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मेरिट में आने के बावजूद शिक्षक पद पर नियुक्ति नहीं देने पर मांगा जवाब - Appointment denied even after merit - APPOINTMENT DENIED EVEN AFTER MERIT

शिक्षक भर्ती 2022 लेवल 2 में कट ऑफ से ज्यादा अंक लाने पर भी नियुक्ति नहीं देने पर राजस्थान हाईकोर्ट ने संबंधित विभागों से जवाब तलब किया है. याचिकाकर्ता के अनुसार उसे इसलिए नियुक्ति देने से इनकार किया गया कि ऐच्छिक विषय के रूप में उसने स्नातक में अंग्रेजी नहीं पढ़ी.

Rajasthan High Court
राजस्थान हाईकोर्ट
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Apr 11, 2024, 5:46 PM IST

Updated : Apr 11, 2024, 6:01 PM IST

अधिक अंक लाकर भी नहीं मिली नियुक्ति, कोर्ट ने पूछा सवाल

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने शिक्षक भर्ती-2022 लेवल-2 में कट ऑफ से अधिक अंक लाने के बावजूद अभ्यर्थी को नियुक्ति नहीं देने पर राज्य सरकार से जवाब तलब किया है. अदालत ने शिक्षा सचिव, माध्यमिक शिक्षा निदेशक और कर्मचारी चयन बोर्ड से पूछा है कि मेरिट में आने के बावजूद भी अभ्यर्थी को नियुक्ति से वंचित क्यों किया गया है. जस्टिस गणेश राम मीणा की एकलपीठ ने यह आदेश लक्ष्मी बाई की ओर से दायर याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए.

याचिका में अधिवक्ता रामप्रताप सैनी ने अदालत को बताया कि कर्मचारी चयन बोर्ड ने दिसंबर, 2022 में शिक्षक लेवल-2 अंग्रेजी विषय के 6724 पदों के लिए भर्ती विज्ञापन जारी किया. भर्ती में याचिकाकर्ता के 199.80 अंक आए, जबकि कट ऑफ 199.10 रही. इसके बावजूद भी उसे यह कहते हुए नियुक्ति नहीं दी कि उसने स्नातक में ऐच्छिक विषय में रूप में अंग्रेजी नहीं पढ़ी. इसे चुनौती देते हुए कहा गया कि उसने अपनी स्नातक की डिग्री महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय, रोहतक से की है.

पढ़ें: अधिक अंक के बावजूद नियुक्ति नहीं, हाईकोर्ट ने नोटिस जारी कर पद रिक्त रखने को कहा - Rajasthan High Court

इस विश्वविद्यालय में अनिवार्य विषय के रूप में स्नातक के तीनों साल अंग्रेजी पढ़ाई जाती है. इसके अलावा वह राजस्थान पंचायती राज अधिनियम के तहत तय योग्यता भी पूरी रखती है. इसलिए सिर्फ ऐच्छिक विषय के तौर पर अंग्रेजी विषय की तीन साल पढ़ाई नहीं करने के आधार पर उसे नियुक्ति से वंचित करना गलत है. याचिकाकर्ता ने अंग्रेजी की तीन साल तक पढ़ाई की है. अंतर सिर्फ यह है कि स्नातक में अंग्रेजी विषय ऐच्छिक न होकर अनिवार्य विषय के तौर था. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है.

अधिक अंक लाकर भी नहीं मिली नियुक्ति, कोर्ट ने पूछा सवाल

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने शिक्षक भर्ती-2022 लेवल-2 में कट ऑफ से अधिक अंक लाने के बावजूद अभ्यर्थी को नियुक्ति नहीं देने पर राज्य सरकार से जवाब तलब किया है. अदालत ने शिक्षा सचिव, माध्यमिक शिक्षा निदेशक और कर्मचारी चयन बोर्ड से पूछा है कि मेरिट में आने के बावजूद भी अभ्यर्थी को नियुक्ति से वंचित क्यों किया गया है. जस्टिस गणेश राम मीणा की एकलपीठ ने यह आदेश लक्ष्मी बाई की ओर से दायर याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए.

याचिका में अधिवक्ता रामप्रताप सैनी ने अदालत को बताया कि कर्मचारी चयन बोर्ड ने दिसंबर, 2022 में शिक्षक लेवल-2 अंग्रेजी विषय के 6724 पदों के लिए भर्ती विज्ञापन जारी किया. भर्ती में याचिकाकर्ता के 199.80 अंक आए, जबकि कट ऑफ 199.10 रही. इसके बावजूद भी उसे यह कहते हुए नियुक्ति नहीं दी कि उसने स्नातक में ऐच्छिक विषय में रूप में अंग्रेजी नहीं पढ़ी. इसे चुनौती देते हुए कहा गया कि उसने अपनी स्नातक की डिग्री महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय, रोहतक से की है.

पढ़ें: अधिक अंक के बावजूद नियुक्ति नहीं, हाईकोर्ट ने नोटिस जारी कर पद रिक्त रखने को कहा - Rajasthan High Court

इस विश्वविद्यालय में अनिवार्य विषय के रूप में स्नातक के तीनों साल अंग्रेजी पढ़ाई जाती है. इसके अलावा वह राजस्थान पंचायती राज अधिनियम के तहत तय योग्यता भी पूरी रखती है. इसलिए सिर्फ ऐच्छिक विषय के तौर पर अंग्रेजी विषय की तीन साल पढ़ाई नहीं करने के आधार पर उसे नियुक्ति से वंचित करना गलत है. याचिकाकर्ता ने अंग्रेजी की तीन साल तक पढ़ाई की है. अंतर सिर्फ यह है कि स्नातक में अंग्रेजी विषय ऐच्छिक न होकर अनिवार्य विषय के तौर था. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है.

Last Updated : Apr 11, 2024, 6:01 PM IST
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