पटनाः कभी नीतीश कुमार के खासमखास रहे अली अशरफ फातमी ने अब एक बार फिर से लालू प्रसाद यादव का दामन थाम लिया है. अली अशरफ फातमी आज रविवार को अपने पुत्र फराज फातमी के साथ राबड़ी आवास पहुंचे और लालू प्रसाद यादव से मुलाकात की. इस दौरान मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि ये वापसी नहीं है, मैं अपने घर आया हूं.
"आरजेडी मेरा घर है, कुछ दिनों के लिये हम दूसरे जगह गये थे. अब वापस अपने घर लौट आये हैं. हमारे नेता लालू यादव जहां से टिकट देंगे वहां से हम चुनाव लड़ेंगे और जीतकर लोकसभा जाएंगे"- अली अशरफ फातमी, पूर्व विधआयक
"पिछले सत्रह महीने जिस तरह से स्थिर सरकार चल रही थी, एक विकास वाली सरकार चल रही थी पांच से सात लाख लोगों को नौकरी दी गई. सरकार को मुख्यमंत्री ने अस्थिर कर दिया. किसी ना किसी तरीके से मुख्यमंत्री पर भारी दबाव था. दबाव किस चीज का था ये मैं नहीं जानता. बिहार का भविष्य किसी के साथ खड़ा है तो वो है तेजस्वी यादव"- फराज फातमी, पूर्व विधायक
अली अशरफ मिथिलांचल के बड़े नेताः बता दें कि अली अशरफ फातिमी की गिनती मिथिलांचल के बड़े अल्पसंख्यक चेहरे में होती है. वे दरभंगा लोकसभा क्षेत्र से चार बार राजद के सांसद रह चुके हैं. बाद में उन्होंने राजद का साथ छोड़कर नीतीश कुमार के साथ चले गए थे. 2024 लोकसभा चुनाव से पहले एक बार फिर से वह आरजेडी में शामिल हो रहे हैं. उम्मीद की जा रही है कि वह राजद के टिकट पर मधुबनी से चुनाव लड़ेंगे.
फातमी पर आरजेडी ने फिर किया भरोसाः उनके पुत्र फराज फातमी भी दरभंगा के केवटी विधानसभा क्षेत्र से विधायक रह चुके हैं. मिथिलांचल कभी राजद का गढ़ हुआ करता था. अली अशरफ फातमी मिथिलांचल के बड़े नेता माने जाते हैं. आरजेडी उनको एक बार फिर से अपने पाले में मिलाकर मिथिलांचल में फिर से अपनी ताकत दिखाने का प्रयास करेगी. अब देखना है कि राजद के इस फैसले पर वहां की जनता कितना भरोसा करती है.
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