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अंजुमन कमेटी सदस्यों ने वक्फ संशोधन बिल 2024 का किया विरोध, बोले- केंद्र सरकार बदनीयती से ला रही है बिल - opposed the Waqf Amendment Bill - OPPOSED THE WAQF AMENDMENT BILL

अजमेर की सैयदजादगान अंजुमन कमेटी ने केन्द्र सरकार के वक्फ (संशोधन) बिल 2024 पर ऐतराज किया है. कमेटी के सचिव का कहना है कि यह बिल मुसलमानों के खिलाफ है. इसमें केन्द्र सरकार की बदनीयती झलकती है.

opposed the Waqf Amendment Bill
अंजुमन कमेटी सदस्यों ने वक्फ संशोधन बिल 2024 का किया विरोध (Photo ETV Bharat Ajmer)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Aug 22, 2024, 7:56 PM IST

अंजुमन कमेटी सदस्यों ने वक्फ संशोधन बिल 2024 का किया विरोध (ETV Bharat Ajmer)

अजमेर: विश्व प्रसिद्ध सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह में खादिमों की संस्था सैयदजादगान अंजुमन कमेटी ने केन्द्र सरकार के वक्फ संशोधन) बिल 2024 का विरोध किया है. कमेटी के सचिव सैयद सरवर चिश्ती ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार बदनीयती से यह बिल लेकर आ रही है, जो निंदनीय है. इसके अलावा चिश्ती ने दरगाह के दीवान जैनुअल ओबेद्दीन और उनके साहबजादे सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती पर भी गंभीर आरोप लगाए है.

कमेटी के सचिव सैयद सरवर चिश्ती ने गुरुवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा कि कमेटी इस बिल को लाने के केन्द्र सरकार के कदम की निंदा करती है. उन्होंने कहा कि विपक्षी पार्टी की खिलाफत के कारण यह मामला जेपीसी में गया है, वहां खादिमों की भी नुमाइंदगी होनी चाहिए. दरगाह में असल स्टेक होल्डर्स (हिस्सेदार) खादिम है. उन्होंने कहा कि एशिया में 70 करोड़ मुसलमान है जो ख्वाजा गरीब नवाज की देन है. खादिम उस विरासत के संरक्षक है. कमेटी की मांग है कि वक्फ बोर्ड में हम किसी गैर मुस्लिम को नहीं चाहते और ना ही कलेक्टर को बोर्ड में रखना चाहते है. वक्फ एक्ट में संशोधन बर्दाश्त नहीं होगा.

पढ़ें: ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह के बाहर से तिरंगा रैली, वितरित किए तिरंगे झंडे

दरगाह दीवान आध्यात्मिक प्रमुख नहीं: अंजुमन कमेटी के सचिव चिश्ती ने दरगाह दीवान और उनके पुत्र पर भी ऊंगली उठाई. चिश्ती ने कहा कि केंद्र सरकार की गुड बुक्स में रहने के लिए दरगाह दीवान सैयद जैनुअल ओबेद्दीन और उनके पुत्र सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती हमेशा से मुस्लिम विरोधी मुद्दों का समर्थन करते आए हैं. दरगाह में आध्यात्मिक प्रमुख यदि कोई है तो ख्वाजा गरीब नवाज है, जबकि सैयद जैनुअल ओबेद्दीन और उनके पुत्र अपने आप को आध्यत्मिक प्रमुख बताकर सरकार और लोगों को भ्रमित करते आए हैं.

सज्जादानशीन काउंसिल पर उठाए सवाल: अंजुमन कमेटी के सचिव सैयद सरवर चिश्ती ने दरगाह दीवान के पुत्र सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती के संस्था ऑल इंडिया सूफी सज्जादानशीन काउंसिल पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं. उन्होंने कहा कि यह एक फेक ( फर्जी ) संस्था है. इसमें वे लोग जुड़े हुए है जो कौम को गुमराह कर रहे है. उन्होंने यह भी कहा कि दरगाह एक्ट के अंतर्गत सैयद जैनुअल अबेद्दीन के पुत्र सैयद नसीरुद्दीन का दरगाह में कोई भूमिका नहीं है. इन्होंने खुद अपने आपको दरगाह दीवान का उत्तराधिकारी नियुक्त कर लिया है जो गलत है.

यह भी पढ़ें: वक्फ संशोधन बिल के लिए JPC का गठन, किरेन रिजिजू ने 21 सांसदों के नाम दिए

देश की मौजूदा सरकार पर नहीं है विश्वास: कमेटी के सचिव ने कहा कि मुस्लिम मुद्दों को लेकर केंद्र की मौजूदा सरकार पर किसी भी तरह का भरोसा हमें नहीं है. केंद्र सरकार तुष्टिकरण के लिए वक्फ एक्ट में संशोधन बिल ला रही है, जबकि कांग्रेस सरकार के वक्त भी तुष्टिकरण नहीं था. चिश्ती ने कहा कि केंद्र सरकार का चाल चरित्र और चेहरा सही नहीं है. दस वर्षों से मुसलमानों पर केंद्र सरकार जुल्म ढहा रही है.

अंजुमन कमेटी सदस्यों ने वक्फ संशोधन बिल 2024 का किया विरोध (ETV Bharat Ajmer)

अजमेर: विश्व प्रसिद्ध सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह में खादिमों की संस्था सैयदजादगान अंजुमन कमेटी ने केन्द्र सरकार के वक्फ संशोधन) बिल 2024 का विरोध किया है. कमेटी के सचिव सैयद सरवर चिश्ती ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार बदनीयती से यह बिल लेकर आ रही है, जो निंदनीय है. इसके अलावा चिश्ती ने दरगाह के दीवान जैनुअल ओबेद्दीन और उनके साहबजादे सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती पर भी गंभीर आरोप लगाए है.

कमेटी के सचिव सैयद सरवर चिश्ती ने गुरुवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा कि कमेटी इस बिल को लाने के केन्द्र सरकार के कदम की निंदा करती है. उन्होंने कहा कि विपक्षी पार्टी की खिलाफत के कारण यह मामला जेपीसी में गया है, वहां खादिमों की भी नुमाइंदगी होनी चाहिए. दरगाह में असल स्टेक होल्डर्स (हिस्सेदार) खादिम है. उन्होंने कहा कि एशिया में 70 करोड़ मुसलमान है जो ख्वाजा गरीब नवाज की देन है. खादिम उस विरासत के संरक्षक है. कमेटी की मांग है कि वक्फ बोर्ड में हम किसी गैर मुस्लिम को नहीं चाहते और ना ही कलेक्टर को बोर्ड में रखना चाहते है. वक्फ एक्ट में संशोधन बर्दाश्त नहीं होगा.

पढ़ें: ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह के बाहर से तिरंगा रैली, वितरित किए तिरंगे झंडे

दरगाह दीवान आध्यात्मिक प्रमुख नहीं: अंजुमन कमेटी के सचिव चिश्ती ने दरगाह दीवान और उनके पुत्र पर भी ऊंगली उठाई. चिश्ती ने कहा कि केंद्र सरकार की गुड बुक्स में रहने के लिए दरगाह दीवान सैयद जैनुअल ओबेद्दीन और उनके पुत्र सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती हमेशा से मुस्लिम विरोधी मुद्दों का समर्थन करते आए हैं. दरगाह में आध्यात्मिक प्रमुख यदि कोई है तो ख्वाजा गरीब नवाज है, जबकि सैयद जैनुअल ओबेद्दीन और उनके पुत्र अपने आप को आध्यत्मिक प्रमुख बताकर सरकार और लोगों को भ्रमित करते आए हैं.

सज्जादानशीन काउंसिल पर उठाए सवाल: अंजुमन कमेटी के सचिव सैयद सरवर चिश्ती ने दरगाह दीवान के पुत्र सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती के संस्था ऑल इंडिया सूफी सज्जादानशीन काउंसिल पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं. उन्होंने कहा कि यह एक फेक ( फर्जी ) संस्था है. इसमें वे लोग जुड़े हुए है जो कौम को गुमराह कर रहे है. उन्होंने यह भी कहा कि दरगाह एक्ट के अंतर्गत सैयद जैनुअल अबेद्दीन के पुत्र सैयद नसीरुद्दीन का दरगाह में कोई भूमिका नहीं है. इन्होंने खुद अपने आपको दरगाह दीवान का उत्तराधिकारी नियुक्त कर लिया है जो गलत है.

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देश की मौजूदा सरकार पर नहीं है विश्वास: कमेटी के सचिव ने कहा कि मुस्लिम मुद्दों को लेकर केंद्र की मौजूदा सरकार पर किसी भी तरह का भरोसा हमें नहीं है. केंद्र सरकार तुष्टिकरण के लिए वक्फ एक्ट में संशोधन बिल ला रही है, जबकि कांग्रेस सरकार के वक्त भी तुष्टिकरण नहीं था. चिश्ती ने कहा कि केंद्र सरकार का चाल चरित्र और चेहरा सही नहीं है. दस वर्षों से मुसलमानों पर केंद्र सरकार जुल्म ढहा रही है.

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