सरगुजा: गुरुवार को अंबिकापुर नगर निगम के सामान्य सभा की बैठक हंगामेदार रही. विपक्ष ने सत्ता पक्ष पर भाजपा पार्षदों के वार्ड में निर्माण कार्य में देरी और भेदभाव करने का आरोप लगाया. इसके साथ ही सदन में गलत तरीके से भू माफियाओं को एनओसी देने का मुद्दा उठाया गया. इस पर सदन ने सर्व सहमति से इस पूरे प्रकरण की जांच कराने का निर्णय भी लिया है.
विपक्षी पार्षदों के वार्ड से भेदभाव के आरोप: अंबिकापुर नगर निगम ने कचरा फेंकने वाले लोगों पर जुर्माना लगाने का निर्णय लिया है. साथ ही लापरवाही बरतने वाले सुपरवाइजर का वेतन रोकने का प्रस्ताव भी पास किया है. आज सामान्य सभा की बैठक के दौरान विपक्षी पार्षदों ने गंभीर आरोप लगाया कि 15वें वित्त की राशि से जो कार्य कराए जा रहे है, उसमें भी सत्ता पक्ष के कांग्रेसी पार्षदों के वार्डों में ज्यादा राशि खर्च की जा रही है, जबकि भाजपा पार्षदों के वार्डों में राशि देने में भेदभाव किया जा रहा है. भेदभाव के आरोप को लेकर दोनों पक्षों में जमकर नोकझोंक हुई.
विपक्ष के आरोपों को महापौर ने किया खारिज: इस दौरान महापौर डॉ अजय तिर्की ने विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए कहा, "वार्डों में दी जा रही राशि में थोड़ा अंतर हो सकता है, क्योंकि हमारे नए वार्डों में ज्यादा विकास कार्यों की जरुरत है. परिसीमन के बाद बने नए वार्डों में कांग्रेसी पार्षद ही हैं. हमने हमेशा विकास के लिए सोंचा है." विपक्षी पार्षदों के वार्ड में भेदभाव तरीके से कार्य कराए जाने को लेकर प्रभारी शफी अहमद ने कहा कि "सड़क डामरीकरण के जितने भी कार्य स्वीकृत हुए हैं, वह मार्च तक पूरे हो जाएंगे. ठंड के कारण रोका गया था, अभी कार्य शुरू हो गया है."
भेदभाव जैसी कोई बात नहीं है. जहां अति आवश्यक रूप से कार्य कराया जाना था, वही कार्य कराए गए हैं. जो छूट गए हैं, उनके लिए डेढ़ करोड़ रुपए हैं, कार्य कराए जाएंगे. - डॉ. अजय तिर्की, महापौर, अंबिकापुर नगर निगम
सुपरवाइजर का कटेगा वेतन, कचरा फेंकने पर जुर्माना: सामान्य सभा की बैठक के दौरान नगर निगम के स्वच्छता प्रबंधन में पिछड़ने का मुद्दा भी उठाया गया. देश में नंबर वन रहने वाले नगर निगम के पिछड़ने को लेकर चिंता व्यक्त की गई. इस दौरान महापौर डॉ. तिर्की ने कहा कि "कमिश्नर बदले लेकिन अधिकारी कर्मचारी वही है. प्रभारी का बहाना अभी ज्यादा बढ़ गया है. 7 साल तक हम स्वच्छता के क्षेत्र में नंबर वन बने रहे तो अब क्या हो गया. महापौर ने स्वच्छता प्रभारी को चेतावनी दी है.
जिस भी सुपरवाइजर के एरिया में कचरा दिखे, उसका वेतन काटकर कार्रवाई करेंगे. जनता, जनप्रतिनिधियों और स्वच्छता दीदियों की मेहनत के कारण ही हम इस मुकाम तक पहुंचे हैं, लेकिन कड़ाई भी जरुरी है. कचरा फेंकने वाले लोगों पर भी जुर्माना लगाया जाएगा. - डॉ. अजय तिर्की, महापौर, अंबिकापुर नगर निगम
1200 को गलत तरीके से एनओसी: विपक्षी पार्षद अलोक दुबे ने " 152 प्रतिशत में 1578 लोगों को गलत तरीके से निगम द्वारा एनओसी दिए जाने का मुद्दा उठाया. उन्होंने आरोप लगाया कि निगम की भवन शाखा, राजस्व अमला के आरआई पटवारी द्वारा बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की गई और ऐसे लोगों को एनओसी दे दिया गया जिनकी जमीन पर कोई निर्माण नहीं था. भूमाफियाओं के साथ मिलकर करोड़ो की जमीन को कौड़ियों के दाम दे दिया गया"
152 प्रतिशत भूमि देने की कमेटी करेगी जांच: ननि लोनिवि प्रभारी शफी अहमद ने कहा कि "सरकार के निर्देशानुसार संपत्तिकर एवं बिजली बिल के आधार पर एनओसी दिये जाने का प्रावधान नहीं था. 152 प्रतिशत भूमि देने की परमिशन के लिए कमेटी बनी थी, जिसके अध्यक्ष कलेक्टर, डिप्टी कलेक्टर एवं एसडीएम सहित निगम आयुक्त एवं अन्य अधिकारी थे." उन्होंने मामले की जांच हेतु कमेटी बनाने और गलत जानकारी देकर एनओसी लेने वालों की जमीन राजसात करने और अधिकारियों पर कार्रवाई करने की बात कही है.
शहरी क्षेत्र में शिफ्ट होंगी शराब दुकानें: आज बैठक के दौरान शराब दुकानों को स्थानांतरित करने का मुद्दा भी उठाया गया. बैठक के दौरान गंगापुर शराब दुकान को हटाए जाने को लेकर लगातार उठ रही मांग और आंदोलनों पर सदन में चिंता व्यक्त की गई. इस दौरान मेयर ने सुझाव दिया कि यदि सदन सहमति दे तो शराब दुकानों को शहर के बीच शिफ्ट किया जा सकता है. इससे शराब खरीदने के बाद लोग अपने घरों में जाकर शराब पियेंगे. वर्तमान में लोग शराब खरीदने के बाद वहीं शराब पीने लग जाते हैं, जिससे विवाद की स्थिति बन रही है. उन्होंने प्रस्ताव दिया कि सभी शराब दुकानों को शहर के अंदर शिफ्ट किया जाए. इसके साथ ही निगम दुकानों का निर्माण कर दुकान उपलब्ध कराए, जिससे निगम की आय में वृद्धि हो.