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बारिश के बाद लैंडस्लाइड जोन ने बढ़ाई सेब बागवानों की मुश्किलें, मार्ग क्षतिग्रस्त होने से हो रहा आर्थिक नुकसान - Difficulties of Apple Growers

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Aug 10, 2024, 10:54 PM IST

Updated : Aug 10, 2024, 11:01 PM IST

Difficulties of Apple Growers in Uttarkashi उत्तरकाशी के आराकोट-चिवां मलाना मार्ग क्षतिग्रस्त होने से सेब बागवानों को काफी परेशानी हो रही है. सड़क पर लगातार आ रहे मलबे से मजदूरों को सेब की पेटियां पीठ पर लादकर ट्रक तक ढोनी पड़ रही है.

Difficulties of Apple Growers in Uttarkash
बारिश के बाद लैंडस्लाइड जोन ने बढ़ाई सेब बागवानों की मुश्किलें (PHOTO- ETV Bharat)
बारिश के बाद लैंडस्लाइड जोन ने बढ़ाई सेब बागवानों की मुश्किलें (VIDEO-ETV Bharat)

उत्तरकाशी: मोरी प्रखंड के दूरस्थ क्षेत्र के आराकोट बंगाण में रूक-रूककर हो रही बारिश क्षेत्र के बागवानों के लिए मुसीबत का सबब बनी हुई है. क्षेत्र के मुख्य मोटर मार्ग आराकोट-चिवां मलाना के समीप भूस्खलन से मोटर मार्ग बार-बार बंद हो रहा है. जिस कारण ग्रामीणों और सेब बागवानों को भारी दिक्कतों से जूझना पड़ रहा है.

भूस्खलन और मोटर मार्ग के बार-बार बंद होने से क्षेत्रीय लोगों को आने जाने में परेशान हो रही है. साथ ही भूस्खलन से बार-बार आ रहे मलबे के चलते वाहनों की आवाजाही बंद हो रही है. क्षेत्र के चिंवा, जागटा, मोंडा सुदूरवर्ती क्षेत्रों के बगीचों से सेब पेटियां को मंडियों तक पहुंचाने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

क्षेत्र के मनमोहन चौहान, किशोर, राजेंद्र सिंह आदि बागवानों ने बताया है कि क्षेत्र में रूक-रूककर जारी बारिश से आराकोट-चिंवा के मोटर मार्ग मलाना के पास भूस्खलन से मार्ग बार-बार बंद हो रहा है. बताया कि इसी क्षेत्र में बाल्चा, मोंडा, चिंवा, जागटा आदि क्षेत्र के अधिकांश सेब बगीचे हैं. आजकल सेब तुडान और मंडियों तक पहुंचाने का कार्य चरम पर है. इसी सड़क मार्ग से हजारों पेटियां देश की विभिन्न मंडियों में पहुंचाई जाती है. पूरे प्रदेश में सबसे अधिक सेब उत्पादन इसी क्षेत्र में होता है. बावजूद इसके सरकार और प्रशासन क्षेत्र के प्रति उदासीन बना हुआ है.

बनी है दुर्घटना की आशंका: उन्होंने कहा कि रूक-रूककर हो रही बारिश और भूस्खलन से सड़क पर लगातार आ रहे मलबे से ट्रकों का आना भी बंद है. जिस कारण पेटियां मजदूरों को बगीचों से पीठ पर लादकर ट्रक तक ढोनी पड़ रही है जिससे आर्थिक नुकसान के साथ समय का भी नुकसान हो रहा है. इसके अलावा लैंडस्लाइड जोन पर किसी भी दुर्घटना की आशंका भी बनी रहती है.

MLA-DM से लगाई गुहार: ग्रामीणों और बागवानों ने बताया कि पूर्व में भी क्षेत्रीय विधायक दुर्गेश्वर लाल और जिलाधिकारी को पत्र भेजकर बागवानों की समस्या को देखते हुए तत्काल मलाणा सहित सभी मुख्य मोटर मार्गों को दुरुस्त करने की मांग की गई थी. लेकिन उस पर भी कोई अमल नहीं हुआ. ग्रामीणों ने लैंडस्लाइड जोन पर स्थाई रूप से जेसीबी मशीन रखने की मांग की, ताकि सेब की पेटियां समय पर मंडियों तक पहुंचाने में दिक्कत न हो.

मलबा हटाने का काम जारी: एसडीएम देवानंद शर्मा ने बताया कि ग्रामीण सेब-बागवानों की शिकायत पर पीएमजीएसवाई अधिशासी अभियंता को तत्काल चिंवा-के मलाणा में जेसीबी मशीन भेजकर बंद सड़क खोलने के निर्देश दिए गए हैं. ताकि क्षेत्र की सेब की पेटियां समय पर मंडियों तक पहुंच सके. वहीं दूसरी ओर कार्यदायी संस्था पीएमजीएसवाई सहायक अभियंता सुभाष दौरियाल ने बताया कि चिवां मोटर मार्ग का मलाना प्वाइंट काफी पहले से ही लैंडस्लाइड जोन है. जिस पर लगातार भूस्खलन हो रहा है. इससे कार्य करने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. वहां पर मार्ग खोलने का कार्य जारी है. मलबा हटाने का काम भी लगातार जारी है.

