मुंगेर: जिले में गंगा के जलस्तर में हुई वृद्धि से जहां गंगा से सटे दर्जनों गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं, वहीं बाढ़ के पानी में बह कर कई विषैले जीव जंतु भी घरों में घुसने लगे हैं. मुंगेर के बरियारपुर प्रखंड क्षेत्र के बाढ़ प्रभावित इलाकों में दुनिया का सबसे जहरीला सांप रसेल वाईपर,गोहमन सहित मगरमच्छ और घड़ियाल के डर से लोग डरे सहमे हैं और रात भर जाग कर अपने परिवार वालों की जान की हिफाजत कर रहे हैं.
बाढ़ के पानी के साथ घर में घुसा घड़ियाल: वहीं ताज़ा मामला जिले के मुफसिल थाना क्षेत्र अंतर्गत टिकारामपुर बुध्धन मरर टोला का है, जहां बीती रात घर में सोए बच्चों पर एक घड़ियाल ने हमला कर दिया. गनीमत रही कि इस हमले में परिजनों की तत्परता से बच्चों को कोई नुकसान नही पहुंचा और उन्हें सही सलामत घड़ियाल का शिकार होने से बचा लिया गया.
बाल-बाल बची बच्चे की जान: जानकारी के अनुसार टिकरामपुर बुध्धन मरर टोला निवासी सुजीत कुमार सिंह के घर में बाढ़ के पानी के साथ एक घड़ियाल घुस गया. जिस वक्त घड़ियाल घर में घुसा उस वक्त घर के अंदर चौकी पर एक बच्चा सो रहा था. सोए अवस्था में ही घड़ियाल ने बच्चे पर हमला कर दिया,लेकिन परिजनों की नजर घड़ियाल पर पड़ गई और तत्परता दिखाते हुए पहले घरवालों ने बच्चे को घर से बाहर निकाला और फिर रस्सी के सहारे घड़ियाल के मुंह को बांध दिया.
"हमारे घरों में 5 फुट बाढ़ का पानी घुसा हुआ है. हमलोग रातभर जग कर अपने जानमाल की सुरक्षा कर रहे हैं. इसी दौरान सोमवार की रात एक घड़ियाल मेरे घर मे घुस गया. जिसे ग्रामीणों की मदद से पकड़ लिया गया और रस्सी से उसके मुंह को बांध दिया गया,लेकिन ज्यादा देर तक मुंह बंद रहने के कारण आज सुबह घड़ियाल की मौत हो गयी."- सुजीत कुमार सिंह, पीड़ित
घड़ियाल की मौत: सुजीत कुमार सिंह ने बताया कि पूरे गांव में बाढ़ का पानी भर गया है और रात के वक्त अंधेरा रहने के कारण हमलोगों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है. बाढ़ के पानी के साथ आये दिन कोई ना कोई विषैला जानवर घर मे घुस जाता है,जिससे हमलोगों के बीच भय का माहौल रहता है. बीती रात घड़ियाल घर में घुस गया. सुबह जब रस्सी खोली गई तो घड़ियाल की मौत हो चुकी थी. ग्रामीणों के सहयोग से गंगा नदी में उसे बहा दिया गया.
मुंगेर में बाढ़ से हालात बेकाबू: मुंगेर में बाढ़ से स्थिति खराब होती जा रही है. बरियारपुर में गंगा विकराल रूप ले चुकी है. बरियारपुर- रतनपुर रेलवे ट्रैक तक बाढ़ का पानी पहुंच गया है. इसके कारण लोगों को परेशानी तो हो ही रही है, साथ ही ट्रेनों के परिचालन पर भी असर पड़ा है.
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