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करनाल स्वास्थ्य विभाग की एंबुलेंस को 'इलाज' की दरकार, 3 लाख किलोमीटर चलने के बाद हांफ रही गाड़ियां - Ambulance breaks down in Karnal

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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Jun 30, 2024, 2:26 PM IST

Ambulance breaks down in Karnal: करनाल स्वास्थ्य विभाग की एम्बुलेंस तय लिमिट से ज्यादा का चल चुकी हैं. नियमानुसार एम्बुलेंस गाड़ी पांच साल या 3 लाख किलोमीटर तक इस्तेमाल की जा सकती है. जबकि करनाल जिले में 19 गाड़ियां पांच वर्ष से अधिक पुरानी हैं.

Ambulance breaks down in Karnal
Ambulance breaks down in Karnal (Etv Bharat)

करनाल: हरियाणा के करनाल जिले की एंबुलेंस खस्ता हालत में हैं. जिले में दौड़ रही स्वास्थ्य विभाग की एम्बुलेंस तय लिमिट से ज्यादा का चल चुकी हैं. नियमानुसार एम्बुलेंस गाड़ी पांच साल या 3 लाख किलोमीटर तक इस्तेमाल की जा सकती है. जबकि करनाल जिले में 19 गाड़ियां पांच वर्ष से अधिक पुरानी हैं और तीन लाख किलोमीटर से अधिक चल चुकी हैं. बावजूद इसके ये गाडियां सड़कों पर दौड़ाई जा रही हैं.

जींद में खस्ता हाल एंबुलेंस: एम्बुलेंस चालक ने बताया कि गाड़ियां ज्यादा पुरानी हो चुकी हैं. जिस वजह से अक्सर खराबी आती है और ब्रेक डाउन होता है. जब गाड़ी रिपेयरिंग के भेजी जाती हैं, तो उसके सामान नहीं मिलते. जिला स्वास्थ्य विभाग प्रबंधक गोपाल शर्मा ने बताया कि जिले की 24 पीएचसी, 3 सिविल अस्पताल, 5 सीएचसी और 1 सब डिवीजन अस्पताल में 29 एम्बुलेंस तैनात की गई है. ये सभी गाड़ियां डायल 112 से कनेक्ट हैं.

तय लिमिट से ज्यादा चल रही गाड़ियां: हर महीने एंबुलेंस में करीब 3000 कॉल रिसीव होती हैं. विभाग के पास उपलब्ध 10 गाड़ियां 2018 मॉडल, 9 गाड़ियां 2019 मॉडल, 7 गाड़ियां 2021 मॉडल, 1 गाड़ी 2023 मॉडल और 2 एम्बुलेंस 2024 मॉडल की हैं. वर्ष 2018 और 2019 मॉडल की एंबुलेंस गाड़ियां तीन लाख किलोमीटर से अधिक चल चुकी है. शर्मा ने बताया कि जिले में एम्बुलेंस ड्राइवर के कुल 91 पद हैं. जिनमें से 28 पद खाली हैं. वहीं इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियन की 54 पोस्ट हैं, लेकिन 17 पद रिक्त हैं. स्टाफ की कमी के कारण एंबुलेंस संचालन में दिक्कत होती है.

ये भी पढ़ें- गुरुग्राम में बाउंसर की गोली मारकर हत्या, सड़क पर तड़पता रहा युवक, तमाशा देखती रही भीड़ - Bouncer Murdered in Gurugram

करनाल: हरियाणा के करनाल जिले की एंबुलेंस खस्ता हालत में हैं. जिले में दौड़ रही स्वास्थ्य विभाग की एम्बुलेंस तय लिमिट से ज्यादा का चल चुकी हैं. नियमानुसार एम्बुलेंस गाड़ी पांच साल या 3 लाख किलोमीटर तक इस्तेमाल की जा सकती है. जबकि करनाल जिले में 19 गाड़ियां पांच वर्ष से अधिक पुरानी हैं और तीन लाख किलोमीटर से अधिक चल चुकी हैं. बावजूद इसके ये गाडियां सड़कों पर दौड़ाई जा रही हैं.

जींद में खस्ता हाल एंबुलेंस: एम्बुलेंस चालक ने बताया कि गाड़ियां ज्यादा पुरानी हो चुकी हैं. जिस वजह से अक्सर खराबी आती है और ब्रेक डाउन होता है. जब गाड़ी रिपेयरिंग के भेजी जाती हैं, तो उसके सामान नहीं मिलते. जिला स्वास्थ्य विभाग प्रबंधक गोपाल शर्मा ने बताया कि जिले की 24 पीएचसी, 3 सिविल अस्पताल, 5 सीएचसी और 1 सब डिवीजन अस्पताल में 29 एम्बुलेंस तैनात की गई है. ये सभी गाड़ियां डायल 112 से कनेक्ट हैं.

तय लिमिट से ज्यादा चल रही गाड़ियां: हर महीने एंबुलेंस में करीब 3000 कॉल रिसीव होती हैं. विभाग के पास उपलब्ध 10 गाड़ियां 2018 मॉडल, 9 गाड़ियां 2019 मॉडल, 7 गाड़ियां 2021 मॉडल, 1 गाड़ी 2023 मॉडल और 2 एम्बुलेंस 2024 मॉडल की हैं. वर्ष 2018 और 2019 मॉडल की एंबुलेंस गाड़ियां तीन लाख किलोमीटर से अधिक चल चुकी है. शर्मा ने बताया कि जिले में एम्बुलेंस ड्राइवर के कुल 91 पद हैं. जिनमें से 28 पद खाली हैं. वहीं इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियन की 54 पोस्ट हैं, लेकिन 17 पद रिक्त हैं. स्टाफ की कमी के कारण एंबुलेंस संचालन में दिक्कत होती है.

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