जोधपुर: जोधपुर में भंवरी देवी अपहरण और हत्या मामले के बाद सबसे ज्यादा सुर्खियां अगर किसी मामले ने बटोरी, तो वह था ब्यूटीशियन अनिता चौधरी का मर्डर. जोधपुर में पहली बार इस तरह की नृशंस हत्या समाने आई थी. इसमें शव के 6 टुकड़े किए गए थे. इससे पूरे देश में अनिता चौधरी मर्डर चर्चा बन गया. मामले में सीबीआई जांच की अनुशंषा की गई है. हालांकि अभी तक सीबीआई ने जांच नहीं ली है.
मुख्य आरोपी गुलामुद्दीन के हत्या के बाद भाग जाने से इस मामले को नया रंग देने का भी प्रयास हुआ. लेकिन पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए मुबई से आरोपी को पकड़ लिया. इसके बावजूद करीब 20 दिन तक सीबीआई जांच को लेकर धरना प्रदर्शन हुआ. शव का अंतिम संस्कार नहीं हुआ. अंतत सरकार ने सीबीआई जांच की अनुशंषा कर दी जिसके चलते 19 नवंबर को धरना समाप्त हो गया. लेकिन सीबाीआई जांच अभी तक शुरू नहीं हुई है. जोधपुर पुलिस के डीसीपी पश्चिम राजर्षिराज वर्मा का कहना है कि अभी तक जांच हमारे पास ही हैं. सीबीआई ने अभी जांच नहीं ली है. परिजन जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं.
घर पर नोटिस की भरमार: इस मामले में अनिता चौधरी के पति मनमोहन चौधरी व पुत्र राहुल चौधरी को बयान देने के लिए पुलिस लगातार बुला रही है. लेकिन दोनों पिता-पुत्र नहीं जा रहे हैं. पूरे समय इनके घर पर ताला लटका रहता है. पुलिस जांच में सहयोग देने का नोटिस यहां चिपका रही है. लेकिन दोनों अभी तक पुलिस के बुलावे पर नहीं गए हैं. डीसीपी ने बताया कि अनिता चौधरी हत्या मामले में उनके घर व ब्यूटी पार्लर की भी तलाशी लेनी है, लेकिन परिजन सहयोग नहीं कर रहे हैं. जिसके चलते जांच की यथास्थिति बनी हुई हैं.
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फिर बेनीवाल की शरण में पहुंचे परिजन: अनिता चौधरी के 24 अक्टूबर को पार्लर से निकलने के बाद 30 अक्टूबर को 6 टुकड़ों में शिव मिला था. इसी दिन से परिजन इस मामले में आरोपी गुलामुद्दीन के अलावा कई बड़े नाम की आशंका जताते हुए नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल के समर्थकों के साथ धरने पर बैठ गए थे. सरकार द्वारा सीबीआई जांच की मांग मानने और पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई और मुआवजे मांग मानने पर 19 नवंबर को अनिता के शव का पोस्टमार्टम हुआ था. लेकिन मांगे आज तक पूरी नहीं हुई हैं. हाल ही में उसके पति मनमोहन चौधरी और पुत्र राहुल चौधरी नागौर सांसद से फिर मिले और उनसे सीबीआई जांच के लिए सहयोग करने का कहा.
आरोपियों ने नहीं करवाया पॉलीग्राफी टेस्ट: इस मामले में गुलामुद्दीन और उसकी पत्नी आबिदा को पुलिस ने गिरफ्तार किया था. दोनों फिलहाल न्यायिक हिरासत में जेल में हैं. इसके अलावा बतौर संदिग्ध तैयब अंसारी को हिरासत में लिया था, जिसे बाद में छोड़ दिया गया. पुलिस ने तीनों का पॉलीग्राफी टेस्ट करवाने की याचिका निचली अदालत में लगाई थी, लेकिन तीनों ने मना कर दिया. पुलिस ने गुलामुद्दीन की तस्दीक पर हत्या में प्रयुक्त चाकू भी बरामद कर लिया. लेकिन अब परिजनों के जांच में सहयोग नहीं करने से जांच यथावत पड़ी है. अनिता के पुत्र और पति ने सीबीआई को ही जांच में सहयोग देने की बात कही, जिसके बाद पुलिस की जांच अटक गई है.
13 दिन बाद पोस्टमार्टम, 20 वें दिन अंतिम संस्कार हुआ: 27 अक्टूबर को अनीता अपने ब्यूटी पार्लर से निकलकर एक फोटो लेकर गंगाना स्थित गुलामुद्दीन के घर गई थी. सीसीटीवी फुटेज से पुलिस ने पड़ताल शुरू की. 30 अक्टूबर को पुलिस गंगाना पहुंच गई. जहां गुलामुद्दीन की पत्नी आबिदा को पकड़ा था. आबिदा ने पुलिस को बताया कि गुलामुद्दीन ने उसकी हत्या कर दी. जिसके बाद खुदाई करने पर अनीता का शव 6 टुकड़ों में मिला था. इसके बाद धरना शुरू हो गया. 14 नवंबर को पुलिस ने अपने स्तर पर पोस्टमार्टम करवा लिया था. जबकि 19 नवंबर को अंतिम संस्कार हुआ.
पहले सिर फोड़ा, फिर शरीर को काटा: 6 नवंबर को पुलिस ने गुलामुद्दीन को मुंबई में पकड़ा था. जोधपुर लाकर उसे जब पूछताछ की, तो उसने पुलिस को बताया कि अनीता चौधरी को उसने पेय पदार्थ में कुछ पिलाया था. जिससे वह बेहोश हो गई. इसके बाद उसके आभूषण निकाल लिए. बाद में अनीता जब उठी नहीं, तो उसके हाथ-पांव फूल गए. बेहोशी में ही उसने अनीता के सिर को फोड़ कर हत्या कर दी. उसके बाद शव को ठिकाने लगाने के लिए चाकू से 6 टुकड़े किए. अपने घर के सामने ही उसने एक जेसीबी को बुलाकर गड्ढा खुदवाया और उसमें टुकड़े डाल भाग गया था.