लखनऊ: अकबरनगर बस्ती को ध्वस्त करने की कार्रवाई के एक सप्ताह से अधिक का समय बीतने के बाद अब यहां बस्ती के सिर्फ निशान बाकी रह गए हैं. सिर्फ कुछ मकान बचे हैं. बाकी पूरी बस्ती मलबे के ढेर में तब्दील हो चुकी है. बड़े-बड़े मकान और शोरूम मिट्टी में मिलाए जा चुके हैं. 1300 से अधिक निर्माण यहां गिराए जा चुके हैं. अब यहां ऊंची इमारत में केवल कुछ धर्मस्थल ही बाकी रह गए हैं. रात में यहां बचे हुए धर्मस्थलों और निर्माण को गिराया गया. बाकी चारो तरफ मलबा ही मलबा दिखाई दे रहा है. अगले दो से तीन दिन में पूरी बस्ती मिट्टी में मिलाई जा चुकी होगी. इसके बाद यह पूरा अभियान समाप्त हो जाएगा.
अकबरनगर बस्ती में लखनऊ विकास प्राधिकरण के बुलडोजर बकरीद के एक दिन बाद पूरे दिन गरजते रहे. मंगलावर सुबह 10:00 बजे से लेकर शाम ढलने तक यह कार्रवाई जारी रही. लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष डॉ इंद्रमणि त्रिपाठी ने बताया, कि अकबर नगर प्रथम में चलाये गये ध्वस्तीकरण अभियान का विवरण दिया गया है. अकबर नगर में पहले ध्वस्त किये गये अवैध निर्माण की कुल संख्या मंगलवार को 171 रही. दूसरी बार तक यह संख्या 1320 हो गई. बड़ी पुकलैंड मशीन- 15, जेसीबी- 12 वाटर टैंकर- 15 लगाए हैं.
डॉ इंद्रमणि त्रिपाठी ने बताया, अकबर नगर के 1898 अध्यासियों को प्रधानमंत्री आवास आवंटित किये गये हैं. सभी लोगों को आवंटन पत्र दिया जा चुका है. सभी ने कब्जा भी ले लिया है. दूसरी ओर अब यहां जो साइक्लोट्रॉन ट्रक मालवा है, उसे हटाने के लिए नगर निगम काम शुरू करेगा. यह जमीन खाली होने के बाद कुकरेल रिवर फ्रंट पर विकास शुरू किया जाएगा और अवैध बस्ती की वजह से मृत हो चुकी नदी को पुनर्जीवित किया जाएगा. साबरमती रिवरफ्रंट की तर्ज पर कुकरेल रिवर फ्रंट का निर्माण किया जाएगा.
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