जयपुर: राजस्थान में हो रहे विधानसभा उपचुनाव के तहत टोंक जिले की देवली-उनियारा सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे नरेश मीणा को कांग्रेस ने तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है. इस संबंध में कांग्रेस के प्रदेश महासचिव सुखजिंदर सिंह रंधावा ने आज गुरुवार को एक आदेश जारी किया है. उन्होंने बताया कि देवली-उनियारा सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी के खिलाफ निर्दलीय चुनाव लड़ रहे नरेश मीणा को पार्टी से तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है.
बता दें कि नरेश मीणा देवली-उनियारा से टिकट मांग रहे थे, लेकिन पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया और केसी मीणा को देवली-उनियारा से चुनावी मैदान में उतारा. इसके बाद नरेश मीणा ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन दाखिल किया. वे मजबूती से चुनाव प्रचार में जुटे हैं. ऐसे में अब पार्टी ने नरेश मीणा को तत्काल प्रभाव से पार्टी से निलंबित कर दिया है.
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विधानसभा चुनाव में छबड़ा से लड़े निर्दलीय: नरेश मीणा राजस्थान विश्वविद्यालय के महासचिव भी रह चुके हैं. वे 2023 में हुए विधानसभा चुनाव में भी टिकट मांग रहे थे. जब उन्हें टिकट नहीं मिला तो उन्होंने बारां से निर्दलीय चुनाव लड़ा था. उस समय कांग्रेस ने नरेश मीणा को छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित किया था. हालांकि, लोकसभा चुनाव से ठीक पहले प्रह्लाद गुंजल जब भाजपा छोड़कर कांग्रेस में आए. तब नरेश मीणा की भी घर वापसी हो गई थी.
हरीश के सांसद बनने से खाली हुई सीट: टोंक जिले की देवली-उनियारा सीट पर विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के हरीश चंद्र मीणा ने जीत दर्ज की थी. बाद में पार्टी ने लोकसभा चुनाव में उन्हें सांसद का चुनाव लड़वाया. हरीश मीणा सांसद का चुनाव जीत गए तो उन्होंने विधायक के पद से इस्तीफा दे दिया था. इसी के चलते इस सीट पर उपचुनाव हो रहे हैं. कांग्रेस ने इस सीट पर केसी मीणा को चुनावी मैदान में उतारा है. जबकि भाजपा ने पहले विधायक रह चुके राजेंद्र गुर्जर को टिकट दिया है. नरेश मीणा कांग्रेस के बागी के तौर पर निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं.