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रक्षाबंधन पर अखिलेश यादव ने समाजवादी सबला-सुरक्षा वाहिनी का किया गठन - AKHILESH YADAV

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Aug 19, 2024, 10:29 PM IST

Updated : Aug 19, 2024, 10:38 PM IST

रक्षा बंधन के अवसर पर समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने 'समाजवादी सबला-सुरक्षा वाहिनी' का गठन किया है. इसके साथ ही कहा कि आधी-आबादी की पूरी आज़ादी के लिए यह टीम कार्य करेगी.

समाजवादी सबला-सुरक्षा वाहिनी का गठन.
समाजवादी सबला-सुरक्षा वाहिनी का गठन. (Photo Credit; Akhilesh Yadav Twitter)

लखनऊः समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने रक्षाबंधन पर्व पर 'समाजवादी सबला-सुरक्षा वाहिनी' का गठन किया है. अखिलेश यादव ने सोमवार को सपा कार्यालय में महिला कार्यकर्ताओं से राखी बंधवाई. इसके बाद सपा कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि सदियों से इतिहास में सर्व समाज द्वारा मनाए जानेवाले सुरक्षा-सौहार्द के सामाजिक-सामुदायिक पर्व ’रक्षा-बंधन’ के अवसर पर समाजवादी पार्टी ‘आधी-आबादी’ मतलब हर बालिका, स्त्री, नारी, महिला को समर्पित एक ‘समाजवादी सबला-सुरक्षा वाहिनी’ का गठन कर रही है. ये टीम ‘स्त्री-संरक्षणीकरण’ की नवीन अवधारणा को जन-जन तक ले जाएगी और सद्भावनापूर्ण प्रयासों और समानता के विचारों के प्रसारण से नारी के प्रति दृष्टिकोण में सकारात्मक परिवर्तन लाकर, सामाजिक सोच में आमूलचूल परिवर्तन लाएगी.

अखिलेश यादव ने कहा कि समाजवादी सबला-सुरक्षा वाहिनी नारी के मुद्दों और मामलों में ‘चार दिन की चिंता’ की तरह केवल कहकर नहीं रह जाएगी. केवल औपचारिकता नहीं निभाएगी बल्कि बीते कल से सबक लेते हुए ’वर्तमान’ को झकझोर कर सचेत बनाएगी. दूरगामी ठोस क़दम भी उठाएगी, रास्ते भी बनाएगी और चलकर भी दिखाएगी. क्योंकि परिवर्तन थोथे बयानों से नहीं, सच्ची भावना से किये गये सद्-प्रयासों से ही आएगा. आर्थिक सबलीकरण और नारी-सुरक्षा जैसे विषयों के विविध कार्यक्रमों के माध्यम से उनके चतुर्दिक सशक्तीकरण को सुनिश्चित करने का अति महत्वपूर्ण कार्य करेगी.

अखिलेश यादव ने कहा कि नारी में ‘सुरक्षा की भावना’ उसकी शिक्षा की निरंतरता, उसकी कुशलता-समर्थता, सक्रियता व आत्मनिर्भरता और परिवार-समाज में ससम्मान जीने का सुदृढ़ आधार बनती है. नारी जितनी सुरक्षित होगी, उतनी ही उसकी सक्रियता बढ़ेगी और उतना ही उसका आर्थिक योगदान बढ़ेगा. साथ ही उसका पारिवारिक-सामाजिक सम्मान भी और देश-दुनिया के विकास में योगदान भी. ये ‘आधी-आबादी की पूरी आज़ादी’ का अभियान है, जिसके शुभारंभ के लिए ’रक्षा-बंधन’ जैसे पावन-पर्व से अच्छा अन्य कोई पर्व और क्या हो सकता है. लेकिन ये कोई एक दिन का पर्व नहीं होगा बल्कि हर पल, हर जगह, हर दिन सक्रिय रहनेवाली जागरूकता का चैतन्य रूप होगा.

जो नारी को सुरक्षित रखते हुए, आर्थिक रूप से सशक्त करते हुए एक बड़े सामाजिक-मानसिक बदलाव की ओर ले जाएगा और समाज में नारी की सुरक्षा तथा नारी को अपने पैरों पर खड़े होने के लिए स्वनिर्भरता को प्राथमिकता बनाएगा. ये नारी के संदर्भ में नज़रिया बदलने के लिए ‘सामाजिक-समझाइश’ का रास्ता अपनाएगा.

अखिलेश यादव ने कहा कि हमारा संकल्प-सिद्धांत है, स्त्री ‘शक्ति’ का प्रतीक भी होनी चाहिए और प्रमाण भी. इसीलिए समाज के सभी वर्गों और तबकों की स्त्री-शक्ति से आह्वान और अनुरोध है कि वे ‘समाजवादी सबला-सुरक्षा वाहिनी’ से जुड़ने के लिए आगे आएं. अपनी कुशलता व हुनर से अन्य स्त्रियों को आर्थिक-सामाजिक रूप से समर्थ-सबल बनाने में अपना योगदान दें. जिस दिन ‘नारी की आज़ादी’, देश की आज़ादी की पर्याय बन जाएगी, उस दिन सच में ‘आधी आबादी’ की पूरी आज़ादी होगी.

