प्रयागराजः इलाहाबाद हाईकोर्ट ने माफिया अतीक अहमद के फाइनेंसर और कुख्यात अपराधी असरौली गांव के प्रधान माशूक उर्फ माशूकउद्दीन, बेटे शाहेजमा और भतीजे असलूब की गैंगस्टर एक्ट के मामले में जमानत देने से इनकार कर दिया है. यह आदेश न्यायमूर्ति नलिन कुमार श्रीवास्तव ने उनके वकील और अपर शासकीय अधिवक्ता नितेश कुमार श्रीवास्तव सुनने के बाद तीनों की जमानत अर्जी खारिज करते हुए दिया है.
तीनों को कौशाम्बी की विशेष अदालत ने गैंगस्टर एक्ट के मामले में पांच साल कारावास और 25 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है, जिसके खिलाफ तीनों ने अपील दाखिल की है. अपील में जमानत अर्जी प्रस्तुत कर जमानत पर रिहा करने की मांग की गई. अपर शासकीय अधिवक्ता नितेश श्रीवास्तव ने जमानत अर्जी का विरोध करते हुए कहा कि तीनों अपीलार्थियों के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य हैं, जिनकी आधार पर विशेष अदालत ने उन्हें सजा सुनाई है. उन्होंने यह भी कहा कि तीनों आदतन अपराधी हैं और सभी का आपराधिक इतिहास है. डेढ़ दर्जन मुकदमों में आरोपी माशूक ने धूमनगंज में इंस्पेक्टर के बेटे की गोली मारकर हत्या कर दी थी.
हालांकि अदालत ने उसे इस मामले में दोषमुक्त कर दिया था. इस घटना के बाद आशिक का क्षेत्र में ऐसा दबदबा बना कि आज तक उसके खिलाफ बोलने की किसी की हिम्मत नहीं होती. अकेले माशूकउद्दीन पर 16 संगीन मुकदमे दर्ज हैं. पूरामुफ्ती थानाक्षेत्र के असरौली गांव के प्रधान माशूकउद्दीन के परिवार के दस पुरुषों में नौ के खिलाफ विभिन्न थानों में 52 मुकदमे चल रहे हैं.