देहरादून: उत्तराखंड में विधानसभा के मानसून सत्र को लेकर तैयारी शुरू हो गई है. मंगलवार को उत्तराखंड के संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने इस संबंध में मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि गैरसैंण में मानसून सत्र आयोजित होना है, जिसको लेकर अभी विचार किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि लंबे समय से अपनी राजधानी गैरसैंण में मानसून सत्र आयोजित नहीं हुआ है. लिहाजा इस बार विचार किया जा रहा है कि आगामी मानसून सत्र अगस्त माह के पहले सप्ताह से ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में आयोजित की जाए.
उन्होंने कहा कि विधानसभा सत्र को लेकर उनके द्वारा मुख्यमंत्री से चर्चा की जा रही है और विधानसभा सत्र को गैरसैंण में आयोजित किए जाने को लेकर निर्णायक रूप से कैबिनेट में फैसला लिया जाएगा. उम्मीद है कि यह विधानसभा सत्र पांच अगस्त से गैरसैंण में आयोजित किया जाए. बता दें कि पर्वतीय राज्य उत्तराखंड के गठन की मांग गढ़वाल और कुमाऊं के केंद्र बिंदु गैरसैंण को राजधानी के रूप में रखकर की गई थी. वहीं राज्य गठन के बाद से उत्तराखंड की अस्थाई राजधानी देहरादून से संचालित की जा रही है. वहीं भाजपा की पिछली सरकार में बतौर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने एक कदम आगे बढ़ते हुए गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित किया था.
हालांकि गैरसैंण के विकास को लेकर के पूर्व की कांग्रेस सरकारों की भी महत्वपूर्ण भूमिका रही है और लगातार गैरसैंण सियासत के केंद्र में रहा है.लेकिन वर्तमान सरकार में पहली दफा है कि जब लंबे समय से गैरसैंण में ना तो कोई विधानसभा सत्र हुआ है और ना ही गैरसैंण को लेकर के कोई ज्यादा चर्चा हुई है. वहीं पिछली बार जब गैरसैंण में विधानसभा क्षेत्र होने जा रहा था तो विधायकों ने ठंड का बहाना बनाकर विधानसभा सत्र को देहरादून में आयोजित करने की मांग उठाई. जिसकी वजह से गैरसैंण में सत्र को टाल दिया गया और उसे देहरादून में किया गया.अब एक बार फिर से मानसून सत्र को गैरसैंण में आयोजित किए जाने की बात की जा रही है.