ये भी पढ़ेंः यात्रियों को अपने संसाधनों से गौरीकुंड पहुंचायेगी सरकार, तीन दिन में केदारनाथ पैदल मार्ग खुलने की उम्मीद

बारिश के बाद लैंडस्लाइड जोन ने बढ़ाई सेब बागवानों की मुश्किलें (VIDEO-ETV Bharat)

उत्तरकाशी: मोरी प्रखंड के दूरस्थ क्षेत्र के आराकोट बंगाण में रूक-रूककर हो रही बारिश क्षेत्र के बागवानों के लिए मुसीबत का सबब बनी हुई है. क्षेत्र के मुख्य मोटर मार्ग आराकोट-चिवां मलाना के समीप भूस्खलन से मोटर मार्ग बार-बार बंद हो रहा है. जिस कारण ग्रामीणों और सेब बागवानों को भारी दिक्कतों से जूझना पड़ रहा है.

भूस्खलन और मोटर मार्ग के बार-बार बंद होने से क्षेत्रीय लोगों को आने जाने में परेशान हो रही है. साथ ही भूस्खलन से बार-बार आ रहे मलबे के चलते वाहनों की आवाजाही बंद हो रही है. क्षेत्र के चिंवा, जागटा, मोंडा सुदूरवर्ती क्षेत्रों के बगीचों से सेब पेटियां को मंडियों तक पहुंचाने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

क्षेत्र के मनमोहन चौहान, किशोर, राजेंद्र सिंह आदि बागवानों ने बताया है कि क्षेत्र में रूक-रूककर जारी बारिश से आराकोट-चिंवा के मोटर मार्ग मलाना के पास भूस्खलन से मार्ग बार-बार बंद हो रहा है. बताया कि इसी क्षेत्र में बाल्चा, मोंडा, चिंवा, जागटा आदि क्षेत्र के अधिकांश सेब बगीचे हैं. आजकल सेब तुडान और मंडियों तक पहुंचाने का कार्य चरम पर है. इसी सड़क मार्ग से हजारों पेटियां देश की विभिन्न मंडियों में पहुंचाई जाती है. पूरे प्रदेश में सबसे अधिक सेब उत्पादन इसी क्षेत्र में होता है. बावजूद इसके सरकार और प्रशासन क्षेत्र के प्रति उदासीन बना हुआ है.

बनी है दुर्घटना की आशंका: उन्होंने कहा कि रूक-रूककर हो रही बारिश और भूस्खलन से सड़क पर लगातार आ रहे मलबे से ट्रकों का आना भी बंद है. जिस कारण पेटियां मजदूरों को बगीचों से पीठ पर लादकर ट्रक तक ढोनी पड़ रही है जिससे आर्थिक नुकसान के साथ समय का भी नुकसान हो रहा है. इसके अलावा लैंडस्लाइड जोन पर किसी भी दुर्घटना की आशंका भी बनी रहती है.

MLA-DM से लगाई गुहार: ग्रामीणों और बागवानों ने बताया कि पूर्व में भी क्षेत्रीय विधायक दुर्गेश्वर लाल और जिलाधिकारी को पत्र भेजकर बागवानों की समस्या को देखते हुए तत्काल मलाणा सहित सभी मुख्य मोटर मार्गों को दुरुस्त करने की मांग की गई थी. लेकिन उस पर भी कोई अमल नहीं हुआ. ग्रामीणों ने लैंडस्लाइड जोन पर स्थाई रूप से जेसीबी मशीन रखने की मांग की, ताकि सेब की पेटियां समय पर मंडियों तक पहुंचाने में दिक्कत न हो.

मलबा हटाने का काम जारी: एसडीएम देवानंद शर्मा ने बताया कि ग्रामीण सेब-बागवानों की शिकायत पर पीएमजीएसवाई अधिशासी अभियंता को तत्काल चिंवा-के मलाणा में जेसीबी मशीन भेजकर बंद सड़क खोलने के निर्देश दिए गए हैं. ताकि क्षेत्र की सेब की पेटियां समय पर मंडियों तक पहुंच सके. वहीं दूसरी ओर कार्यदायी संस्था पीएमजीएसवाई सहायक अभियंता सुभाष दौरियाल ने बताया कि चिवां मोटर मार्ग का मलाना प्वाइंट काफी पहले से ही लैंडस्लाइड जोन है. जिस पर लगातार भूस्खलन हो रहा है. इससे कार्य करने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. वहां पर मार्ग खोलने का कार्य जारी है. मलबा हटाने का काम भी लगातार जारी है.

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Last Updated : Aug 10, 2024, 11:01 PM IST
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