पटना : शुक्रवार को छठ व्रतियों ने अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देकर अपने घर परिवार के लिए सुख समृद्धि की कामना की. इसके पहले पटना के घाटों पर लोगों का हुजूम उमड़ता रहा. अरघ देने के बाद छठवृतियों ने एक दूसरे को सिंदूर लगाया धूप जलाया और छठी मैया का गीत भी गाये. घाटों पर पारंपरिक गीत भी गूंजते रहे.
चैती छठ महापर्व की धूम : छठ महापर्व हिंदुओं का सबसे महान पर्व है. ये साल में दो बार मनाया जाता है. छठ महान पर्व की सबसे खूबसूरती यही है कि इसमें डूबते सूर्य को अर्घ्य देने की परंपरा है. चार दिनों तक चलने वाले अनुष्ठान के अंतिम दिन यानी सोमवार को व्रती सुबह उगते सूर्य को अरघ देकर पारन करेंगी. सबसे खास है कि इस महान पर्व में 36 घंटे का निर्जला व्रत रखा जाता है. यह पुत्र प्राप्ति के साथ-साथ घर में सुख शांति समृद्धि की कामना के लिए इस व्रत को किया जाता है.
चैती छठ कठिन व्रत : चैती छठ करने वालों की संख्या कम रहती है. लेकिन यह सबसे कठिन होता है. क्योंकि गर्मी के मौसम में यह चैती छठ किया जाता है. घाटों पर एसडीआरएफ और जिला प्रशासन की पुलिस बल मुस्तैद नजर आई. जिला प्रशासन के तरफ से मेडिकल कैंप नियंत्रण कक्ष भी घाटों पर बनाया गया है. चेंजिंग रूम भी बनाया गया है. घाटों पर किसी प्रकार की कोई कठिनाई न हो इसके लिए तमाम व्यवस्था किया गया है.
घाट पर एडीआरएफ की टीम तैनात : इसके साथ ही साथ लोकसभा चुनाव को लेकर के मतदाताओं को जागरूक के लिए जिला प्रशासन के तरफ से पोस्ट भी लगाए गए हैं. इस मौके पर पटना के दीघा घाट पर लोकतंत्र के महापर्व लोकसभा चुनाव को लेकर के मतदाताओं को जागरूक के लिए जगह-जगह पर पोस्टर लगाया गया है. वोटर सेल्फी जोन भी बनाया गया है, मेरा पहला वोट देश के लिए स्लोगन भी लिखा गया है.