका की सुरक्षा एजेंसी एफबीआई ने पूछताछ में खुलासा हुआ था कि हेडली ने मुंबई ब्लास्ट से पहले बेद खबाद में भी रेकी की थी. पुष्कर में बेद खबाद के सामने स्थित होटल में आतंकी कोलमैन हेडली रुका था. इस बात का खुलासा होने के बाद से ही पुष्कर में बेद खबाद की सुरक्षा को लेकर विशेष सतर्कता बरती जाती है.
24 घंटे तैनात रहते है सशस्त्र जवान : बेद खबाद वर्ष में 9 महीने ही खुलता है. बाकी तीन महीने बंद रहता है. इजराइल से धर्म गुरु और उनका परिवार 9 महीने तक पुष्कर में ही रहता है. यहां पर इजरायली अपने कई त्यौहार भी सामूहिक रूप से मनाते हैं. बेद खबाद में इजरायली पर्यटकों के अलावा अन्य किसी व्यक्ति को प्रवेश नहीं दिया जाता है. बेद खबाद कट्टरपंथी आतंकियों के निशाने पर रहा है, इसलिए पुलिस के सशस्त्र जवान 24 घंटे इसकी सुरक्षा में तैनात रहते हैं.