गाजीपुर : जिले की एससी/एसटी कोर्ट ने सोमवार को मुख्तार अंसारी के करीबी माने जाने वाले अंगद राय और गोरा राय को 5-5 साल की सजा सुनाई है. साथ ही 10 हजार के अर्थदंड से भी दंडित किया है. अंगद राय बिहार की भभुआ जेल में बंद था, जबकि गोरा राय को आरोप सिद्ध होने के बाद हिरासत में लिया गया था. अंगद राय और गोरा राय पर गाजीपुर की जेल में रहने के दौरान कैदी जितेंद्र राम को मारने पीटने का और जातिसूचक शब्दों के इस्तेमाल का आरोप था. मारपीट में जितेंद्र का हाथ भी टूट गया था. अंगद और गोरा जिला जेल के बैरक नंबर 10 में बंद थे, जहां कभी मुख्तार अंसारी को रखा जाता था.
जितेंद्र राम इस बैरक में झाड़ू लगाया करता था. आरोप था कि एक दिन जितेंद्र राम ने झाड़ू नहीं लगाया तो अंगद और गोरा को इतना बुरा लग गया कि उन्होंने उसे बुरी तरह से पीट दिया और जातिसूचक गालियां भी दीं. इस घटना का गवाह जेल में बंद एक अन्य कैदी पप्पू गिरी था. पप्पू गिरी पर भी इन दोनों ने गवाही न देने का दबाव बनाया और गवाही देने पर जान से मारने की धमकी दी थी. बाद में पप्पू गिरी ने भी इस मामले में सदर कोतवाली में अलग मुकदमा दर्ज कराया था.
सोमवार को एससी/एसटी कोर्ट ने अंगद और गोरा राय को 5-5 साल की सजा सुनाई है. साथ ही 10-10 हजार के अर्थदंड से भी दंडित किया है. शासकीय अधिवक्ता प्रदीप चतुर्वेदी ने बताया कि एससी/एसटी न्यायाधीश शक्ति सिंह की अदालत में ये मामला विचाराधीन था. अभियुक्त अंगद राय और गोरा राय जिला जेल में बंद थे और जेल में रहने के दौरान ही 22 अप्रैल 2009 को उन्होंने वादी जितेंद्र राम के साथ मारपीट की थी. ये लोग बैरक नंबर 10 में बंद थे और उसकी सफाई को लेकर इन्होंने जितेंद्र के साथ मारपीट की थी. इसमें 7 गवाहों की गवाही हुई और सोमवार को धारा 323 में 1 साल, 504, 506 में 2-2 साल और एससी/एसटी की धारा 310 में 5 साल की सजा सुनाई है और अंगद राय और गोरा राय को जेल भेजा जा रहा है.
उन्होंने बताया कि अंगद राय बिहार की भभुआ जेल में बंद था, जहां उसका मामला खत्म हो चुका है. गोरा राय जमानत पर बाहर था और 7 जून को जब कोर्ट में आरोप सिद्ध हो गया तब उसे हिरासत में ले लिया गया था. सोमवार को दोनों को गाजीपुर जिला जेल भेजा जा रहा है.