प्रयागराज : नए साल के मौके पर संगम नगरी प्रयागराज में लगने वाले महाकुंम्भ मेले की धरती से देशवासियों को नव वर्ष की बधाई दी गयी है. अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने नए साल के पहले समस्त देशवासियों को सुख शांति समृद्धि का आशीर्वाद दिया है. इसके साथ ही उन्होंने लोगों से अपील की है कि अंग्रेजी नव वर्ष के पहले दिन सभी लोग अपने आराध्य देव की पूजा पाठ कर मंदिरों में भगवान का दर्शन कर साल की शुरुआत करें जिससे ये नव वर्ष 2025 सभी के लिए मंगलकारी साबित हो.
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने नव वर्ष की मंगलकामना देने के साथ ही नए साल 2025 को महाकुंभ का वर्ष बताया है. उनका कहना है कि इस नए साल में मौके पर सदी का एक बहुत बड़ा आयोजन होने जा रहा है. 144 सालों के बाद ग्रहों का ऐसा नक्षत्र बन रहा है जिसमें त्रिवेणी संगम में गंगा स्नान करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होंगी और इसके साथ ही जाने अनजाने में हुए पापों से भी मुक्ति पाने का अद्भुत संयोग है. इस पुण्य काल मे सनातन धर्म को मानने वाले हर व्यक्ति को गंगा यमुना सरस्वती की पावन त्रिवेणी तट पर आकर आस्था की डुबकी लगाकर पुण्य लाभ अर्जित करना चाहिए.
1 जनवरी से शुरू हुआ छावनी प्रवेश का सिलसिला : महाकुंभ मेला क्षेत्र में 1 जनवरी से छावनी प्रवेश शोभा यात्रा का सिलसिला शुरू होने जा रहा है. जो 12 जनवरी तक जारी रहेगा. एक जनवरी से लेकर 12 जनवरी तक अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद से जुड़े हुए सभी 13 अखाड़ों की छावनी प्रवेश यात्राएं निकलकर कुंभ नगरी में प्रवेश करेंगी. इसके साथ ही जिन अखाड़ों की धर्म ध्वजा की स्थापना अभी नहीं हुई है उनकी धर्म ध्वजा की स्थापना भी महाकुम्भ मेला क्षेत्र में बने शिविरों में कर दी जाएगी.
महंत रवींद्र पुरी ने यह भी कहाकि कुंम्भ मेला भले ही 13 जनवरी से शुरू होगा लेकिन 1 जनवरी में इस मेले की भव्यता लगातार बढ़ती जाएगी. क्योंकि जनवरी के इन्हीं शुरुआती 12 दिनों में मेला क्षेत्र में देश भर के साधु संतों का आगमन हो जाएगा. क्योंकि 14 जनवरी को होने वाले पहले शाही स्नान पर्व पर सभी साधु संत महामंडलेश्वर अपने अपने अखाड़े के साथ त्रिवेणी तट पर पहुँचकर संगम में आस्था की डुबकी लगाएंगे.
प्रयागवासी करें अतिथियों का स्वागत : इसके साथ ही अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने कहा कि सनातन धर्म की अतिथि देवो भवः की संस्कृति रही है. इसलिए प्रयागराज में आने वाले सभी श्रद्धालुओं का अतिथि के रूप में स्वागत करने का काम प्रयागराज में रहने वालों को करना चाहिए. कुंभ में आने वाले अतिथियों का स्वागत सत्कार एक मुस्कान के साथ करें. साथ ही शहर में रहने वाले लोगों से यथा संभव श्रद्धालुओं की सेवा और मदद करने की भी अपील उन्होंने प्रयागराज के रहने वाले लोगों से की है.
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