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जूना अखाड़ा महामंडलेश्वर के महाकुंभ में प्रवेश पर परिषद ने लगायी रोक, जानें वजह

Mahakumbh 2025: अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्य ने जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर को महाकुंभ में प्रवेश करने पर प्रतिबंध लगाया है.

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महंत रवींद्र पुरी (photo credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : 16 hours ago

प्रयागराज: अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरि ने जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर महेश गिरी के महाकुंभ मेले में प्रवेश पर रोक लगाई है. जूना अखाड़े के संरक्षक महंत हरि गिरी से विवाद और उनके खिलाफ साजिश रचने के आरोप में यह कार्रवाई की गयी है. इसके साथ ही अखाड़ा परिषद की तरफ से महामंडलेश्वर महेश गिरी को मेला क्षेत्र में जमीन समेत किसी प्रकार की कोई सुविधा न देने की मांग की है.

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने बताया है कि जूना अखाड़े के संरक्षक महंत हरि गिरी के खिलाफ साजिश रचने के साथ ही उनसे विवाद किया जा रहा है. इसको देखते हुए अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने विवाद करने वाले महामंडलेश्वर महेश दास के महाकुम्भ मेला क्षेत्र में आने वाले प्रतिबंध लगाने का एलान कर दिया है. इसके साथ ही उन्होंने कुंम्भ मेला प्रशासन से भी मांग की है कि महेश गिरी को मेला में शिविर लगाने के लिए जमीन से लेकर कोई सुविधा न दी जाए.

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने दी जानकारी (video credit; ETV Bharat)
इसे भी पढ़ें-श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल का भूमि पूजन संपन्न, अब शिविर निर्माण होगा शुरू

महंत हरी गिरी पर लगे आरोपों को बताया गलत: अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने यह भी कहा, कि महामंडलेश्वर महेश गिरी द्वारा अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री और जूना अखाड़े के संरक्षक महंत हरि गिरी पर लगाए गए आरोपों का न सर्फ खंडन किया, बल्कि महेश गिरी को कटघरे में खड़ा करते हुए उनके संत होने पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं. साथ ही उन्होंने कहाकि महामंडलेश्वर महेश गिरी के महाकुंभ में आने पर रोक लगाने के उनके फैसले पर अन्य साधु संतों ने भी अपनी सहमति जतायी है.

बता दें, कि गुजरात के गिरनार के अंबाजी मंदिर के श्री महंत तनसुख गिरी बापू के ब्रह्मलीन होने के बाद उनकी गद्दी को लेकर जूना अखाड़े के संतों के बीच विवाद शुरू हो गया है. अंबाजी मंदिर की गद्दी हासिल करने के लिए जूना अखाड़े के संरक्षक महंत और अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री महंत हरि गिरी के खिलाफ महेश गिरी लगातार बयान बाजी कर रहे हैं. यही नहीं उन्होंने विवाद को बढ़ाने के लिए कुछ वीडियो बनाकर महाराष्ट्र और गुजरात में जारी किए हैं.

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने कहा कि महंत हरि गिरी तपोनिष्ठ त्यागी वरिष्ठ संत हैं. इनकी छवि खराब करने के लिए महामंडलेश्वर महेश गिरी दुष्प्रचार कर रहे हैं. उनकी इस हरकत को साधु संत बर्दाश्त नहीं करेंगे. क्योंकि महेश गिरी पहले सन्यासी बने. जब वो सांसद बन गए तो भगवा वस्त्र त्याग कर कुर्ता पैजामा पहनकर नेता बन गए थे. लेकिन, जब उन्हें दोबारा सांसद का टिकट नहीं मिला तो अब वह मंदिर की गद्दी के लिए घमासान करने पर उतारू हो गए हैं. जबकि अब महेश गिरी को कोई पद लेने से पहले फिर से सन्यास की दीक्षा लेनी चाहिए.

यह भी पढ़ें-प्रयागराज में संगम की रेती के घाट पर अंतिम संस्कार बंद, अब रसूलाबाद जाना होगा

प्रयागराज: अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरि ने जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर महेश गिरी के महाकुंभ मेले में प्रवेश पर रोक लगाई है. जूना अखाड़े के संरक्षक महंत हरि गिरी से विवाद और उनके खिलाफ साजिश रचने के आरोप में यह कार्रवाई की गयी है. इसके साथ ही अखाड़ा परिषद की तरफ से महामंडलेश्वर महेश गिरी को मेला क्षेत्र में जमीन समेत किसी प्रकार की कोई सुविधा न देने की मांग की है.

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने बताया है कि जूना अखाड़े के संरक्षक महंत हरि गिरी के खिलाफ साजिश रचने के साथ ही उनसे विवाद किया जा रहा है. इसको देखते हुए अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने विवाद करने वाले महामंडलेश्वर महेश दास के महाकुम्भ मेला क्षेत्र में आने वाले प्रतिबंध लगाने का एलान कर दिया है. इसके साथ ही उन्होंने कुंम्भ मेला प्रशासन से भी मांग की है कि महेश गिरी को मेला में शिविर लगाने के लिए जमीन से लेकर कोई सुविधा न दी जाए.

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने दी जानकारी (video credit; ETV Bharat)
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महंत हरी गिरी पर लगे आरोपों को बताया गलत: अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने यह भी कहा, कि महामंडलेश्वर महेश गिरी द्वारा अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री और जूना अखाड़े के संरक्षक महंत हरि गिरी पर लगाए गए आरोपों का न सर्फ खंडन किया, बल्कि महेश गिरी को कटघरे में खड़ा करते हुए उनके संत होने पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं. साथ ही उन्होंने कहाकि महामंडलेश्वर महेश गिरी के महाकुंभ में आने पर रोक लगाने के उनके फैसले पर अन्य साधु संतों ने भी अपनी सहमति जतायी है.

बता दें, कि गुजरात के गिरनार के अंबाजी मंदिर के श्री महंत तनसुख गिरी बापू के ब्रह्मलीन होने के बाद उनकी गद्दी को लेकर जूना अखाड़े के संतों के बीच विवाद शुरू हो गया है. अंबाजी मंदिर की गद्दी हासिल करने के लिए जूना अखाड़े के संरक्षक महंत और अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री महंत हरि गिरी के खिलाफ महेश गिरी लगातार बयान बाजी कर रहे हैं. यही नहीं उन्होंने विवाद को बढ़ाने के लिए कुछ वीडियो बनाकर महाराष्ट्र और गुजरात में जारी किए हैं.

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने कहा कि महंत हरि गिरी तपोनिष्ठ त्यागी वरिष्ठ संत हैं. इनकी छवि खराब करने के लिए महामंडलेश्वर महेश गिरी दुष्प्रचार कर रहे हैं. उनकी इस हरकत को साधु संत बर्दाश्त नहीं करेंगे. क्योंकि महेश गिरी पहले सन्यासी बने. जब वो सांसद बन गए तो भगवा वस्त्र त्याग कर कुर्ता पैजामा पहनकर नेता बन गए थे. लेकिन, जब उन्हें दोबारा सांसद का टिकट नहीं मिला तो अब वह मंदिर की गद्दी के लिए घमासान करने पर उतारू हो गए हैं. जबकि अब महेश गिरी को कोई पद लेने से पहले फिर से सन्यास की दीक्षा लेनी चाहिए.

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