सरगुजा : अंबिकापुर में कारोबारी के बेटे अक्षत अग्रवाल की हत्या और फिर आरोपी के कबूलनामे ने पुलिस की टेंशन बढ़ा दी है. हत्याकांड के बाद आरोपी ने जो बयान पुलिस के सामने दिया,उस पर किसी को यकीन नहीं है. परिजनों ने भी पुलिस से इस मामले की जांच करने की मांग की थी.
सरगुजा पुलिस को कोर्ट से मिली अनुमति : सरगुजा पुलिस ने गुजरात के गांधीनगर न्यायालय से ब्रेन मैपिंग और पॉलीग्राफ की अनुमति मांगी थी. न्यायालय ने दोनों ही जांच के लिए आदेश दे दिए हैं. अब आरोपी सच बोल रहा है या झूठ इस बात का खुलासा ब्रेन मैपिंग पॉलीग्राफी और नार्को टेस्ट से होगा.
''गांधीनगर थाने में हत्या का मामला दर्ज हुआ था वो काफी संवेदनशील है. उसमें अन्य साक्ष्य संकलन और तथ्यों को पता करने के लिये आरोपी का ब्रेन मैपिंग पॉलीग्राफ और नार्को टेस्ट के लिए गांधीनगर गुजरात से माननीय न्यायालय से अनुमति ली गई है. जिसका आने वाले समय में ब्रेन मैपिंग पॉलीग्राफ नार्को टेस्ट किया जाएगा.'' - अमोलक सिंह ढिल्लो,अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक
कब हुई थी हत्या ?: आपको बता दें कि अंबिकापुर के व्यापारी का बेटा 20 अगस्त को लापता हुआ था.जिसका शव 21 अगस्त को चठिरमा के जंगल से बरामद हुई.युवक की हत्या गोली मारकर की गई थी. जिस पर पुलिस ने जांच शुरु की.इसके बाद टेक्नीकल इनपुट के आधार पर आरोपी संजीव मंडल को गिरफ्तार किया.
हत्यारे के कबूलनामे ने बढ़ाई मुश्किल : इस मामले में संजीव मंडल ने पुलिस को बताया कि जिसकी हत्या हुई है उसने खुद की हत्या करवाने के लिए उसे पैसे दिए थे.यही नहीं आरोपी ने पुलिस को बताया कि मृतक ने पहले खुद ही अपने हाथों से गोली मारी.इसके बाद जब वो अधमरा हो गया तो आरोपी ने दो फायर किए.अब पुलिस को हत्या की ये थ्योरी समझ में नहीं आ रही है.