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फर्जी पासपोर्ट का मामला: अब्दुल्ला आजम को मिली राहत, MP-MLA कोर्ट में सुनवाई पर रोक - Allahabad High Court Order

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Apr 25, 2024, 9:20 PM IST

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गुरुवार को फर्जी पासपोर्ट मामले में अब्दुल्ला आजम को आंशिक राहत दी. अदालत में दस्तावेज पेश करने के मामले में हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से जानकारी मांगी है. वहीं अब्दुल्ला आजम के खिलाफ स्पेशल कोर्ट एमपी एमएलए में चल रही मामले की सुनवाई को कोर्ट ने स्थगित कर दिया है.

फर्जी पासपोर्ट का मामला: अब्दुल्ला आजम को मिली राहत, MP-MLA कोर्ट में सुनवाई पर रोक
Allahabad High Court Order Abdullah Azam gets partial relief in fake passport case

प्रयागराज: फर्जी पासपोर्ट बनाने के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खान के पुत्र अब्दुल्ला आजम खान को आंशिक राहत दी है. कोर्ट ने अब्दुल्ला आजम की ओर से दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से जवाब तलब किया है. साथ ही अगली सुनवाई तक स्पेशल कोर्ट एमपी एमएलए रामपुर में चल रही इस मुकदमे की कार्रवाई पर रोक लगा दी है. मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति संजय कुमार सिंह कर रहे हैं.

अब्दुल्ला आजम की ओर से हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर स्पेशल कोर्ट एमपी एमएलए के 19 मार्च 2024 के आदेश को चुनौती दी गई है. इस आदेश में स्पेशल कोर्ट ने अब्दुल्ला आजम की ओर से दाखिल प्रार्थना पत्र जिसमें कुछ वीडियो क्लिप, शादी के कार्ड आदि दस्तावेज की प्रमाणित प्रतिलिपि बचाव पक्ष की ओर से दाखिल किए जाने की इजाजत मांगी गई थी, को खारिज कर दिया था. स्पेशल कोर्ट के आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी गई है.

अब्दुल्ला आजम के अधिवक्ता इमरानउल्लाह का कहना था कि याची इस मामले में अभियुक्त है मगर उनको अपने बचाव में साक्ष्य देने के अधिकार से वंचित किया जा रहा है. स्पेशल कोर्ट ने याचिका 10 जनवरी 2024 को सीआरपीसी की धारा 313 के तहत बयान दर्ज किया था. इस दौरान 15 मार्च 2024 को याची की ओर से एक प्रार्थना पत्र देकर वीडियो क्लिपिंग अब्दुल मतीन की शादी का कार्ड, जौहर दिवस की वीडियो रिकॉर्डिंग आदि तलब करने की मांग की थी.

मगर स्पेशल कोर्ट ने उनकी अर्जी खारिज करते हुए मुकदमे का ट्रायल शुरू कर दिया, जिससे कि बचाव पक्ष को अपने पक्ष में दस्तावेज प्रस्तुत करने का अवसर नहीं मिल रहा है. इन दस्तावेजों को एक अन्य मामले में अदालत में दाखिल किया गया है जिसमें कि याची को सजा हो गईं है और उसके खिलाफ़ रिवीजन हाई कोर्ट में लंबित है. मूल रिकार्ड भी हाई कोर्ट आ चुका है. इसलिए प्रमाणित प्रति देने के लिए कुछ समय दिए जाने का स्पेशल कोर्ट से अनुरोध किया था जिसे स्पेशल कोर्ट में मंजूर नहीं किया है.

प्रदेश सरकार की ओर से पक्ष रख रहे अपर महाधिवक्ता पीसी श्रीवास्तव ने इस मामले में सरकार का पक्ष रखने के लिए कुछ समय की मांग की जिसे मंजूर करते हुए हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार को 3 सप्ताह में इस मामले की जानकारी उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है. तब तक अब्दुल्ला आजम के खिलाफ स्पेशल कोर्ट एमपी एमएलए में चल रही मामले की सुनवाई को कोर्ट ने स्थगित कर दिया है.

ये भी पढ़ें- अपहरण के मामले में सजा के खिलाफ पूर्व सांसद धनंजय सिंह की अपील पर निर्णय सुरक्षित - Allahabad High Court News


प्रयागराज: फर्जी पासपोर्ट बनाने के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खान के पुत्र अब्दुल्ला आजम खान को आंशिक राहत दी है. कोर्ट ने अब्दुल्ला आजम की ओर से दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से जवाब तलब किया है. साथ ही अगली सुनवाई तक स्पेशल कोर्ट एमपी एमएलए रामपुर में चल रही इस मुकदमे की कार्रवाई पर रोक लगा दी है. मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति संजय कुमार सिंह कर रहे हैं.

अब्दुल्ला आजम की ओर से हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर स्पेशल कोर्ट एमपी एमएलए के 19 मार्च 2024 के आदेश को चुनौती दी गई है. इस आदेश में स्पेशल कोर्ट ने अब्दुल्ला आजम की ओर से दाखिल प्रार्थना पत्र जिसमें कुछ वीडियो क्लिप, शादी के कार्ड आदि दस्तावेज की प्रमाणित प्रतिलिपि बचाव पक्ष की ओर से दाखिल किए जाने की इजाजत मांगी गई थी, को खारिज कर दिया था. स्पेशल कोर्ट के आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी गई है.

अब्दुल्ला आजम के अधिवक्ता इमरानउल्लाह का कहना था कि याची इस मामले में अभियुक्त है मगर उनको अपने बचाव में साक्ष्य देने के अधिकार से वंचित किया जा रहा है. स्पेशल कोर्ट ने याचिका 10 जनवरी 2024 को सीआरपीसी की धारा 313 के तहत बयान दर्ज किया था. इस दौरान 15 मार्च 2024 को याची की ओर से एक प्रार्थना पत्र देकर वीडियो क्लिपिंग अब्दुल मतीन की शादी का कार्ड, जौहर दिवस की वीडियो रिकॉर्डिंग आदि तलब करने की मांग की थी.

मगर स्पेशल कोर्ट ने उनकी अर्जी खारिज करते हुए मुकदमे का ट्रायल शुरू कर दिया, जिससे कि बचाव पक्ष को अपने पक्ष में दस्तावेज प्रस्तुत करने का अवसर नहीं मिल रहा है. इन दस्तावेजों को एक अन्य मामले में अदालत में दाखिल किया गया है जिसमें कि याची को सजा हो गईं है और उसके खिलाफ़ रिवीजन हाई कोर्ट में लंबित है. मूल रिकार्ड भी हाई कोर्ट आ चुका है. इसलिए प्रमाणित प्रति देने के लिए कुछ समय दिए जाने का स्पेशल कोर्ट से अनुरोध किया था जिसे स्पेशल कोर्ट में मंजूर नहीं किया है.

प्रदेश सरकार की ओर से पक्ष रख रहे अपर महाधिवक्ता पीसी श्रीवास्तव ने इस मामले में सरकार का पक्ष रखने के लिए कुछ समय की मांग की जिसे मंजूर करते हुए हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार को 3 सप्ताह में इस मामले की जानकारी उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है. तब तक अब्दुल्ला आजम के खिलाफ स्पेशल कोर्ट एमपी एमएलए में चल रही मामले की सुनवाई को कोर्ट ने स्थगित कर दिया है.

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