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जेएनयू छात्रसंघ चुनावः मुख्य चुनाव समिति, जीआरसी और ऑब्जरवर्स की घोषणा, जल्दी आ सकती हैं चुनाव की तारीख

JNU Students Union Elections 2024: जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में छात्र संघ चुनाव को लेकर गुरुवार को मुख्य चुनाव समिति, जीआरसी और ऑब्जरवर्स की घोषणा हुई.

जेएनयू छात्रसंघ चुनाव
जेएनयू छात्रसंघ चुनाव
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Mar 7, 2024, 3:35 PM IST

नई दिल्लीः जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में छात्र संघ चुनाव को लेकर एक और पड़ाव पार हो गया है. सभी स्कूलों की जीबीएम संपन्न होने के बाद चुनाव समिति के लिए दिए गए सदस्यों के नामों को अंतिम रूप देते हुए डीन ऑफ स्टूडेंट (डीओएस) प्रोफेसर मनुराधा चौधरी ने चुनाव समिति के गठन का नोटिफिकेशन जारी कर दिया. साथ ही उन्होंने चुनाव संपन्न कराने के लिए दो और समिति के गठन की भी अधिसूचना जारी कर दी है. अब चुनाव समिति ने छात्र संघ चुनावों की तारीखें तय करने को लेकर मंथन शुरू कर दिया है. जल्द चुनाव समिति चुनाव की तारीखें का ऐलान कर सकता है.

डीओएस द्वारा घोषित मुख्य चुनाव समिति (सीईसी) में 40 छात्रों को जगह दी गई है. समिति का अध्यक्ष स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज में पीएचडी के छात्र शैलेंद्र कुमार को बनाया गया है. साथ ही अलग-अलग स्कूलों के अन्य 39 छात्रों को भी जगह दी गई है. ये सभी सदस्य स्कूलों की गवर्निंग बॉडी मीटिंग (जीबीएम) में चुनकर आए हैं.

सीईसी शैलेंद्र कुमार से चुनाव की तारीखों को लेकर ईटीवी भारत ने बातचीत की, तो उन्होंने बताया कि मंगलवार को ईसी की घोषणा हुई है. आज चुनाव की तारीखों पर विचार करने के लिए सीईसी और डीओएस के साथ बैठक होगी. इसके बाद जिन तारीखों पर सहमति बनेगी उन तारीखों में छात्र संघ चुनाव कराने की घोषणा की जाएगी.

वैसे जानकारों की मानें तो उम्मीद जताई जा रही है कि गुरुवार से सीईसी काम शुरू कर देगी. शुक्रवार को ही सीईसी और डीओएस के साथ बैठक हो जाएगी और तारीखों को तय कर लिया जाएगा. इसका कारण यह है कि लिंगदोह कमेटी सिफारिशों के अनुसार चुनाव का नोटिफिकेशन होने के आठ सप्ताह में चुनाव संपन्न कराना अनिवार्य है. इसलिए सीईसी इसमें देरी करेगी इसकी संभावना कम है.

शिकायत निवारण कक्ष (जीआरसी) का गठन: जेएनयू प्रशासन द्वारा छात्र संघ चुनाव से संबंधित शिकायतों का निपटारा कराने के लिए शिकायत निवारण कक्ष (जीआरसी) का भी गठन किया गया है. एक अध्यक्ष और पांच सदस्यों सहित कुल छह लोग इस समिति का कामकाज देखेंगे और चुनाव प्रक्रिया के दौरान आने वाली शिकायतों का निपटारा करेंगे. इनमें चुनाव आचार संहिता से संबंधित शिकायतें भी शामिल होंगी. समिति की अध्यक्ष खुद डीओएस मनुराधा चौधरी हैं. जबकि, अन्य सदस्यों में प्रोफेसर मंजू खारी, प्रोफेसर कौशल कुमार शर्मा, छात्र प्रतिनिधि के रूप में रंजना, निशांत यादव और आईएचए के डीआर और एआर को रखा गया है.

ऑब्जरवर्स की भी हुई नियुक्ति: छात्र संघ चुनाव के लिए जेएनयू कुलपति प्रोफेसर शांति श्री धुलीपुड़ी पंडित ने ऑब्जरवर्स की भी नियुक्ति की है. कुलपति द्वारा ऑब्जरवर्स की छह टीमें बनाई गई है. इनमें से पहली कमेटी में शामिल चार ऑब्जरवर पूरे स्कूल एरिया के लिए बनाए गए हैं. इसके अलावा उत्तराखंड, पश्चिमाबाद-1, पश्चिमाबाद-2, पूर्वांचल और दक्षिणपुरम के नाम से अन्य टीमें बनाई गई है. इन सभी टीमों में छह-छह सदस्य हैं. ये सदस्य अलग-अलग हॉस्टलों में चुनाव के समय निगरानी रखेंगे. चुनाव आचार संहित के उल्लंघन की शिकायत छात्र संगठन संबंधित इलाके के ऑब्जरवर से करेंगे. इसके बाद चीफ ऑब्जरवर द्वारा जांच करके डीओएस को रिपोर्ट सौंपी जाएगी. इसके बाद उस शिकायत का निस्तारण किया जाएगा.

एक स्कूल जीबीएम को लेकर एबीवीपी ने जताई थी आपत्ति: चार दिन पहले हुई सेंटर फॉर लैंग्वेज स्टडीज की जीबीएम में लेफ्ट द्वारा बाहरी छात्रों को बुलाने और प्रस्तावित नामों की जगह पहले से तय नामों को चुनने का आरोप लगाया था. साथ डीओएस को लिखित में आपत्ति जताकर दोबारा से जीबीएम कराने की मांग रखी थी. हालांकि, डीओएस प्रोफेसर मनुराधा चौधरी ने बातचीत में बताया कि अब कोई जीबीएम नहीं होगी. सीईसी की घोषणा हो गई है. अब सीईसी चुनाव की प्रक्रिया को आगे बढ़ाएगी.

