जोधपुर. सफाईकर्मी होते हुए आरएएस परीक्षा उत्तीर्ण कर अधीनस्थ सेवा में चयनित होने के बाद सुर्खियों में छाने वाली आशा कंडारा (भाटी) एक बार फिर से चर्चा के केंद्र में हैं. इस बार आशा ने अपने नाम के विपरीत निराशाजनक काम किया है और उन्हें एसीबी ने रिश्वत लेते रंगे हाथों दबोचा है. बुधवार रात को एसीबी ने आशा को जैतारण के पास से 1 लाख 75 हजार की रिश्वत राशि के साथ पकड़ा. कार्रवाई के दौरान मौके पर आशा का बेटा और एक अन्य शख्स भी मौजूद था. सबसे खास बात यह है कि खुद आशा सफाईकर्मी थी और आरएएस में चयनित होने के बाद अपने वर्ग के उत्थान की बात कह रही थी, लेकिन उसे सफाईकर्मी भर्ती में चयन के लिए रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा गया. वर्तमान में आशा हेरिटेज नगर निगम जयपुर में सेवारत है.
एसीबी को जानकारी मिली थी कि वो सफाईकर्मी भर्ती के लिए लोगों से पैसा ले रही है. मंगलवार रात को वो जयपुर से पाली के लिए निकली थी. जैतारण में उसका बेटा रुपए लेकर पहुंचा. उसके साथ एक दलाल योगेंद्र चौधरी भी मौजूद था. जैतारण बर के बीच होटल शीतल में वो रुके थे. एसीबी इंस्पेक्टर कंचन भाटी ने सूचना पर कार्रवाई करते हुए उसे मौके से 1 लाख 75 हजार नकद राशि के साथ पकड़ा. साथ ही एसीपी की ओर से बताया गया कि नौकरी का सौदा साढ़े तीन लाख में तय हुआ था.
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गौर हो कि साल 2021 में आशा का जब आरएएस परीक्षा का परिणाम आया तो जोधपुर की सड़कों पर झाड़ू लगाने वाली आशा एकदम से मीडिया की सुर्खियों छा गई. आशा ने 1997 में 12वीं पास की थी. उसके बाद 2013 में पिता के कहने पर उसने फिर से पढ़ाई शुरू की. बीए करने के बाद उसने तैयारी शुरू की और 2018 आरएएस भर्ती के लिए फॉर्म भरा. प्री एग्जाम पास होने के बाद मुख्य परीक्षा पास की, लेकिन लंबी प्रक्रिया के दौरान परिवार को आर्थिक संबल भी चाहिए था. ऐसे में आशा ने नगर निगम में सफाईकर्मी की भर्ती के लिए आवेदन किया. जोधपुर नगर निगम में बतौर सफाईकर्मी काम शुरू किया और लगातार दो साल तक काम करती रही. इसी दौरान 2021 के फरवरी माह आरएएस भर्ती का परिणाम आया, जिसमें वो चयनित हुई थी.