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यूपी में बिजली के निजीकरण का विरोध तेज, लखनऊ के साथ देशभर में बिजली पंचायत होगी

22 दिसंबर को लखनऊ में पंचायत में भाग लेंगे बिजली कर्मचारी. चढ़ीगढ़ के बिजली कर्मचारी भी पंचायत करेंगे.

बिजली के प्राइवेटाइजेशन विरोध में बैठक
बिजली के प्राइवेटाइजेशन विरोध में बैठक (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : 2 hours ago

Updated : 2 hours ago

लखनऊ: पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के प्राइवेटाइजेशन के विरोध में देशभर के बिजली कर्मी 13 दिसंबर और 19 दिसंबर तक विरोध प्रदर्शन करेंगे. इसके लिए उत्तर प्रदेश के साथ देशभर में सभाएं आयोजित की जाएंगी. 22 दिसंबर को लखनऊ और 25 दिसंबर को चंडीगढ़ में बिजली पंचायत का आयोजन किया जाएगा. नेशनल कोऑर्डिनेशन कमेटी ऑफ इलेक्ट्रिसिटी इंप्लाइज एंड इंजीनियर्स की बुधवार को लखनऊ में बैठक हुई. राष्ट्रीय कार्य समिति की बैठक में कई तरह के निर्णय लिए गए.

समिति के वाइस प्रेसिडेंट सुभाष लांबा का कहना है कि उत्तर प्रदेश में विद्युत निगम के निजीकरण की एकतरफा कार्रवाई की जा रही है, जो बिल्कुल भी सही नहीं है. इसके विरोध में राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन किया जाएगा. 13 दिसंबर और 19 दिसंबर को देशभर में सभाएं की जाएंगी. निगमों के निजीकरण का काम बिना नोटिस दिए गुपचुप तरीके से करना बिल्कुल भी ठीक नहीं है.

ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन के अध्यक्ष शैलेंद्र दुबे का कहना है कि 27 लाख बिजलीकर्मी सड़क पर उतरने के लिए तैयार हो गए हैं. जिस दिन चंडीगढ़ की विद्युत व्यवस्था को निजी कंपनी को हैंड ओवर करने की कार्रवाई होगी, उसी दिन ये कार्रवाई दूसरे स्थान पर भी होगी. इसलिए 13 दिसंबर को बिजली कर्मी निजीकरण विरोधी दिवस के रूप में मनाएंगे.

शैलेंद्र दुबे ने बताया कि 19 दिसंबर काकोरी क्रांति के महानायक पंडित राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला खान और ठाकुर रोशन सिंह के बलिदान दिवस पर सभा का आयोजन किया जाएगा. शहीदों के सपनों का भारत बचाओ निजीकरण हटाओ दिवस मनाया जाएगा. जिला और परियोजना मुख्यालय पर सभा का आयोजन होगा. उन्होंने बताया कि लखनऊ में 22 दिसंबर और चंडीगढ़ में 25 दिसंबर को बिजली पंचायत में बिजली कर्मियों और उपभोक्ताओं के साथ ही बड़ी संख्या में किसान भी शामिल होंगे.

लखनऊ: पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के प्राइवेटाइजेशन के विरोध में देशभर के बिजली कर्मी 13 दिसंबर और 19 दिसंबर तक विरोध प्रदर्शन करेंगे. इसके लिए उत्तर प्रदेश के साथ देशभर में सभाएं आयोजित की जाएंगी. 22 दिसंबर को लखनऊ और 25 दिसंबर को चंडीगढ़ में बिजली पंचायत का आयोजन किया जाएगा. नेशनल कोऑर्डिनेशन कमेटी ऑफ इलेक्ट्रिसिटी इंप्लाइज एंड इंजीनियर्स की बुधवार को लखनऊ में बैठक हुई. राष्ट्रीय कार्य समिति की बैठक में कई तरह के निर्णय लिए गए.

समिति के वाइस प्रेसिडेंट सुभाष लांबा का कहना है कि उत्तर प्रदेश में विद्युत निगम के निजीकरण की एकतरफा कार्रवाई की जा रही है, जो बिल्कुल भी सही नहीं है. इसके विरोध में राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन किया जाएगा. 13 दिसंबर और 19 दिसंबर को देशभर में सभाएं की जाएंगी. निगमों के निजीकरण का काम बिना नोटिस दिए गुपचुप तरीके से करना बिल्कुल भी ठीक नहीं है.

ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन के अध्यक्ष शैलेंद्र दुबे का कहना है कि 27 लाख बिजलीकर्मी सड़क पर उतरने के लिए तैयार हो गए हैं. जिस दिन चंडीगढ़ की विद्युत व्यवस्था को निजी कंपनी को हैंड ओवर करने की कार्रवाई होगी, उसी दिन ये कार्रवाई दूसरे स्थान पर भी होगी. इसलिए 13 दिसंबर को बिजली कर्मी निजीकरण विरोधी दिवस के रूप में मनाएंगे.

शैलेंद्र दुबे ने बताया कि 19 दिसंबर काकोरी क्रांति के महानायक पंडित राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला खान और ठाकुर रोशन सिंह के बलिदान दिवस पर सभा का आयोजन किया जाएगा. शहीदों के सपनों का भारत बचाओ निजीकरण हटाओ दिवस मनाया जाएगा. जिला और परियोजना मुख्यालय पर सभा का आयोजन होगा. उन्होंने बताया कि लखनऊ में 22 दिसंबर और चंडीगढ़ में 25 दिसंबर को बिजली पंचायत में बिजली कर्मियों और उपभोक्ताओं के साथ ही बड़ी संख्या में किसान भी शामिल होंगे.

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Last Updated : 2 hours ago
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