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40 लाख खर्च करके बनाया वेपन म्यूजियम, पुरातत्व विभाग ने नहीं लिया नियंत्रण में

अलवर के बाला किले पर स्थित प्रदेश का पहला वेपन म्यूजियम बनकर तैयार है, लेकिन अभी तक इसकी औपचारिक शुरुआत नहीं हुई है.

वेपन म्यूजियम बनकर तैयार
वेपन म्यूजियम बनकर तैयार (ETV Bharat GFX)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : 4 hours ago

अलवर: शहर से करीब 8 किलोमीटर की दूरी पर स्थित बाला किला पर प्रदेश का पहला वेपन म्यूजियम तैयार हो गया है, लेकिन इसे अभी तक पुरातत्व विभाग का संरक्षण मिलने का इंतजार है. नगर विकास न्यास ने इस म्यूजियम को तैयार करने में 40 लाख रुपए खर्च किए हैं, लेकिन विभागीय संरक्षण के अभाव में यह म्यूजियम अभी तक शुरू नहीं हो सका है. हालांकि, प्रतिदिन बाला किला स्थित वेपन म्यूजियम को देखने सैकड़ों पर्यटक पहुंच रहे हैं, लेकिन इसकी औपचारिक शुरुआत नहीं होने के कारण म्यूजियम में रखे हथियारों की जानकारी पर्यटकों को नहीं मिल पा रही है और सरकार को भी इससे राजस्व नहीं मिल रहा है.

औपचारिक शुरुआत का इंतजार : वेपन म्यूजियम की औपचारिक शुरुआत से पहले पुरातत्व विभाग की टीम द्वारा इसका सर्वे किया जाना है. अभी तक इस सर्वे के पूरा होने का इंतजार है. अलवर के पूर्व जिला कलेक्टर डॉ. जितेंद्र सोनी के प्रयासों से इस म्यूजियम का निर्माण हुआ. इसके लिए खर्च की राशि का इंतजाम नगर विकास न्यास द्वारा किया गया और निर्माण कार्य भी पूरा कराया गया. अब संचालन की जिम्मेदारी पुरातत्व विभाग को सौंपनी है. नगर विकास न्यास ने इस संबंध में पुरातत्व विभाग को पत्र भेजे हैं, लेकिन अभी तक विभाग ने इसे अपने नियंत्रण में नहीं लिया है.

वेपन म्यूजियम
पर्यटकों के आंकड़े (ETV Bharat GFX)

इसे भी पढ़ें- Rajasthan: जल्द ही पुरातत्व विभाग को सौंपा जाएगा राजस्थान का पहला वेपन म्यूजियम, पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा

दो बार पत्र भेजे जा चुके : नगर विकास न्यास के अधिशासी अभियंता योगेंद्र कुमार ने बताया कि बाला किला पर 40 लाख की लागत से वेपन म्यूजियम का निर्माण कराया गया है. इसमें पुराने हथियार, तोप और छोटे से लेकर बड़े हथियारों का प्रदर्शन किया गया है. उन्होंने बताया कि इस म्यूजियम का निर्माण यूआईटी ने कराया है. म्यूजियम पूरी तरह तैयार है और इसे हैंड ओवर करने के लिए पुरातत्व विभाग को दो बार पत्र भेजा जा चुका है. जल्द ही विभाग की टीम अलवर आकर हैंड ओवर प्रक्रिया पूरी करेगी. इसके बाद पुरातत्व विभाग प्रवेश शुल्क का निर्धारण करेगा.

सरकार के लिए आय का जरिया : ऐतिहासिक बाला किला पर वेपन म्यूजियम सरकार के लिए आय का बड़ा स्रोत बन सकता है. टाइगर रिजर्व सरिस्का की अलवर बफर रेंज में स्थित इस ऐतिहासिक बाला किला परिसर में रोजाना बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं. इनमें से कई पर्यटक वेपन म्यूजियम देखने की उत्सुकता भी रखते हैं. सरकार म्यूजियम का प्रवेश शुल्क निर्धारित कर इससे राजस्व प्राप्त कर सकती है.

अलवर: शहर से करीब 8 किलोमीटर की दूरी पर स्थित बाला किला पर प्रदेश का पहला वेपन म्यूजियम तैयार हो गया है, लेकिन इसे अभी तक पुरातत्व विभाग का संरक्षण मिलने का इंतजार है. नगर विकास न्यास ने इस म्यूजियम को तैयार करने में 40 लाख रुपए खर्च किए हैं, लेकिन विभागीय संरक्षण के अभाव में यह म्यूजियम अभी तक शुरू नहीं हो सका है. हालांकि, प्रतिदिन बाला किला स्थित वेपन म्यूजियम को देखने सैकड़ों पर्यटक पहुंच रहे हैं, लेकिन इसकी औपचारिक शुरुआत नहीं होने के कारण म्यूजियम में रखे हथियारों की जानकारी पर्यटकों को नहीं मिल पा रही है और सरकार को भी इससे राजस्व नहीं मिल रहा है.

औपचारिक शुरुआत का इंतजार : वेपन म्यूजियम की औपचारिक शुरुआत से पहले पुरातत्व विभाग की टीम द्वारा इसका सर्वे किया जाना है. अभी तक इस सर्वे के पूरा होने का इंतजार है. अलवर के पूर्व जिला कलेक्टर डॉ. जितेंद्र सोनी के प्रयासों से इस म्यूजियम का निर्माण हुआ. इसके लिए खर्च की राशि का इंतजाम नगर विकास न्यास द्वारा किया गया और निर्माण कार्य भी पूरा कराया गया. अब संचालन की जिम्मेदारी पुरातत्व विभाग को सौंपनी है. नगर विकास न्यास ने इस संबंध में पुरातत्व विभाग को पत्र भेजे हैं, लेकिन अभी तक विभाग ने इसे अपने नियंत्रण में नहीं लिया है.

वेपन म्यूजियम
पर्यटकों के आंकड़े (ETV Bharat GFX)

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दो बार पत्र भेजे जा चुके : नगर विकास न्यास के अधिशासी अभियंता योगेंद्र कुमार ने बताया कि बाला किला पर 40 लाख की लागत से वेपन म्यूजियम का निर्माण कराया गया है. इसमें पुराने हथियार, तोप और छोटे से लेकर बड़े हथियारों का प्रदर्शन किया गया है. उन्होंने बताया कि इस म्यूजियम का निर्माण यूआईटी ने कराया है. म्यूजियम पूरी तरह तैयार है और इसे हैंड ओवर करने के लिए पुरातत्व विभाग को दो बार पत्र भेजा जा चुका है. जल्द ही विभाग की टीम अलवर आकर हैंड ओवर प्रक्रिया पूरी करेगी. इसके बाद पुरातत्व विभाग प्रवेश शुल्क का निर्धारण करेगा.

सरकार के लिए आय का जरिया : ऐतिहासिक बाला किला पर वेपन म्यूजियम सरकार के लिए आय का बड़ा स्रोत बन सकता है. टाइगर रिजर्व सरिस्का की अलवर बफर रेंज में स्थित इस ऐतिहासिक बाला किला परिसर में रोजाना बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं. इनमें से कई पर्यटक वेपन म्यूजियम देखने की उत्सुकता भी रखते हैं. सरकार म्यूजियम का प्रवेश शुल्क निर्धारित कर इससे राजस्व प्राप्त कर सकती है.

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