अनूपपुर। जिले के पुष्पराजगढ़ विकास खंड में बैगा जनजाति के लोग मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं. ग्राम पंचायत बोदा के माझेटोला में आजादी के 76 वर्ष बाद भी बैगा बाहूल्य क्षेत्र मूलभूत सुविधा से वंचित हैं. बोदा के माझेटोला की जहां आज भी सुविधाओं का नाम नहीं है. छोटे बच्चे बिजली न होने के चलते दीपक जलाकर अंधेरे में पढ़ाई कर रहे हैं. स्कूल, आगनबाड़ी भवन दूर होने के चलते बच्चे पढाई से भी वंचित रह जाते हैं. इस गांव मे न तो पक्की सड़क है और न ही पीने के लिए पर्याप्त पानी है.
सरकारी योजनाएं यहां नहीं
ग्रामीणों का कहना है कि गांव में शौचालय भी नहीं बने हैं. इस गांव में उज्ज्वला योजना का लाभ भी लोगों को नहीं मिल सका है. इन आदिवासी ग्रामीणों ने आज तक बिजली नहीं देखी है. बोदा पंचायत का माझेटोला गांव बैगा बाहुल्य क्षेत्र के अन्तर्गत आता है. इस गांव की आबादी 125 के करीब है. साथ ही बोदा पंचायत के छिंदीटोला, पड़ाव, घुर्री टोला मिलाकर बिजलीविहीन गांवों की आबादी 350 के करीब है. फिर भी इन टोला मजरों में आज तक ग्रामीणों ने बिजली नहीं देखी है.
ये खबरें भी पढ़ें... |
ग्रामीणों ने बताया दर्द
ग्रामीणों ने बताया कि हमारे गांव मे बिजली, पानी, सड़क, शौचालय जैसी सुविधाएं नहीं हैं. बिजली कंपनी के अधिकारियों ने सर्वे तो किया है पर कब तक बिजली गांव पहुंचेगी, यह कहा नहीं जा सकता. ग्रामीणों का कहना है कि हमारे बच्चे स्कूल आंगनबाड़ी दूर होने के चलते रोजाना पढ़ाई के लिए नही जा पाते, जिससे इन बच्चों का भविष्य भी अंधकार में जा रहा है. शासन की योजनाएं इस गांव तक नहीं पहुंच पाती. अधिकारियों को इन गांवों से जैसे कोई मतलब ही नहीं है.