अशोकनगर। कांग्रेस ने लंबे मंथन के बाद गुना संसदीय क्षेत्र से लोकसभा उम्मीदवार के नाम का ऐलान कर दिया है. यहां से यादवेंद्र सिंह यादव को कांग्रेस ने प्रत्याशी घोषित किया है. वे ज्योतिरादित्य सिंधिया के खिलाफ ताल ठोकेंगे. राव परिवार इसके पहले भी दो बार सिंधिया परिवार के खिलाफ चुनाव लड़ चुका है और दोनों बार हार का सामना करना पड़ा है.
यादव वोट बैंक को साधने की कवायद
कांग्रेस पार्टी लंबे समय से गुना लोकसभा प्रत्याशी के लिए मंथन कर रही थी. इसके बाद कांग्रेस पार्टी ने गुना लोकसभा प्रत्याशी के रूप में राव यादवेंद्र सिंह यादव को टिकट दिया है. कयास लगाए जा रहे हैं की यादव वोट बैंक को साधने के लिए कांग्रेस पार्टी ने यह निर्णय लिया है.
देशराज सिंह ने दी थी सिंधिया परिवार को चुनौती
बता दें कि 1999 में ज्योतिरादित्य सिंधिया के पिताजी माधवराव सिंधिया के खिलाफ यादवेंद्र सिंह यादव के पिता राव देशराज सिंह यादव चुनाव लड़े थे. जिसमें देशराज सिंह यादव लगभग 2 लाख वोटों से पराजित हुए थे. माधव राव सिंधिया के निधन हो जाने के बाद उनके पुत्र ज्योतिरादित्य सिंधिया को पार्टी ने 2002 में टिकट दिया था. तब भी उनके सामने राव देशराज सिंह यादव ही मैदान में थे. इस उपचुनाव में देशराज सिंह लगभग चार लाख वोटों से पराजित हुए थे. 22 साल बाद अब यह तीसरा मौका है जब सिंधिया परिवार के खिलाफ राव परिवार से यादवेंद्र सिंह सामने हैं.
बीजेपी में हैं मां और भाई
गुना लोकसभा प्रत्याशी बनाए गए राव यादवेंद्र सिंह यादव के भाई और मां भाजपा में हैं. उनके भाई अजय यादव अशोक नगर जिला पंचायत अध्यक्ष भी हैं. बता दें कि परिवार के कई लोग बीजेपी के सदस्य हैं. अपने भाई और मां के भाजपा में होने की बात पर राव यादवेंद्र का कहना है कि "मेरे क्षेत्र में 18 लाख मतदाता हैं जो मेरे भाई और मां है. इसलिए वे ही इस पूरे चुनाव का फैसला करेंगे".
'लोकतंत्र और सामंतवाद के बीच है चुनाव'
गुना लोकसभा संसदीय क्षेत्र से प्रत्याशी बनाए गए राव यादवेंद्र सिंह यादव का कहना है कि "यह चुनाव लोकतंत्र और सामंतवाद के बीच में है. एक ऐसे व्यक्ति से है जिसे पिछली लोकसभा में क्षेत्र की जनता ने नकार दिया था लेकिन इसके बाद तानाशाही दिखाते हुए उन्होंने दोबारा इस क्षेत्र में जनता के बीच आने का मन बनाया है. इस चुनाव में भी जनता उन्हें अच्छा सबक सिखाएगी. यह लड़ाई न्याय और अन्याय के बीच है".