गया : बिहार के गया में नदी में डूबने से एक किशोर की मौत हो गई. यह घटना मंगलवार को हुई थी, किंतु बुधवार को एसडीआरएफ की मदद से शव को निकाला गया. इस घटना से आक्रोशित लोग कल से ही हंगामा कर रहे हैं. अब तक तीन पोकलेन मशीन समेत कई वाहनों को जला दिया है. बालू का वजन मापने में उपयोग होने वाले धर्म कांटा के ऑफिस को भी बड़ा नुकसान पहुंचाया गया है.
''सड़क जाम करने और वाहनों को जलाने वाले लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जाएगी. प्राथमिकी दर्ज कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. वहीं बालक का शव बरामद होने के बाद यूडी केस दर्ज किया जाएगा. मामले में कार्रवाई की जा रही है.''- सर्वनारायण, थानाध्यक्ष, परैया
गया के परैया में बवाल : जिले के परैया थाना के लोदीपुर में यह बवाल देखने को मिल रहा है. जानकारी के अनुसार, नहाए खाय के दिन उषा देवी लोदीपुर स्थित मोरहर नदी में स्नान करने गई थी. इसी क्रम में उषा देवी का 10 वर्षीय पुत्र शिवम कुमार घूमते टहलते नदी के गहरे गड्ढे में चला गया और डूब गया. उसके शव की तलाश कल से की जा रही थी, लेकिन बुधवार की संध्या को बच्चे का शव एसडीआरएफ की मदद से निकाला गया है. एसडीआरएफ की टीम ने घंटों मशक्कत की, तब जाकर शव निकाला गया.
तीन पोकलेन मशीन को फूंका : घटना के बाद से लोग काफी आक्रोशित हो गए हैं. तीन पोकलेन मशीन को अबतक फूंका जा चुका है. इसके अलावा एक बाइक, जेनरेटर को भी फूंका गया है. एक पोकलेन मशीन की कीमत 1 करोड़ के आसपास बताई जाती है. इस तरह करोड़ों की क्षति आक्रोशित लोगों ने पहुंचाई है. बालू वजन के लिए धर्म कांटा का ऑफिस था, इसलिए आक्रोशित लोगों ने धर्म कांटा के ऑफिस और पास में लगे पोकलेन मशीन को निशाना बनाया. मृत बच्चों के पिता का नाम सुनील यादव बताया जाता है.
आक्रोशितों ने अवैध खनन का लगाया आरोप : आक्रोशित लोगों का कहना है कि अवैध बालू उत्खनन किया जाता है, जिसके कारण नदी में गहरे गहरे गड्ढे हो गए हैं. गहरे गड्ढे होने के कारण बालक शिवम उसमें डूबा है. प्रशासन की इसपर कोई कार्रवाई नहीं होती है.
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