भीलवाड़ा. एशियाई कुश्ती प्रतियोगिता में भीलवाड़ा की बेटी ने गोल्ड मेडल हासिल कर देश का नाम रोशन किया है. अश्विनी बिश्नोई ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कहा कि बेटी बेटों से कम नहीं होती हैं, सिर्फ लगन और मेहनत के साथ खेल प्रतियोगिता में भाग लेना चाहिए, जिससे देश का नाम रोशन हो सके. उन्होंने कहा कि भविष्य में ओलंपिक में गोल्ड मेडल लाने का उनका लक्ष्य है. बता दें कि अश्वनी बिश्नोई के पिता ही उनके कोच हैं.
भाई को देख कुश्ती करने का मन बनाया : अश्वनी ने कहा कि खेल की प्रेरणा उन्हें उनके घर से मिली. उनके दादा, पिता, ताऊ और भाई भी पहलवान रह चुके हैं. वर्ष 2018 में उनके भाई को मेडल मिला था, जिसे देखकर उनके मन में भी खेल प्रतियोगिता में भाग लेने का ख्याल आया. इसके बाद पिता ने ही उन्हें कोच किया. एशियाई चैंपियनशिप प्रतियोगिता जॉर्डन की अमान सिटी में आयोजित की गई थी, जिसमें वो अंडर 17 में खेली और गोल्ड मेडल जीत कर आई हैं.
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पहले भी मिला गोल्ड मेडल : उन्होंने बताया कि पिछली बार अंडर 15 में 62 किलो वजन में गोल्ड मेडल मिला था. अब अंडर 17 में 65 किलो में गोल्ड मेडल मिला है. इससे बहुत खुशी है. अब ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतना है. अश्वनी विश्नोई ने कहा कि लोगों को बेटी और बेटों में फर्क नहीं समझना नहीं चाहिए. विपरीत परिस्थिति में अगर बेटे मुकाबला कर सकते हैं तो बेटियां भी कर सकती हैं.
हाल ही में जॉर्डन की अमान सिटी में 22 से 30 जून तक आयोजित एशियाई कुश्ती प्रतियोगिता में भीलवाड़ा की बेटी अश्वनी बिश्नोई ने 65 किलो वर्गभार में स्वर्ण पदक जीता है, जिसके बाद उनके घर सहित पूरे प्रदेश और देश में खुशी का माहौल है. अश्वनी बिश्नोई के भीलवाड़ा पहुंचने पर राजनेता और सामाजिक संगठन से जुड़े लोग और पदाधिकारी घर जाकर बधाई दे रहे हैं.