ETV Bharat / state

महिला आयोग में उपाध्यक्ष बनाए जाने से अपर्णा यादव नाखुश, दिल्ली में BJP के बड़े नेताओं से मिलेंगी - BJP leader Aparna Yadav

भारतीय जनता पार्टी की नेता और सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव को हाल ही में महिला आयोग में उपाध्यक्ष बनाया गया है, हालांकि अपर्णा इससे नाखुश हैं.

महिला आयोग की उपाध्यक्ष बनाए जाने से अपर्णा यादव नाखुश बताई जाती हैं.
महिला आयोग की उपाध्यक्ष बनाए जाने से अपर्णा यादव नाखुश बताई जाती हैं. (Photo Credit; ETV Bharat)
author img

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 5, 2024, 7:02 PM IST

लखनऊ : भारतीय जनता पार्टी की नेता और सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव को हाल ही में महिला आयोग में उपाध्यक्ष बनाया गया है, जबकि आगरा की बबीता चौहान को अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सौंपी गई है. सूत्र बताते हैं कि पार्टी के इस फैसले से अपर्णा यादव नाखुश हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि यह जिम्मेदारी उनके कद से कहीं छोटी है. बताया यह भी जा रहा है कि अपर्णा ने गुरुवार को महिला एवं बाल विकास विभाग की मंत्री बेबी रानी मौर्य से मिलकर अपनी नाखुशी जाहिर की है. इस संबंध में अपर्णा यादव से बात करने का प्रयास किया गया, लेकिन उन्होंने बात नहीं की. व्हाट्सएप मैसेज देखने के बाद उसका भी कोई रिप्लाई नहीं आया. इस बीच खबर आई है कि अपर्णा भाजपा के शीर्ष नेताओं से मिलने के लिए दिल्ली रवाना हो चुकी हैं.

अपर्णा जनवरी 2022 में भाजपा की सदस्य बनीं. इसके बाद से ही पार्टी की राजनीति में वह सक्रिय हैं.
अपर्णा जनवरी 2022 में भाजपा की सदस्य बनीं. इसके बाद से ही पार्टी की राजनीति में वह सक्रिय हैं. (Photo Credit; ETV Bharat)

यूं बढ़ी भाजपा से नजदीकी : दरअसल, वर्ष 2011 में मुलायम सिंह यादव के छोटे बेटे प्रतीक यादव से अपर्णा यादव का विवाह हुआ था. अपर्णा यादव शुरुआत से ही समाज सेवा के क्षेत्र में सक्रिय थीं. गोशाला और एनजीओ के माध्यम से सेवा कार्यों को लेकर मीडिया में सुर्खियों में आती रहती थीं. वह बहुमुखी प्रतिभा की धनी हैं. समाजसेवा ही नहीं, वह संगीत और गायन के क्षेत्र में भी दखल रखती हैं. हालांकि उनकी महत्वाकांक्षा कहीं बड़ी रही है. 2017 के विधानसभा चुनावों में अपर्णा यादव लखनऊ की कैंट विधानसभा सीट से सपा के टिकट पर भाजपा प्रत्याशी रीता बहुगुणा जोशी के खिलाफ चुनाव मैदान में उतरीं, लेकिन उन्हें पराजय का सामना करना पड़ा. इसके बाद यादव परिवार में कुछ आपसी मतभेद भी सामने आए. इसके बाद अपर्णा को लगा कि शायद 2022 के विधानसभा चुनावों में सपा से उन्हें टिकट नहीं मिलेगा. साथ ही प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से उनके अच्छे रिश्ते थे. साथ ही वह सार्वजनिक तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करने में हिचकिचाती नहीं थीं. ऐसे में उनका भाजपा में जाने का रास्ता आसान था.

भाजपा के वरिष्ठ नेता और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ अपर्णा यादव.
भाजपा के वरिष्ठ नेता और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ अपर्णा यादव. (Photo Credit; ETV Bharat)

जनवरी 2022 में भाजपा की सदस्य बनीं : जनवरी 2022 में अपर्णा यादव ने दिल्ली में भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली. उन्हें लगता था कि भाजपा में उन्हें जल्दी ही कोई जिम्मेदारी मिल जाएगी, जिससे वह समाज के लिए कुछ कर सकें. हालांकि ऐसा हुआ नहीं. 2022 के विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी ने उन्हें टिकट तक नहीं दिया. हालांकि वह प्रचार में सक्रिय रहीं. इसके बाद उन्होंने दो साल इंतजार किया. लोगों को उम्मीद थी कि 2024 के लोकसभा चुनावों शायद पार्टी उन्हें कोई मौका दे, लेकिन वह भी नहीं हुआ. इस दौरान विधान परिषद की कई सीटों पर चुनाव हुए, वहां भी अपर्णा का नाम नहीं आया. इसके बाद चर्चा होने लगी कि शायद अपर्णा को भाजपा से ऐसी उम्मीद नहीं थी और वह निराश हैं. इस दौरान उनकी सक्रियता भी कम देखी गई.

