फर्रुखाबाद: सदर तहसील के एक कमरे में बुधवार दोपहर करीब एक बजे अचानक से छह-सात लोग घुस गए और पिपरगांव क्षेत्र के कानूनगो विवेक तिवारी और उसके कंझियाना, जहानगंज निवासी निजी सहयोगी उमाशंकर को पकड़ लिया. अचानक शोरगुल होने से तहसील के अन्य कर्मचारी भी निकल आए. तब पता चला कि कानूनगो और उसके सहयोगियों को पकड़ने वाली टीम एंटी करप्शन विभाग की है. इसके बाद एंटी करप्शन की टीम कानूनगो और सहयोगी को मऊदरवाजा थाने ले गई.
मुरहास जैतपुर निवासी अमर सिंह कुशवाह ने बताया कि उनके साढ़े 13 बीघा खेत की पैमाइश होनी थी. उन्होंने एक बार आदेश कराया तो उसे निरस्त कर दिया गया. दोबारा फिर पैमाइश का आदेश कराया तो कानूनगो विवेक तिवारी ने उनसे 10 हजार रुपये रिश्वत मांगी. परेशान होकर उन्होंने कानपुर में एंटी करप्शन से संपर्क किया. वहां से 10 हजार रुपये लेकर टीम के साथ वह सदर तहसील पहुंचे. कमरे में बैठे सहयोगी उमाशंकर ने पहले रुपये गिने, फिर कानूनगो ने गिनकर रुपये जेब में रख लिए.
इसी दौरान पहुंचे टीम प्रभारी जटाशंकर, इंस्पेक्टर मृत्युंजय मिश्रा, चंद्रभान चौहान, दरोगा अर्चना शुक्ला, आशीष कुमार आदि ने रिश्वत लेते रंगे हाथों दोनों को दबोच लिया. जानकारी के मुताबिक वह मूल रूप से फतेहपुर के थाना सदर कोतवाली के मोहल्ला हरिहरगंज निवासी है. गिरफ्तारी की रही चर्चा एंटी करप्शन की टीम की कार्रवाई होते ही कमरों में काम कर रहे कर्मचारी बाहर निकल आए. लेखपाल भी एकत्रित होकर अचानक गिरफ्तारी को लेकर काफी चौकन्ने दिखे. इसको लेकर एक घंटे तक सभी पटलों पर कामकाज प्रभावित रहा. हर पटल पर गिरफ्तारी की ही चर्चा होती रही.