संभल : जिले के विलुप्त हो चुके तीर्थ स्थलों को संरक्षित किये जाने की कोशिशों के बीच एएसआई ने संभल के दो और प्राचीन तीर्थों का सर्वे किया है. सर्वे के दौरान यहां टीम ने बाकायदा फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी की है. टीम यहां लगभग डेढ़ घंटे तक रही.
संभल में विलुप्त हो चुके तमाम तीर्थ स्थलों, कुएं और कूपों को संरक्षित करने की दिशा में प्रशासन की कार्रवाई लगातार जारी है. एएसआई की टीम संभल की ऐतिहासिक धरोहरों का सर्वे कर रही है तो वहीं तीर्थ स्थलों, कुएं और कूपों का भी सर्वे कर रही है. गुरुवार को एसडीएम डॉ वंदना मिश्रा के साथ एएसआई की टीम संभल सदर के भद्रिका तीर्थ और चतुर्मुख कूप पर पहुंची. यहां टीम ने इन तीर्थ स्थलों का गहनता से परीक्षण किया. यहां से साक्ष्य जुटाए. इसके अलावा फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी भी की गई, हालांकि गुरुवार को टीम ने दो जगह सर्वे किया.
इस बाबत एसडीएम डॉ. वंदना मिश्रा ने बताया कि गुरुवार को भद्रिका आश्रम और चतुर्मुख कूप का सर्वे किया गया है. यहां स्ट्रक्चर मिला है. इन्हें एएसआई की टीम ने देखा है. इसकी स्टडी करने के बाद देखा जाएगा कि यह कितना पुराना है और इसका सरंक्षण कैसे किया जाए? उन्होंने बताया कि टीम ने चतुर्मुख कूप को भी देखा है. यह पत्थरों से बना है. एएसआई की टीम ने यहां नमूने भी लिए हैं. यह 19 प्राचीन कूपों में से एक है, वहीं मृत्यु कूप की खुदाई भी हो रही है. इसे किस तरह से संरक्षित किया जाए यह भी देखेंगे. इन्हें ब्रह्म कूप माना जाता है.