नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली वक्फ बोर्ड की भर्ती से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले के आरोपी और आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्लाह खान को रिहा करने के ट्रायल कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई की. इस दौरान हाईकोर्ट ने अमानतुल्लाह खान को नोटिस जारी किया. जस्टिस विकास महाजन ने अब मामले की अगली सुनवाई 21 मार्च को करने का आदेश दिया है.
हाई कोर्ट ने निचली अदालत से कहा कि मामले की सुनवाई हाई कोर्ट में पूरी होने तक वो सुनवाई टाल दें. आज मामले पर सुनवाई के दौरान ईडी ने कहा कि अमानतुल्लाह खान के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी की आवश्यकता नहीं थी, इसलिए सुनवाई के दौरान मंजूरी के पहलू पर सुनवाई नहीं हुई थी और उन पहलुओं पर बहस करने का अवसर नहीं मिला था.
ईडी ने कहा कि इस मामले मे अमानातुल्लाह खान की गिरफ्तारी से राहत की मांग वाली याचिका को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया था और सुप्रीम कोर्ट ने भी सुनवाई से इनकार कर दिया था. ईडी ने कोर्ट को ये भी बताया कि अमानतुल्लाह खान की पत्नी के खिलाफ भी आरोप है कि उन्होंने अपराध से धन प्राप्त किया और अमानातुल्लाह की मदद की है.
ईडी की ओर से पेश वकील जोहेब हुसैन ने कहा कि ट्रायल कोर्ट ने मामले की सुनवाई के दौरान एजेंसी से यह नहीं पूछा था कि चार्जशीट पर संज्ञान लेने के लिए अनुमति लेना जरूरी है या नहीं. इससे पहले चौदह नवंबर 2024 को राउज एवेन्यू कोर्ट ने अमानतुल्लाह खान के खिलाफ ईडी की ओर से दायर पूरक चार्जशीट पर संज्ञान लेने से इनकार कर दिया था. स्पेशल जज जीतेंद्र सिंह ने अमानतुल्लाह खान को एक लाख रुपये के मुचलके पर रिहा करने का आदेश दिया था. ईडी ने इसी फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी है.
राउज एवेन्यू कोर्ट ने कहा कि अमानतुल्लाह खान के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य हैं, लेकिन आरोपी के खिलाफ अभियोजन चलाने के लिए अनुमति नहीं ली गई है. ऐसे में ईडी के चार्जशीट पर संज्ञान नहीं लिया जा सकता है. कोर्ट ने पूरक चार्जशीट की दूसरी आरोपी मरियम सिद्दीकी को बरी कर दिया है. कोर्ट ने कहा कि मरियम सिद्दीकी के खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं है.
ईडी ने कही थी ये बात: ईडी ने 2 सितंबर 2024 को अमानतुल्लाह खान को गिरफ्तार किया था. ईडी के मुताबिक, दिल्ली वक्फ बोर्ड की भर्ती में गड़बड़ियों में अमानतुल्लाह खान ही मुख्य आरोपी है. इस मामले में चार लोग पहले गिरफ्तार किए जा चुके हैं, जो अभी न्यायिक हिरासत में हैं. ईडी के मुताबिक, अमानतुल्लाह खान ने आपराधिक गतिविधियों से संपत्ति अर्जित की और अपने सहयोगियों के नाम पर अचल संपत्ति खरीदी. छापे के दौरान कई दस्तावेज और डिजिटल साक्ष्य ऐसे मिले हैं, जिनसे पता चलता है कि वो मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध में लिप्त हैं.
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