जयपुर. राइजिंग राजस्थान इन्वेस्टमेंट समिट का उद्घाटन करने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 9 दिसंबर को जयपुर आ रहे हैं. इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पीएम मोदी से बाड़मेर पेट्रोलियम रिफाइनरी की बाकी अनुमतियां जल्द जारी करवाने और वहां पेट्रोकेमिकल कॉम्प्लेक्स का काम जल्द शुरू करवाने की मांग रखी है. उन्होंने कहा कि इसमें हो रही अनावश्यक देरी से वहां लगने वाले उद्योग गुजरात सहित अन्य राज्यों में चले जाएंगे. जिससे प्रदेश के लोगों के लिए मौके खत्म हो जाएंगे. अशोक गहलोत ने आज जयपुर में मीडिया से बातचीत में कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राइजिंग राजस्थान कार्यक्रम के लिए जयपुर आने वाले हैं. मैं उनसे राजस्थान के हित में निवेदन करता हूं कि वो पीएमओ को निर्देशित कर बाड़मेर रिफाइनरी से संबंधित सभी अनुमतियां जारी करवाएं और वहां पेट्रोकेमिकल कॉम्प्लेक्स का काम जल्द शुरू करवाएं.
31 दिसंबर से उत्पादन शुरू होने में संशय : अशोक गहलोत ने कहा कि जब उन्होंने 2 जून 2023 को बाड़मेर रिफाइनरी में कार्य की प्रगति समीक्षा बैठक की तब रिफाइनरी प्रशासन ने 31 दिसंबर 2024 से व्यवसायिक उत्पादन शुरू करने का आश्वासन दिया था. परंतु अब इस तारीख तक काम पूरा होने के आसार नहीं नजर आ रहे हैं. वे बोले- रिफाइनरी से निकलने वाले बाय प्रॉडक्ट्स से बनने वाले उत्पादों के लिए बाड़मेर से जोधपुर के बीच पेट्रोलियम केमिकल्स एंड पेट्रो इन्वेस्टमेंट रीजन (PC-PIR) विकसित किया जाना था. जिसमें तमाम तरीके के उद्योग लगाए जाने थे.
भाजपा सरकार आने के बाद ठप पड़ा काम : उन्होंने कहा, हमारी सरकार ने इसके लिए 2021 में ही जमीन आवंटन कर काम आगे बढ़ा दिया था, परंतु नई भाजपा सरकार आने के बाद PC-PIR का काम एकदम ठप पड़ गया है. कथित 'डबल इंजन' सरकार के बावजूद भी भारत सरकार ने PC-PIR के लिए जरूरी अनुमतियों को अभी तक लंबित रखा है. इसके कारण रिफाइनरी शुरू होने के बाद भी इन सब बाय प्रॉडक्ट्स की दूसरे राज्यों में प्रोसेसिंग होगी. PC-PIR से लगभग 1.5 लाख नए रोजगारों की उम्मीद थी जो अभी धूमिल होती दिख रही है.
राजस्थान के लोगों के लिए खत्म होंगे रोजगार के मौके : रिफाइनरी के इतिहास को याद करते हुए अशोक गहलोत ने कहा कि जनता भूली नहीं है कि पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के समय रिफाइनरी का काम 5 साल अटकाए रखा गया. जिससे इसकी निर्माण लागत 40,000 करोड़ रुपए से बढ़कर लगभग दोगुनी हो गई और राज्य सरकार पर अनावश्यक वित्तीय भार पड़ा. अब PC-PIR के काम में अनावश्यक देरी करने से यहां लगने वाले उद्योग दूसरे राज्यों में चले जाएंगे और यहां के युवाओं को मिलने वाले मौके भी समाप्त हो जाएंगे.
इन्वेस्टमेंट समिट के बाद 10-12 फीसदी ही आता निवेश : राइजिंग राजस्थान इन्वेस्टमेंट समिट को लेकर उन्होंने कहा कि हर सरकार इन्वेस्टमेंट लाने के प्रयास करती है. लेकिन ऐसे आयोजनों के बाद कितने प्रोजेक्ट धरातल पर उतरते हैं यह अहम है. पिछली सरकारों के समय भी ऐसे आयोजन हुए. हमारी सरकार के समय भी निवेश लाने के प्रयास हुए थे. लेकिन राजस्थान हो, गुजरात हो या उत्तर प्रदेश. कहीं भी दस फीसदी से ज्यादा का निवेश नहीं आया. क्योंकि निवेश करने वाले उद्योगपति कई बातों को ध्यान में रखकर उद्योग स्थापित करते हैं. उन्होंने राइजिंग राजस्थान के लिए सरकार को शुभकामनाएं भी दी. उन्होंने कहा, जब इवेंट होता है तो बहुत प्रचार-प्रसार होता है. लेकिन बाद में मुश्किल से 10-12 फीसदी निवेश आता है. हमारे समय भी इवेंट हुआ था. लेकिन मैं भी क्लेम नहीं कर सकता कि बड़ी संख्या में निवेश आया होगा.