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हीटवेव को लेकर अलर्ट जारी, चिकित्सा विभाग तैयार करेगा ग्रेडेड रिस्पांस सिस्टम - Heat Wave Alert in Rajasthan

Heat Wave Alert in Rajasthan, चिकित्सा व स्वास्थ्य विभाग ने राज्य में आमजन को गर्मी व लू जनित बीमारियों से बचाने के लिए तैयारियां शुरू कर दी है. लू और गर्मी जनित बीमारियों से बचाव के लिए ग्रेडेड रिस्पांस सिस्टम लागू किए जाने का निर्देश दिया गया है.

Heat Wave Alert in Rajasthan
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Apr 13, 2024, 6:54 PM IST

चिकित्सा व स्वास्थ्य विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह

जयपुर. भारत सरकार की ओर से इस साल गर्मी व लू का प्रभाव अत्यधिक रहने का अलर्ट जारी होने के बाद चिकित्सा व स्वास्थ्य विभाग ने प्रदेश में आमजन को गर्मी और लू जनित बीमारियों से बचाने के लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं. प्रदेश में लू और गर्मी जनित बीमारियों से बचाव के लिए ग्रेडेड रिस्पांस सिस्टम लागू किया जाएगा. साथ ही राज्य, जिला और ब्लॉक स्तर पर हीट एक्शन प्लान बनाकर आमजन को लू व गर्मी जनित बीमारियों से बचाव के लिए जरूरी कदम उठाए जाएंगे. इसके अलावा प्रदेश के रेगिस्तानी जिलों, जहां तापमान अधिक रहता है और अधिक लू चलती है, वहां विशेष प्रबंध किए जाएंगे.

इसको लेकर चिकित्सा व स्वास्थ्य विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह ने शनिवार को स्वास्थ्य भवन में लू व गर्मी जनित बीमारियों से बचाव, उपचार और जागरूकता संबंधित गतिविधियों को लेकर आयोजित राज्य स्तरीय वीडियो कॉन्फ्रेंस में इस संबंध में निर्देश दिए. उन्होंने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि गर्मी की तीव्रता बढ़ने पर आगामी दो से तीन माह चुनौतीपूर्ण हो सकते हैं. ऐसे में विभाग हर स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहे. उन्होंने कहा कि गर्मी और लू का स्तर बढ़ने पर यलो, ऑरेंज और रेड अलर्ट के अनुसार ग्रेडेड सिस्टम तैयार कर आवश्यक कदम उठाए.

इसे भी पढ़ें - Climate Change : बिगड़ रहा मौसम का मिजाज, चिंता का कारण बन रहीं हीटवेव

ये निर्देश जारी : अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह ने कहा कि आमजन को लू और गर्मी जनित बीमारियों की स्थिति में तत्काल उपचार व अन्य स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाने के लिए ट्रीटमेंट प्रोटोकॉल तैयार किया जाए. एम्बुलेंस की जांच करने के साथ ही प्राथमिक उपचार के लिए किट्स तैयार कराई जाए. अस्पतालों में डेडीकेटेड वार्ड बनाए जाए. साथ ही दवाओं और जांच किट्स की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की जाए. चिकित्सकों, पैरामेडिकल स्टाफ सहित निचले स्तर तक आवश्यक प्रशिक्षण दिया जाए. हीट स्ट्रोक और अन्य घातक स्थितियों में रोगी को तत्काल उपचार की आवश्यकता होती है. ऐसे में रिस्पांस टाइम न्यूनतम हो.

अतिरिक्त मुख्य सचिव ने कहा कि लू और तेज गर्मी की स्थिति में आमजन को बीमारियों से बचाने के लिए श्रम विभाग, कृषि विभाग, ग्रामीण विकास व पंचायती राज, स्थानीय निकाय विभाग, शिक्षा विभाग सहित विभिन्न विभागों का सहयोग अपेक्षित रहता है. इसके लिए संबंधित विभागों के साथ समन्वय रखते हुए कार्य योजना बनाई जाए. सभी संबंधित विभागों के साथ बैठक कर एक्शन प्लान को जमीनी स्तर पर लागू किया जाए.

इसे भी पढ़ें - IMD Rain Alert : देश के कई राज्‍यों के लिए मौसम विभाग ने जारी की चेतावनी

रोगियों की होगी दैनिक रिपोर्टिंग : अतिरिक्त मुख्य सचिव ने कहा कि अस्पतालों में आने वाले रोगियों के लिए छाया व पानी के माकूल इंतजाम किए जाए. जांच उपकरणों, ऑक्सीजन प्लांट, एसी, कूलर, पंखों व आरओ आदि की क्रियाशीलता जांचने के साथ ही उनका नियमित मेंटीनेंस करवाया जाए. उन्होंने निर्देश दिए कि हीटवेव से प्रभावित रोगियों की आईएचआईपी पोर्टल पर दैनिक रिपोर्टिंग की जाए. सिंह ने कहा कि लू व गर्मी जनित बीमारियों से बचाव के लिए स्कूलों में नो बैग डे के अवसर पर विद्यार्थियों को क्विज, निबंध आदि गतिविधियों के माध्यम से जागरूक किया जाए. साथ ही इन गतिविधियों में जनसहभागिता बढ़ाने के लिए एनजीओ, स्वयं सहायता समूहों, सिविल सोसायटीज आदि का भी सहयोग लिया जा सकता है. उन्होंने जिला स्वास्थ्य व स्वच्छता समिति की बैठक आयोजित कर इस विषय पर आवश्यक सहयोग लेने के भी निर्देश दिए.