महिला आयोग की उपाध्यक्ष बनने से नाखुश: वहीं विगत 03 सितंबर को प्रदेश सरकार ने महिला आयोग के पदाधिकारियों की घोषणा कर दी, जिसमें अपर्णा यादव को उपाध्यक्ष बनाया गया था, जबकि आगरा की बबीता चौहान को आयोग के अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी दी गई थी. वहीं गोरखपुर की तारू चौधरी को भी आयोग में उपाध्यक्ष पद की जिम्मेदारी मिली है. सोशल मीडिया प्लेटफार्म 'एक्स' पर सक्रिय रहने वाली अपर्णा यादव ने अपने मनोनयन पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी थी. इसके बाद ही यह माना जाने लगा था कि वह इस पद से संतुष्ट नहीं हैं और वह शायद ही अपना पदभार ग्रहण करें. सूत्र बताते हैं कि अपर्णा ने अपनी बात भाजपा नेतृत्व को शालीनता से बता दी है. यह भी कहा जा रहा है कि अपर्णा की नाराजगी के कारण ही अब तक आयोग की अध्यक्ष व अन्य पदाधिकारियों ने पदभार ग्रहण नहीं किया है.

इस संबंध में अपर्णा यादव से बात करने का प्रयास किया गया, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया. अपर्णा यादव को वाट्सएप पर भी मैसेज किया गया, किंतु उन्होंने मैसेज पढ़ा तो पर जवाब नहीं दिया. महिला कल्याण एवं बाल विकास मंत्री बेबी रानी मौर्य से भी बातचीत का प्रयास किया गया, किंतु उनके पीए ने बात में बात कराने के लिए कहा. उनसे वाट्सएप पर भी पक्ष जानने का प्रयास किया गया, लेकिन अब तक कोई जवाब नहीं आया है. इस संबंध में भाजपा प्रवक्ता हीरो बाजपेयी से भी बात की गई, लेकिन उन्होंने भी प्रकरण में किसी भी प्रकार की जानकारी होने से इनकार कर दिया.

दिल्ली रवाना हुईं : सूत्र बताते हैं कि अपर्णा यादव भाजपा के शीर्ष नेताओं से इस मसले पर बात करने के लिए दिल्ली रवाना हो गईं हैं. महिला आयोग की अध्यक्ष बनाए जाने के बाद से अपर्णा की कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. इसलिए अब सबकी नजरें उनके दिल्ली में अगले कदम पर होंगी.

यह भी पढ़ें : बबीता चौहान यूपी महिला आयोग की अध्यक्ष, मुलायम की पुत्रवधू अपर्णा यादव उपाध्यक्ष बनाई गईं - Babita Chauhan Chairperson

लखनऊ : भारतीय जनता पार्टी की नेता और सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव को हाल ही में महिला आयोग में उपाध्यक्ष बनाया गया है, जबकि आगरा की बबीता चौहान को अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सौंपी गई है. सूत्र बताते हैं कि पार्टी के इस फैसले से अपर्णा यादव नाखुश हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि यह जिम्मेदारी उनके कद से कहीं छोटी है. बताया यह भी जा रहा है कि अपर्णा ने गुरुवार को महिला एवं बाल विकास विभाग की मंत्री बेबी रानी मौर्य से मिलकर अपनी नाखुशी जाहिर की है. इस संबंध में अपर्णा यादव से बात करने का प्रयास किया गया, लेकिन उन्होंने बात नहीं की. व्हाट्सएप मैसेज देखने के बाद उसका भी कोई रिप्लाई नहीं आया. इस बीच खबर आई है कि अपर्णा भाजपा के शीर्ष नेताओं से मिलने के लिए दिल्ली रवाना हो चुकी हैं.

अपर्णा जनवरी 2022 में भाजपा की सदस्य बनीं. इसके बाद से ही पार्टी की राजनीति में वह सक्रिय हैं.
अपर्णा जनवरी 2022 में भाजपा की सदस्य बनीं. इसके बाद से ही पार्टी की राजनीति में वह सक्रिय हैं. (Photo Credit; ETV Bharat)