नई दिल्लीः जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में छात्र संघ चुनाव को लेकर एक और पड़ाव पार हो गया है. सभी स्कूलों की जीबीएम संपन्न होने के बाद चुनाव समिति के लिए दिए गए सदस्यों के नामों को अंतिम रूप देते हुए डीन ऑफ स्टूडेंट (डीओएस) प्रोफेसर मनुराधा चौधरी ने चुनाव समिति के गठन का नोटिफिकेशन जारी कर दिया. साथ ही उन्होंने चुनाव संपन्न कराने के लिए दो और समिति के गठन की भी अधिसूचना जारी कर दी है. अब चुनाव समिति ने छात्र संघ चुनावों की तारीखें तय करने को लेकर मंथन शुरू कर दिया है. जल्द चुनाव समिति चुनाव की तारीखें का ऐलान कर सकता है.

डीओएस द्वारा घोषित मुख्य चुनाव समिति (सीईसी) में 40 छात्रों को जगह दी गई है. समिति का अध्यक्ष स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज में पीएचडी के छात्र शैलेंद्र कुमार को बनाया गया है. साथ ही अलग-अलग स्कूलों के अन्य 39 छात्रों को भी जगह दी गई है. ये सभी सदस्य स्कूलों की गवर्निंग बॉडी मीटिंग (जीबीएम) में चुनकर आए हैं.

सीईसी शैलेंद्र कुमार से चुनाव की तारीखों को लेकर ईटीवी भारत ने बातचीत की, तो उन्होंने बताया कि मंगलवार को ईसी की घोषणा हुई है. आज चुनाव की तारीखों पर विचार करने के लिए सीईसी और डीओएस के साथ बैठक होगी. इसके बाद जिन तारीखों पर सहमति बनेगी उन तारीखों में छात्र संघ चुनाव कराने की घोषणा की जाएगी.

वैसे जानकारों की मानें तो उम्मीद जताई जा रही है कि गुरुवार से सीईसी काम शुरू कर देगी. शुक्रवार को ही सीईसी और डीओएस के साथ बैठक हो जाएगी और तारीखों को तय कर लिया जाएगा. इसका कारण यह है कि लिंगदोह कमेटी सिफारिशों के अनुसार चुनाव का नोटिफिकेशन होने के आठ सप्ताह में चुनाव संपन्न कराना अनिवार्य है. इसलिए सीईसी इसमें देरी करेगी इसकी संभावना कम है.

शिकायत निवारण कक्ष (जीआरसी) का गठन: जेएनयू प्रशासन द्वारा छात्र संघ चुनाव से संबंधित शिकायतों का निपटारा कराने के लिए शिकायत निवारण कक्ष (जीआरसी) का भी गठन किया गया है. एक अध्यक्ष और पांच सदस्यों सहित कुल छह लोग इस समिति का कामकाज देखेंगे और चुनाव प्रक्रिया के दौरान आने वाली शिकायतों का निपटारा करेंगे. इनमें चुनाव आचार संहिता से संबंधित शिकायतें भी शामिल होंगी. समिति की अध्यक्ष खुद डीओएस मनुराधा चौधरी हैं. जबकि, अन्य सदस्यों में प्रोफेसर मंजू खारी, प्रोफेसर कौशल कुमार शर्मा, छात्र प्रतिनिधि के रूप में रंजना, निशांत यादव और आईएचए के डीआर और एआर को रखा गया है.

ऑब्जरवर्स की भी हुई नियुक्ति: छात्र संघ चुनाव के लिए जेएनयू कुलपति प्रोफेसर शांति श्री धुलीपुड़ी पंडित ने ऑब्जरवर्स की भी नियुक्ति की है. कुलपति द्वारा ऑब्जरवर्स की छह टीमें बनाई गई है. इनमें से पहली कमेटी में शामिल चार ऑब्जरवर पूरे स्कूल एरिया के लिए बनाए गए हैं. इसके अलावा उत्तराखंड, पश्चिमाबाद-1, पश्चिमाबाद-2, पूर्वांचल और दक्षिणपुरम के नाम से अन्य टीमें बनाई गई है. इन सभी टीमों में छह-छह सदस्य हैं. ये सदस्य अलग-अलग हॉस्टलों में चुनाव के समय निगरानी रखेंगे. चुनाव आचार संहित के उल्लंघन की शिकायत छात्र संगठन संबंधित इलाके के ऑब्जरवर से करेंगे. इसके बाद चीफ ऑब्जरवर द्वारा जांच करके डीओएस को रिपोर्ट सौंपी जाएगी. इसके बाद उस शिकायत का निस्तारण किया जाएगा.

एक स्कूल जीबीएम को लेकर एबीवीपी ने जताई थी आपत्ति: चार दिन पहले हुई सेंटर फॉर लैंग्वेज स्टडीज की जीबीएम में लेफ्ट द्वारा बाहरी छात्रों को बुलाने और प्रस्तावित नामों की जगह पहले से तय नामों को चुनने का आरोप लगाया था. साथ डीओएस को लिखित में आपत्ति जताकर दोबारा से जीबीएम कराने की मांग रखी थी. हालांकि, डीओएस प्रोफेसर मनुराधा चौधरी ने बातचीत में बताया कि अब कोई जीबीएम नहीं होगी. सीईसी की घोषणा हो गई है. अब सीईसी चुनाव की प्रक्रिया को आगे बढ़ाएगी.

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