चिकित्सा व स्वास्थ्य विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह

जयपुर. भारत सरकार की ओर से इस साल गर्मी व लू का प्रभाव अत्यधिक रहने का अलर्ट जारी होने के बाद चिकित्सा व स्वास्थ्य विभाग ने प्रदेश में आमजन को गर्मी और लू जनित बीमारियों से बचाने के लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं. प्रदेश में लू और गर्मी जनित बीमारियों से बचाव के लिए ग्रेडेड रिस्पांस सिस्टम लागू किया जाएगा. साथ ही राज्य, जिला और ब्लॉक स्तर पर हीट एक्शन प्लान बनाकर आमजन को लू व गर्मी जनित बीमारियों से बचाव के लिए जरूरी कदम उठाए जाएंगे. इसके अलावा प्रदेश के रेगिस्तानी जिलों, जहां तापमान अधिक रहता है और अधिक लू चलती है, वहां विशेष प्रबंध किए जाएंगे.

इसको लेकर चिकित्सा व स्वास्थ्य विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह ने शनिवार को स्वास्थ्य भवन में लू व गर्मी जनित बीमारियों से बचाव, उपचार और जागरूकता संबंधित गतिविधियों को लेकर आयोजित राज्य स्तरीय वीडियो कॉन्फ्रेंस में इस संबंध में निर्देश दिए. उन्होंने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि गर्मी की तीव्रता बढ़ने पर आगामी दो से तीन माह चुनौतीपूर्ण हो सकते हैं. ऐसे में विभाग हर स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहे. उन्होंने कहा कि गर्मी और लू का स्तर बढ़ने पर यलो, ऑरेंज और रेड अलर्ट के अनुसार ग्रेडेड सिस्टम तैयार कर आवश्यक कदम उठाए.

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ये निर्देश जारी : अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह ने कहा कि आमजन को लू और गर्मी जनित बीमारियों की स्थिति में तत्काल उपचार व अन्य स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाने के लिए ट्रीटमेंट प्रोटोकॉल तैयार किया जाए. एम्बुलेंस की जांच करने के साथ ही प्राथमिक उपचार के लिए किट्स तैयार कराई जाए. अस्पतालों में डेडीकेटेड वार्ड बनाए जाए. साथ ही दवाओं और जांच किट्स की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की जाए. चिकित्सकों, पैरामेडिकल स्टाफ सहित निचले स्तर तक आवश्यक प्रशिक्षण दिया जाए. हीट स्ट्रोक और अन्य घातक स्थितियों में रोगी को तत्काल उपचार की आवश्यकता होती है. ऐसे में रिस्पांस टाइम न्यूनतम हो.

अतिरिक्त मुख्य सचिव ने कहा कि लू और तेज गर्मी की स्थिति में आमजन को बीमारियों से बचाने के लिए श्रम विभाग, कृषि विभाग, ग्रामीण विकास व पंचायती राज, स्थानीय निकाय विभाग, शिक्षा विभाग सहित विभिन्न विभागों का सहयोग अपेक्षित रहता है. इसके लिए संबंधित विभागों के साथ समन्वय रखते हुए कार्य योजना बनाई जाए. सभी संबंधित विभागों के साथ बैठक कर एक्शन प्लान को जमीनी स्तर पर लागू किया जाए.

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रोगियों की होगी दैनिक रिपोर्टिंग : अतिरिक्त मुख्य सचिव ने कहा कि अस्पतालों में आने वाले रोगियों के लिए छाया व पानी के माकूल इंतजाम किए जाए. जांच उपकरणों, ऑक्सीजन प्लांट, एसी, कूलर, पंखों व आरओ आदि की क्रियाशीलता जांचने के साथ ही उनका नियमित मेंटीनेंस करवाया जाए. उन्होंने निर्देश दिए कि हीटवेव से प्रभावित रोगियों की आईएचआईपी पोर्टल पर दैनिक रिपोर्टिंग की जाए. सिंह ने कहा कि लू व गर्मी जनित बीमारियों से बचाव के लिए स्कूलों में नो बैग डे के अवसर पर विद्यार्थियों को क्विज, निबंध आदि गतिविधियों के माध्यम से जागरूक किया जाए. साथ ही इन गतिविधियों में जनसहभागिता बढ़ाने के लिए एनजीओ, स्वयं सहायता समूहों, सिविल सोसायटीज आदि का भी सहयोग लिया जा सकता है. उन्होंने जिला स्वास्थ्य व स्वच्छता समिति की बैठक आयोजित कर इस विषय पर आवश्यक सहयोग लेने के भी निर्देश दिए.

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