यूं बढ़ी भाजपा से नजदीकी : दरअसल, वर्ष 2011 में मुलायम सिंह यादव के छोटे बेटे प्रतीक यादव से अपर्णा यादव का विवाह हुआ था. अपर्णा यादव शुरुआत से ही समाज सेवा के क्षेत्र में सक्रिय थीं. गोशाला और एनजीओ के माध्यम से सेवा कार्यों को लेकर मीडिया में सुर्खियों में आती रहती थीं. वह बहुमुखी प्रतिभा की धनी हैं. समाजसेवा ही नहीं, वह संगीत और गायन के क्षेत्र में भी दखल रखती हैं. हालांकि उनकी महत्वाकांक्षा कहीं बड़ी रही है. 2017 के विधानसभा चुनावों में अपर्णा यादव लखनऊ की कैंट विधानसभा सीट से सपा के टिकट पर भाजपा प्रत्याशी रीता बहुगुणा जोशी के खिलाफ चुनाव मैदान में उतरीं, लेकिन उन्हें पराजय का सामना करना पड़ा. इसके बाद यादव परिवार में कुछ आपसी मतभेद भी सामने आए. इसके बाद अपर्णा को लगा कि शायद 2022 के विधानसभा चुनावों में सपा से उन्हें टिकट नहीं मिलेगा. साथ ही प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से उनके अच्छे रिश्ते थे. साथ ही वह सार्वजनिक तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करने में हिचकिचाती नहीं थीं. ऐसे में उनका भाजपा में जाने का रास्ता आसान था.

भाजपा के वरिष्ठ नेता और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ अपर्णा यादव.
भाजपा के वरिष्ठ नेता और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ अपर्णा यादव. (Photo Credit; ETV Bharat)

जनवरी 2022 में भाजपा की सदस्य बनीं : जनवरी 2022 में अपर्णा यादव ने दिल्ली में भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली. उन्हें लगता था कि भाजपा में उन्हें जल्दी ही कोई जिम्मेदारी मिल जाएगी, जिससे वह समाज के लिए कुछ कर सकें. हालांकि ऐसा हुआ नहीं. 2022 के विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी ने उन्हें टिकट तक नहीं दिया. हालांकि वह प्रचार में सक्रिय रहीं. इसके बाद उन्होंने दो साल इंतजार किया. लोगों को उम्मीद थी कि 2024 के लोकसभा चुनावों शायद पार्टी उन्हें कोई मौका दे, लेकिन वह भी नहीं हुआ. इस दौरान विधान परिषद की कई सीटों पर चुनाव हुए, वहां भी अपर्णा का नाम नहीं आया. इसके बाद चर्चा होने लगी कि शायद अपर्णा को भाजपा से ऐसी उम्मीद नहीं थी और वह निराश हैं. इस दौरान उनकी सक्रियता भी कम देखी गई.

महिला आयोग की उपाध्यक्ष बनने से नाखुश: वहीं विगत 03 सितंबर को प्रदेश सरकार ने महिला आयोग के पदाधिकारियों की घोषणा कर दी, जिसमें अपर्णा यादव को उपाध्यक्ष बनाया गया था, जबकि आगरा की बबीता चौहान को आयोग के अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी दी गई थी. वहीं गोरखपुर की तारू चौधरी को भी आयोग में उपाध्यक्ष पद की जिम्मेदारी मिली है. सोशल मीडिया प्लेटफार्म 'एक्स' पर सक्रिय रहने वाली अपर्णा यादव ने अपने मनोनयन पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी थी. इसके बाद ही यह माना जाने लगा था कि वह इस पद से संतुष्ट नहीं हैं और वह शायद ही अपना पदभार ग्रहण करें. सूत्र बताते हैं कि अपर्णा ने अपनी बात भाजपा नेतृत्व को शालीनता से बता दी है. यह भी कहा जा रहा है कि अपर्णा की नाराजगी के कारण ही अब तक आयोग की अध्यक्ष व अन्य पदाधिकारियों ने पदभार ग्रहण नहीं किया है.

इस संबंध में अपर्णा यादव से बात करने का प्रयास किया गया, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया. अपर्णा यादव को वाट्सएप पर भी मैसेज किया गया, किंतु उन्होंने मैसेज पढ़ा तो पर जवाब नहीं दिया. महिला कल्याण एवं बाल विकास मंत्री बेबी रानी मौर्य से भी बातचीत का प्रयास किया गया, किंतु उनके पीए ने बात में बात कराने के लिए कहा. उनसे वाट्सएप पर भी पक्ष जानने का प्रयास किया गया, लेकिन अब तक कोई जवाब नहीं आया है. इस संबंध में भाजपा प्रवक्ता हीरो बाजपेयी से भी बात की गई, लेकिन उन्होंने भी प्रकरण में किसी भी प्रकार की जानकारी होने से इनकार कर दिया.

दिल्ली रवाना हुईं : सूत्र बताते हैं कि अपर्णा यादव भाजपा के शीर्ष नेताओं से इस मसले पर बात करने के लिए दिल्ली रवाना हो गईं हैं. महिला आयोग की अध्यक्ष बनाए जाने के बाद से अपर्णा की कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. इसलिए अब सबकी नजरें उनके दिल्ली में अगले कदम पर होंगी.

यह भी पढ़ें : बबीता चौहान यूपी महिला आयोग की अध्यक्ष, मुलायम की पुत्रवधू अपर्णा यादव उपाध्यक्ष बनाई गईं - Babita Chauhan Chairperson

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.