देवघर: जिले में इस वर्ष शिक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए जिला प्रशासन और राज्य सरकार की तरफ से कई प्रयास किए जा रहे हैं. जिला प्रशासन की तरफ से देवघर जिले के स्कूलों में बेहतर शिक्षा व्यवस्था बहाल करने के लिए कई आदेश और निर्देश दिए गए हैं. जिला शिक्षा पदाधिकारी विनोद कुमार बताते हैं कि पिछले वर्ष देवघर जिले के खराब रिजल्ट को देखते हुए शिक्षा को बेहतर बनाने के लिए विभिन्न प्रकार के प्रोग्राम चलाए जा रहे हैं.
पिछले वर्ष तक जिले में शिक्षक की घोर कमी थी, लेकिन कुछ महीने पहले ही अन्य जिलों से शिक्षकों का ट्रांसफर यहां किया गया है और वे सभी अपने-अपने विद्यालय में योगदान देकर पठन-पाठन का कार्य कर रहे हैं. वहीं उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष खराब रिजल्ट को देखते हुए इस वर्ष जिला शिक्षा विभाग की तरफ से एक रणनीति बनाई गई है. जिसके तहत ये तय किया गया है कि सामान्य शिक्षा के साथ-साथ डिजिटल शिक्षा को भी बढ़ावा दिया जाए.
जिला शिक्षा पदाधिकारी विनोद कुमार ने कहा कि डिजिटल शिक्षा के माध्यम से वैसे स्कूलों में बच्चों को पढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है, जहां शिक्षकों की कमी है. जिले के विभिन्न स्कूलों में स्मार्ट क्लासेस के इंतजाम किए जा रहे हैं. ताकि बच्चे कंप्यूटर और अन्य तकनीक की भी जानकारी ले सकें. जिले के स्कूलों में बेहतर रिजल्ट बनाने के लिए एनसीईआरटी और जेसीईआरटी की किताबों की भी जानकारी दी जाती है. इसके साथ ही समय-समय पर बच्चों को ऐसी किताबें पढ़ाई जाती हैं ताकि जिले के गरीब और आर्थिक रूप से कमजोर बच्चे भी उच्च शिक्षा प्राप्त कर सकें.
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी एक्सीलेंस स्कूल के माध्यम से झारखंड की शिक्षा व्यवस्था को मजबूत करने में जुटे हुए हैं. लेकिन देवघर जिले के पिछले वर्ष के परिणाम को देखते हुए इस वर्ष किए जा रहे इंतजाम, शिक्षा व्यवस्था को कितना बेहतर करता है यह देखने वाली बात होगी.
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