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​ हल्द्वानी में आशा कार्यकर्ताओं और भोजन माताओं का हल्ला बोल, बुद्ध पार्क में दिया धरना प्रदर्शन, सरकार को दी चेतावनी - भोजन माताओं की चेतावनी

asha workers protest ​ हल्द्वानी में आशा और भोजन माताओं ने सरकार के हल्ला बोला. आशा और भोजन माताओं ने अपनी मांगों को लेकर हल्द्वानी बुद्ध पार्क में धरना प्रदर्शन किया. मांगे पूरी न होने पर प्रदर्शनकारियों ने चुनाव बहिष्कार की चेतावनी दी है.

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Feb 24, 2024, 3:36 PM IST

हल्द्वानी: आशा कार्यकर्ताओं और भोजन माताओं ने हल्द्वानी के बुद्ध पार्क में धरना प्रदर्शन करते हुए सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने सरकारी कर्मचारी घोषित करने के साथ ही उन्हें उचित मानदेय देने की मांग उठाई है.

हल्द्वानी के बुद्ध पार्क में में भारी संख्या में आशा कार्यकर्ताओं ने सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए कहा पिछले कई सालों से ग्रामीण एवं शहरी स्वास्थ्य सेवा की बुनियाद के रूप में आशा वर्कर्स सेवा देती आ रही हैं. आशाओं की सेवाओं का ही प्रतिफल है कि सरकारी संस्थागत प्रसव और जन्म मृत्यु की दर में उल्लेखनीय स्तर तक उपलब्धि हासिल हुई है. कोरोना महामारी के समय में जान जोखिम में डाल कर लगन के साथ पूरा पूरा किया, लेकिन सरकार ने पिछले एक दशक से आशाओं की वाजिब मेहनताना नहीं दे रही है. आशा कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया सरकार द्वारा उनको 11000 पर मानदेय देने के वादा किया गया था, लेकिन अभी तक घोषित किए गए मानदेय का कोई शासनादेश जारी नहीं हुआ.

आशाओं ने प्रदर्शन करते हुए कहा सरकार अगर जब उनकी मांगें नहीं मानी तो आगामी लोकसभा चुनाव में आशा कार्यकर्ता मतदान का बहिष्कार करेंगी. प्रदर्शन करते हुए आशा कार्यकर्ताओं ने कहा सरकार कम से कम उनको 26 हजार रुपए महीने का मानदेय और राज्य कर्मचारी का दर्जा दिया जाए. भोजन माता संगठन ने भी आज हल्द्वानी के बुद्ध पार्क में सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया. उन्होंने आरोप लगाया पिछले कई सालों से सरकारी स्कूलों में बच्चों को खाना बनाने के साथ-साथ अन्य सेवाएं दे रही हैं, लेकिन सरकार द्वारा मानदेय के तौर पर केवल ₹3000 महीना दिया जाता है. यहां तक की कई भोजन माताओ को बेवजह स्कूल प्रशासन द्वारा उनको निकाल दिया जाता है. भोजन माताओं ने प्रदर्शन करते हुए कहा कहा उनको न्यूनतम वेतन देने के साथ-साथ राज्य कर्मचारी का दर्जा दिया जाए. प्रदर्शनकारियों ने कहा पिछले कई सालों से सरकारी स्कूलों में सेवाएं दे रहे हैं, लेकिन उनको उचित मानदेय नहीं मिल रहा है. भोजन माताओं ने चेतावनी दी है कि अगर सरकार जल्द उनकी मांगे नहीं मानी तो आगामी लोकसभा चुनाव में प्रदेश के सभी भोजन माताएं परिवार सहित चुनाव बहिष्कार करेंगी.

पढे़ं-बीजेपी ने विजय, त्रिवेंद्र और मदन को सौंपी प्रबंधन समिति में जिम्मेदारी, क्या टिकट बंटवारे से पहले दावेदारी से हुए बाहर?

हल्द्वानी: आशा कार्यकर्ताओं और भोजन माताओं ने हल्द्वानी के बुद्ध पार्क में धरना प्रदर्शन करते हुए सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने सरकारी कर्मचारी घोषित करने के साथ ही उन्हें उचित मानदेय देने की मांग उठाई है.

हल्द्वानी के बुद्ध पार्क में में भारी संख्या में आशा कार्यकर्ताओं ने सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए कहा पिछले कई सालों से ग्रामीण एवं शहरी स्वास्थ्य सेवा की बुनियाद के रूप में आशा वर्कर्स सेवा देती आ रही हैं. आशाओं की सेवाओं का ही प्रतिफल है कि सरकारी संस्थागत प्रसव और जन्म मृत्यु की दर में उल्लेखनीय स्तर तक उपलब्धि हासिल हुई है. कोरोना महामारी के समय में जान जोखिम में डाल कर लगन के साथ पूरा पूरा किया, लेकिन सरकार ने पिछले एक दशक से आशाओं की वाजिब मेहनताना नहीं दे रही है. आशा कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया सरकार द्वारा उनको 11000 पर मानदेय देने के वादा किया गया था, लेकिन अभी तक घोषित किए गए मानदेय का कोई शासनादेश जारी नहीं हुआ.

आशाओं ने प्रदर्शन करते हुए कहा सरकार अगर जब उनकी मांगें नहीं मानी तो आगामी लोकसभा चुनाव में आशा कार्यकर्ता मतदान का बहिष्कार करेंगी. प्रदर्शन करते हुए आशा कार्यकर्ताओं ने कहा सरकार कम से कम उनको 26 हजार रुपए महीने का मानदेय और राज्य कर्मचारी का दर्जा दिया जाए. भोजन माता संगठन ने भी आज हल्द्वानी के बुद्ध पार्क में सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया. उन्होंने आरोप लगाया पिछले कई सालों से सरकारी स्कूलों में बच्चों को खाना बनाने के साथ-साथ अन्य सेवाएं दे रही हैं, लेकिन सरकार द्वारा मानदेय के तौर पर केवल ₹3000 महीना दिया जाता है. यहां तक की कई भोजन माताओ को बेवजह स्कूल प्रशासन द्वारा उनको निकाल दिया जाता है. भोजन माताओं ने प्रदर्शन करते हुए कहा कहा उनको न्यूनतम वेतन देने के साथ-साथ राज्य कर्मचारी का दर्जा दिया जाए. प्रदर्शनकारियों ने कहा पिछले कई सालों से सरकारी स्कूलों में सेवाएं दे रहे हैं, लेकिन उनको उचित मानदेय नहीं मिल रहा है. भोजन माताओं ने चेतावनी दी है कि अगर सरकार जल्द उनकी मांगे नहीं मानी तो आगामी लोकसभा चुनाव में प्रदेश के सभी भोजन माताएं परिवार सहित चुनाव बहिष्कार करेंगी.

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