छिंदवाड़ा। अमरवाड़ा विधानसभा सीट के उपचुनाव में बीजेपी ने इंदौर फार्मूले पर काम करना शुरू कर दिया है. बीजेपी की रणनीति है कि इंदौर और खजुराहों की तरह ही अमरवाड़ा में भी सामने कोई प्रमुख विपक्षी दल नहीं हो. बता दें कि लोकसभा चुनाव के दौरान मध्य प्रदेश की 29 में से दो लोकसभा सीटें ऐसी थीं, जिनमें भाजपा के सामने मुख्य विपक्षी दल के उम्मीदवार नहीं थे. खजुराहो लोकसभा सीट पर कांग्रेस के समर्थन से चुनाव लड़ रहे समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार का पर्चा निरस्त हो गया था तो वहीं इंदौर में कांग्रेस के उम्मीदवार अक्षय बम ने अपना नाम वापस ले लिया था और बीजेपी में शामिल हो गए थे. हालांकि अमरवाड़ा विधानसभा सीट के लिए कांग्रेस भी एक ऐसे मजबूत प्रत्याशी की तलाश कर रही है, जो मैदान में डटकर मुकाबला कर सके.
बीजेपी और जीजीपी ने तय किए प्रत्याशी
अमरवाड़ा विधायक पद से इस्तीफा देकर बीजेपी का दामन थाम चुके पूर्व विधायक कमलेश प्रताप शाह को भाजपा ने उम्मीदवार बनाया है. अमरवाड़ा में विधानसभा सीट को प्रभावित करने वाली गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ने युवा नेता देवरावेन भलावी को मैदान में उतारा है, लेकिन कांग्रेस अभी प्रत्याशी चयन में काफी पीछे चल रही है. अभी तक प्रत्याशी का चयन नहीं हुआ है. हालांकि अमरवाड़ा विधानसभा सीट के छिंदी इलाके से जिला पंचायत सदस्य युवा चेहरे नवीन मरकाम को कांग्रेस अपना उम्मीदवार बना सकती है.
गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के प्रस्ताव को कांग्रेस ने नकारा
गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ने चुनाव से पहले कांग्रेस से समर्थन की मांग करते हुए मिलकर चुनाव लड़ने का ऑफर दिया है. लेकिन कांग्रेस ने गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के ऑफर को मंजूर नहीं किया. इसके बाद गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ने अकेले चुनाव लड़ने के लिए देवरावेन भलावी को उम्मीदवार बनाया है. 2003 के विधानसभा चुनाव में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी से मनमोहन शाह बट्टी यहां से विधायक का चुनाव जीत चुके हैं. इस इलाके में गोंगपा काफी राजनीतिक दखल है. एक बार विधानसभा का चुनाव और लोकसभा का चुनाव लड़कर देवरावेन ने अपनी ताकत कांग्रेस और बीजेपी को दिखाया है.