वाराणसी : अब तक आपने अस्पताल की ओपीडी सुनी होगी, लेकिन पहली बार वाराणसी के संस्कृत विश्वविद्यालय में भी अस्पताल की तरह ओपीडी का संचालन होने जा रहा है. खास बात यह है कि इस ओपीडी में शरीर की बीमारी का इलाज नहीं, बल्कि भूत-भविष्य की परेशानियों का इलाज किया जाएगा. यहां पर लोगों को ज्योतिष के ज्ञान के आधार पर जानकारी दी जाएगी. जिससे लोग भविष्य में होने वाली परेशानियों से बचने के उपाय कर सकेंगे. इस ओपीडी का नाम ज्योतिष ओपीडी है.
बता दें, आजकल लोग बहुत सी ऐसी समस्याओं से परेशान रहते हैं, जिनका समाधान किसी के पास नहीं होता है. ऐसे में यहां आध्यात्म की तरफ रुख करते हैं और ज्योतिष के माध्यम से ये पता लगाने की कोशिश करते हैं कि ऐसी परिस्थितियों की वजह क्या है. कुछ इसी तरह की परेशानियों से निजात दिलाने के लिए संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में ज्योतिष ओपीडी या कहें कि ज्योतिष परामर्श केंद्र की शुरुआत की गई है. यहां लोग अपनी कुंडली के आधार पर परेशानियों को जान सकेंगे. इससे पहले बीएचयू में काफी समय से ज्योतिष की ओपीडी चल रही थी.
संभावित घटनाओं का हो सकेगा पूर्वानुमान : कुलपति प्रो. बिहारी लाल शर्मा ने बताया कि भारतीय विद्याओं का लक्ष्य है कि व्यक्ति के जीवन में सुविधा और सुरक्षा कैसे आए. उस दृष्टि से ज्योतिष भी एक माध्यम है जो संभावित घटनाओं का पूर्वानुमान करता है. संभावित घटनाक्रम का जब पूर्वानुमान हो तब उससे बचने के साथ सावधान होकर आगे बढ़ने का हमें रास्ता दिखाई देता है. इसलिए जो लोग किसी भी प्रकार से व्यथित हों, पीड़ित हों या जिनका लगता है कि मेरा समय प्रतिकूल है. तो समय की अनुकूलता और प्रतिकूलता बिना ज्योतिष के माध्यम से पता नहीं चल सकता है.
जन्मांक के आधार पर कर सकेंगे पूर्वानुमान : कुलपति प्रो. बिहारी लाल शर्मा ने कहा कि ज्योतिष के माध्यम से यहां परामर्श केंद्र संचालित कर रहे हैं, जहां पर लोग आकर के अपने जन्मांक के आधार पर, हमारे यहां जो भारतीय विद्याओं में ज्ञान है उस ज्ञान का उपयोग करते हुए जीवन में होने वाली संभावित घटना का पूर्वानुमान करें. उस संभावित घटना के पूर्वानुमान के बाद हमें कितनी सावधानी से आगे बढ़ना है. इस भाव के साथ हम अपने आप को तत्पर कर सकें. क्योंकि ज्योतिष कर्महीन नहीं बनाता है. यह दुनिया कर्मप्रधानता को स्वीकार करके चलती है.
विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर मिल जाएगी जानकारी : कुलपति प्रो. बिहारी लाल शर्मा ने बताया कि ज्योतिष कर्म की दिशा क्या हो उसका मार्गदर्शन करता है. ज्योति का अर्थ है प्रकाश, समस्याएं अंधकार में आती हैं और इसका समाधान उजाले में होता है. यह अंधकार चाहे अज्ञान का हो या रात्रि का हो. हमेशा इस तरह की समस्या अंधकार में ही पैदा होती है. हमने परामर्श केंद्र के बारे में विश्वविद्यालय की वेबसाइट https://ssvv.ac.in/ पर सभी जानकारियां दे रखी हैं. जो इसके लिए आना चाहते हैं वे वहां पर दिए गए नंबर पर संपर्क कर सकते हैं. सुविधानुसार परामर्श ले सकते हैं.