इसे भी पढ़ें-यूपी की 10 सीट पर उपचुनाव; सपा-कांग्रेस में खींचतान, 'राहुल' मांग रहे 5 सीट, 'अखिलेश' की हरियाणा-महाराष्ट्र में डिमांड

लखनऊः समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने रक्षाबंधन पर्व पर 'समाजवादी सबला-सुरक्षा वाहिनी' का गठन किया है. अखिलेश यादव ने सोमवार को सपा कार्यालय में महिला कार्यकर्ताओं से राखी बंधवाई. इसके बाद सपा कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि सदियों से इतिहास में सर्व समाज द्वारा मनाए जानेवाले सुरक्षा-सौहार्द के सामाजिक-सामुदायिक पर्व ’रक्षा-बंधन’ के अवसर पर समाजवादी पार्टी ‘आधी-आबादी’ मतलब हर बालिका, स्त्री, नारी, महिला को समर्पित एक ‘समाजवादी सबला-सुरक्षा वाहिनी’ का गठन कर रही है. ये टीम ‘स्त्री-संरक्षणीकरण’ की नवीन अवधारणा को जन-जन तक ले जाएगी और सद्भावनापूर्ण प्रयासों और समानता के विचारों के प्रसारण से नारी के प्रति दृष्टिकोण में सकारात्मक परिवर्तन लाकर, सामाजिक सोच में आमूलचूल परिवर्तन लाएगी.

अखिलेश यादव ने कहा कि समाजवादी सबला-सुरक्षा वाहिनी नारी के मुद्दों और मामलों में ‘चार दिन की चिंता’ की तरह केवल कहकर नहीं रह जाएगी. केवल औपचारिकता नहीं निभाएगी बल्कि बीते कल से सबक लेते हुए ’वर्तमान’ को झकझोर कर सचेत बनाएगी. दूरगामी ठोस क़दम भी उठाएगी, रास्ते भी बनाएगी और चलकर भी दिखाएगी. क्योंकि परिवर्तन थोथे बयानों से नहीं, सच्ची भावना से किये गये सद्-प्रयासों से ही आएगा. आर्थिक सबलीकरण और नारी-सुरक्षा जैसे विषयों के विविध कार्यक्रमों के माध्यम से उनके चतुर्दिक सशक्तीकरण को सुनिश्चित करने का अति महत्वपूर्ण कार्य करेगी.

अखिलेश यादव ने कहा कि नारी में ‘सुरक्षा की भावना’ उसकी शिक्षा की निरंतरता, उसकी कुशलता-समर्थता, सक्रियता व आत्मनिर्भरता और परिवार-समाज में ससम्मान जीने का सुदृढ़ आधार बनती है. नारी जितनी सुरक्षित होगी, उतनी ही उसकी सक्रियता बढ़ेगी और उतना ही उसका आर्थिक योगदान बढ़ेगा. साथ ही उसका पारिवारिक-सामाजिक सम्मान भी और देश-दुनिया के विकास में योगदान भी. ये ‘आधी-आबादी की पूरी आज़ादी’ का अभियान है, जिसके शुभारंभ के लिए ’रक्षा-बंधन’ जैसे पावन-पर्व से अच्छा अन्य कोई पर्व और क्या हो सकता है. लेकिन ये कोई एक दिन का पर्व नहीं होगा बल्कि हर पल, हर जगह, हर दिन सक्रिय रहनेवाली जागरूकता का चैतन्य रूप होगा.

जो नारी को सुरक्षित रखते हुए, आर्थिक रूप से सशक्त करते हुए एक बड़े सामाजिक-मानसिक बदलाव की ओर ले जाएगा और समाज में नारी की सुरक्षा तथा नारी को अपने पैरों पर खड़े होने के लिए स्वनिर्भरता को प्राथमिकता बनाएगा. ये नारी के संदर्भ में नज़रिया बदलने के लिए ‘सामाजिक-समझाइश’ का रास्ता अपनाएगा.

अखिलेश यादव ने कहा कि हमारा संकल्प-सिद्धांत है, स्त्री ‘शक्ति’ का प्रतीक भी होनी चाहिए और प्रमाण भी. इसीलिए समाज के सभी वर्गों और तबकों की स्त्री-शक्ति से आह्वान और अनुरोध है कि वे ‘समाजवादी सबला-सुरक्षा वाहिनी’ से जुड़ने के लिए आगे आएं. अपनी कुशलता व हुनर से अन्य स्त्रियों को आर्थिक-सामाजिक रूप से समर्थ-सबल बनाने में अपना योगदान दें. जिस दिन ‘नारी की आज़ादी’, देश की आज़ादी की पर्याय बन जाएगी, उस दिन सच में ‘आधी आबादी’ की पूरी आज़ादी होगी.

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Last Updated : Aug 19, 2024, 10:38 PM IST
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