भरतपुर. राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष वासुदेव देवनानी सोमवार को भरतपुर के दौरे पर रहे. यहां उन्होंने भरतपुर की स्थापना दिवस के अवसर पर महाराजा सूरजमल को पुष्पांजलि अर्पित की. उन्होंने महाराजा सूरजमल के शौर्य और पराक्रम को याद करते हुए कहा कि वो जाटों के प्लेटो थे. उन्होंने अभेद्य, अजेय दुर्ग लोहागढ़ बनाया. उन्होंने कहा कि भरतपुर का नाम भगवान राम के भाई भरत के नाम पर रखा गया. भरतपुरवासियों को गौरव की अनुभूति होनी चाहिए कि वो उस ( भगवान राम) कुल, उस वंश से हैं.
जाटों के प्लेटो थे महाराजा सूरजमल : विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने शहर के ट्रैफिक चौराहे पर स्थित महाराजा सूरजमल की मूर्ति पर पुष्पांजलि अर्पित की. उन्होंने कहा कि महाराजा सूरजमल जाटों के प्लेटो थे. उन्होंने अपने शौर्य और पराक्रम से सिर्फ भरतपुर ही नहीं, बल्कि मेरठ, अलीगढ़ तक अपना साम्राज्य फैलाया. उन्होंने बिना लोहे के इस्तेमाल के लोहागढ़ किला बनाया, जिसे कोई जीत नहीं पाया.
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भरतपुरवासियों को गर्व होना चाहिए : देवनानी ने कहा कि भरतपुर राम, लक्ष्मण और भरत की भूमि है. भरतपुर का नाम राम के भाई भरत के नाम पर रखा गया. यहां के कुलगुरु लक्ष्मण हैं. यहां के लोगों को गर्व होना चाहिए कि वो उस वंश से हैं. उन्होंने कहा कि भरतपुर का नाम भगवान राम से जुड़ा हुआ है. बीते दिनों 500 वर्ष के संघर्ष के बाद और 77 साल टेंट में गुजरने के बाद भगवान राम अयोध्या में अपने मूल स्थान गर्भगृह में पहुंचे. कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि भगवान राम इतनी जल्दी अपने गर्भगृह में पहुंचेंगे.
वहीं, इस अवसर पर देवनानी ने ट्रैफिक चौराहे पर स्वाभिमान मार्च को संबोधित किया. उसके बाद देवनानी गोवर्धन पहुंचे, जहां उन्होंने गोवर्धन जी के मंदिर में पूजा-अर्चना की. साथ ही उन्होंने गोवर्धन जी की परिक्रमा भी की.