अशोकनगर। चंदेरी में तीन दिनों से गणगौर उत्सव की धूम है. इस उत्सव में मिट्टी से बने हुए भगवान शिव और पार्वती को बेसन और मैदा सहित सुंदर आभूषण पहनाकर उनकी पूजा-अर्चना की जाती है. तीन दिन चलने वाले गणगौर कार्यक्रम से पूर्व, बाहर से आई नर्तकियों के साथ गणगौर को नगर भ्रमण कराया गया. लगभग 100 साल पुरानी इस प्रथा में चंदेरी सहित बड़ी संख्या में बाहर से आए लोग भी शामिल हुए.
गणगौर नगर भ्रमण
चंदेरी में वर्षों से चले आ रहा गणगौर उत्सव मनाया जा रहा है. गण का मतलब है शिव और गौर का मतलब होता है पार्वती. परम्परा के अनुसार मिट्टी से बनी शिव और पार्वती की सुन्दर दो जोड़ी मूर्तियों को नगर भ्रमण कराया गया. इस दौरान नर्तकियों ने नृत्य की भी प्रस्तुति की. गणगौर के रूप में शिव और पार्वती की मूर्तियों को महिलाओं ने सिर पर रखकर पूरे शहर का भ्रमण किया. शाम को यह समारोह मां जागेश्वरी के मेले में पहुंची है. नृत्य आदि कार्यक्रम किए गए. मेले में आसपास के क्षेत्रों से आए हुए लोगों ने कार्यक्रम लुत्फ उठाया. गणगौर उत्सव कार्यक्रम रात के लगभग 10 बजे तक चला.
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महंगे आभूषण की साज-सज्जा
चंदेरी में गणगौर उत्सव लगभग 100 साल से भी अधिक समय से मनाते आ रहे है. जहां शिव और पार्वती की मूर्तियों का विशेष पूजा अर्चना किया जाता है. इसके बाद मूर्तियों को राजसी वेशभूषा के साथ नगर भ्रमण कराया जाता है. इस अवसर पर नृत्य की प्रस्तुति की भी परंपरा है. गणगौर को लाखों रुपए की साज-सज्जा की जाती है और कीमती आभूषण भी पहनाएं जाते हैं. ये आभूषण सोने-चांदी के होते हैं, जिनके निगरानी के लिए कड़ी सुरक्षा की व्यवस्था की जाती है. इसके लिए काफी संख्या में पुलिस बल हमेशा तैनात किए गए हैं.