ETV Bharat / state

विश्वविद्यालयों ने लंबित सैलरी और पेंशन को लेकर राज्यपाल को भेजी रिपोर्ट, 17 मई को हाईकोर्ट में सुनवाई - salary issue in university

author img

By ETV Bharat Bihar Team

Published : May 16, 2024, 10:23 AM IST

University Salary Issue In Bihar: बिहार के सभी विश्वविद्यालयों ने बीते कुछ महीने से वेतन और पेंशन भुगतान नहीं होने को लेकर राज्यपाल की मांग पर एक रिपोर्ट सौंपी है. जिसमें उन्होंने बताया है कि विश्वविद्यालय के शिक्षकों को बीते जनवरी महीने से भुगतान नहीं किया जा रहा है.

बिहार शिक्षा विभाग और राजभवन का विवाद
विश्वविद्यालयों ने राजभवन को भेजी रिपोर्ट (ETV Bharat)

पटना: शिक्षा विभाग और राजभवन के बीच विवाद का असर बिहार के विश्वविद्यालय पर भी पड़ने लगा है. बिहार के विश्वविद्यालय में काम करने वाले शिक्षक और शिक्षकेत्तरकर्मियों को पिछले फरवरी माह से वेतन नहीं मिला है, वहीं जनवरी से पेंशन का भुगतान भी नहीं हुआ है. राज्यपाल ने सभी विश्वविद्यालय से रिपोर्ट मंगी थी, जिसमें सभी विश्वविद्यालयों ने यह जानकारी दी है. बताया गया है कि इस मामले में 17 में को हाईकोर्ट में सुनवाई होने वाली है.

क्या है पूरा मामला?: दरअसल राजभवन और शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के बीच का विवाद लंबे समय से चल रहा है. एक तरफ जहां शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक की ओर से कुलपतियों की बुलाई बैठक में कुलपति नहीं पहुंच रहे हैं तो दूसरी तरफ राज्यपाल की ओर से बुलाई गई बैठक में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक नहीं पहुंच रहे हैं.

पटना विश्वविद्यालय के कुलसचिव ने भेजी रिपोर्ट: पटना विश्वविद्यालय के कुल सचिव प्रोफेसर खगेंद्र कुमार ने राज्यपाल को भेज अपने रिपोर्ट में कहा है कि 'सरकार की ओर से पेंशन और वेतनमान में कोई राशि नहीं आई है. हाई कोर्ट के निर्देश के अनुसार आंतरिक संसाधन से शिक्षकों और शिक्षकेत्तर कर्मियों के वेतन और पेंशन का भुगतान किया गया है.'

दूसरे विश्वविद्यालय का भी वही हाल: राजभवन को भेजे गए रिपोर्ट में पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के कुल सचिव प्रोफेसर शालिनी ने बताया है जनवरी से शिक्षक और शिक्षकेत्तरकर्मी को पेंशन नहीं मिली है. वहीं शिक्षकों का वेतन फरवरी से बकाया है जिसके कारण काफी परेशान है. इसी तरह अन्य विश्वविद्यालयों के तरफ से भी वेतन और पेंशन मद में विश्वविद्यालय को राशि नहीं मिलने की बात कही है. शिक्षक और शिक्षकेत्तरकर्मी में इसको लेकर काफी आक्रोश है.

17 मई का इंतजार: फुटाब और फुसटाब की ओर से कई बार सरकार को ज्ञापन दिया गया है. बिहार के 10 विश्वविद्यालय में 5000 से अधिक शिक्षक कार्यरत हैं, तो वहीं हजारों की संख्या में शिक्षकेत्तरकर्मी भी काम कर रहे हैं. पेंशन भोगियों की संख्या भी हजारों में है. ऐसे में अब सब की नजर 17 मई को हाई कोर्ट में होने वाली सुनवाई पर है.

ये भी पढ़ें:

राज भवन और शिक्षा विभाग में टकरार बरकरार, राज्यपाल की बुलाई बैठक में फिर शामिल नहीं हुए केके पाठक - KK Pathak

राज्यपाल ने कुलपतियों की बुलाई बैठक, राजभवन के बुलावे पर जाएंगे केके पाठक? - kk pathak

पटना: शिक्षा विभाग और राजभवन के बीच विवाद का असर बिहार के विश्वविद्यालय पर भी पड़ने लगा है. बिहार के विश्वविद्यालय में काम करने वाले शिक्षक और शिक्षकेत्तरकर्मियों को पिछले फरवरी माह से वेतन नहीं मिला है, वहीं जनवरी से पेंशन का भुगतान भी नहीं हुआ है. राज्यपाल ने सभी विश्वविद्यालय से रिपोर्ट मंगी थी, जिसमें सभी विश्वविद्यालयों ने यह जानकारी दी है. बताया गया है कि इस मामले में 17 में को हाईकोर्ट में सुनवाई होने वाली है.

क्या है पूरा मामला?: दरअसल राजभवन और शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के बीच का विवाद लंबे समय से चल रहा है. एक तरफ जहां शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक की ओर से कुलपतियों की बुलाई बैठक में कुलपति नहीं पहुंच रहे हैं तो दूसरी तरफ राज्यपाल की ओर से बुलाई गई बैठक में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक नहीं पहुंच रहे हैं.

पटना विश्वविद्यालय के कुलसचिव ने भेजी रिपोर्ट: पटना विश्वविद्यालय के कुल सचिव प्रोफेसर खगेंद्र कुमार ने राज्यपाल को भेज अपने रिपोर्ट में कहा है कि 'सरकार की ओर से पेंशन और वेतनमान में कोई राशि नहीं आई है. हाई कोर्ट के निर्देश के अनुसार आंतरिक संसाधन से शिक्षकों और शिक्षकेत्तर कर्मियों के वेतन और पेंशन का भुगतान किया गया है.'

दूसरे विश्वविद्यालय का भी वही हाल: राजभवन को भेजे गए रिपोर्ट में पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के कुल सचिव प्रोफेसर शालिनी ने बताया है जनवरी से शिक्षक और शिक्षकेत्तरकर्मी को पेंशन नहीं मिली है. वहीं शिक्षकों का वेतन फरवरी से बकाया है जिसके कारण काफी परेशान है. इसी तरह अन्य विश्वविद्यालयों के तरफ से भी वेतन और पेंशन मद में विश्वविद्यालय को राशि नहीं मिलने की बात कही है. शिक्षक और शिक्षकेत्तरकर्मी में इसको लेकर काफी आक्रोश है.

17 मई का इंतजार: फुटाब और फुसटाब की ओर से कई बार सरकार को ज्ञापन दिया गया है. बिहार के 10 विश्वविद्यालय में 5000 से अधिक शिक्षक कार्यरत हैं, तो वहीं हजारों की संख्या में शिक्षकेत्तरकर्मी भी काम कर रहे हैं. पेंशन भोगियों की संख्या भी हजारों में है. ऐसे में अब सब की नजर 17 मई को हाई कोर्ट में होने वाली सुनवाई पर है.

ये भी पढ़ें:

राज भवन और शिक्षा विभाग में टकरार बरकरार, राज्यपाल की बुलाई बैठक में फिर शामिल नहीं हुए केके पाठक - KK Pathak

राज्यपाल ने कुलपतियों की बुलाई बैठक, राजभवन के बुलावे पर जाएंगे केके पाठक? - kk pathak

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.