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कौन बनेगा अजमेर का 'चौधरी' ? जानिए अजमेर सीट का राजनीतिक अतीत - Loksabha Election Result 2024

Lok Sabha Election Result 2024, अजमेर लोकसभा सीट पर इस बार बीजेपी के प्रत्याशी भागीरथ चौधरी और कांग्रेस के प्रत्याशी रामचंद्र चौधरी के बीच मुख्य मुकाबला है. भाजपा का गढ़ मानी जाने वाली अजमेर सीट पर कभी काग्रेस का दबदबा हुआ करता था. अजमेर लोकसभा सीट पर 1952 से 2019 तक 17 बार लोकसभा चुनाव हुए हैं, जिसमें एक बार उपचुनाव भी हुआ है. 1989 से 2019 तक 10 बार लोकसभा चुनाव हुए. इनमें से कांग्रेस केवल तीन बार ही चुनाव जीत पाई. आइए जानते हैं अजमेर लोकसभा सीट का राजनीतिक अतीत.

Loksabha Election Result 2024
Ajmer constituency Result (फोटो : ईटीवी भारत)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jun 4, 2024, 5:04 AM IST

अजमेर. लोकसभा आम चुनाव 2024 के तहत अजमेर सीट पर रोचक मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के उम्मीदवारों के बीच देखने को मिला है. यहां 2019 में रिकॉर्ड मत से चुनाव जीते भागीरथ चौधरी पर बीजेपी ने दोबारा भरोसा जताया था. हालांकि यह बात अलग है कि 2023 के विधानसभा चुनाव में भी भागीरथ चौधरी ने अपने गृह क्षेत्र किशनगढ़ सीट से चुनाव लड़ा और उनकी करारी हार हुई थी. इधर, कांग्रेस ने स्थानीय नए चेहरे रामचन्द्र चौधरी को उम्मीदवार बनाया था. भाजपा और कांग्रेस समेत 14 उम्मीदवारों ने यहां से चुनाव लड़ा है, लेकिन मुख्य मुकाबला यहां भाजपा और कांग्रेस के बीच में है. यहां मतदान प्रतिशत 59.22 प्रतिशत रहा है.

1952 से 2009 तक का यह है सियासी इतिहास : अजमेर लोकसभा सीट पर 1952 से लेकर 1989 तक कांग्रेस का कब्जा रहा है. इसके बाद पहली बार 1989 में हुए चुनाव में भाजपा ने यहां से जीत हासिल की थी. उस वक्त रासा सिंह रावत चुनाव जीत कर संसद पहुंचे थे, लेकिन यह सिलसिला थमा नहीं. रावत 1989 से 1998 तक लगातार तीन बार सांसद रहे. हालांकि रावत के जीत के क्रम को कांग्रेस ने 1998 में तोड़ दिया. प्रभा ठाकुर कांग्रेस से यहां चुनाव जीतीं. 1999 में फिर से लोकसभा चुनाव हुए लिहाजा 1999 से 2009 तक रासासिंह रावत दो बार सांसद चुने गए. यानी अजमेर लोकसभा सीट पर रासा सिंह रावत 5 बार जीत दर्ज करवा चुके हैं और यह उनके नाम यह रिकॉर्ड है. 2009 में परिसीमन के बाद अजमेर लोकसभा सीट का नक्शा ही बदल गया. अजमेर लोकसभा सीट से ब्यावर का क्षेत्र राजसमंद में जुड़ गया और दूदू क्षेत्र अजमेर सीट में आ गया. इसके बाद 2009 में हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने सचिन पायलट को उतारा था, जबकि उनके सामने बीजेपी ने किरण माहेश्वरी को मैदान में उतारा था. यह चुनाव काफी रोचक रहा. दरअसल दोनों ही उम्मीदवार अजमेर लोकसभा क्षेत्र के निवासी नहीं थे. हालांकि इस चुनाव में सचिन पायलट ने जीत दर्ज की थी. इसके बाद यूपीए सरकार में पायलट को केंद्रीय राज्य मंत्री भी बनाया गया था.

2014 से 2019 तक का यह है सियासी इतिहास : 2014 चुनाव में कांग्रेस के सचिन पायलट का मुकाबला भाजपा के प्रत्याशी सांवरलाल जाट से हुआ. इस चुनाव में जाट ने पायलट को शिकस्त दी थी. एनडीए सरकार में जाट को केंद्रीय राज्य मंत्री भी बनाया गया था. इस चुनाव में जाट ने 55.14 फीसदी वोट शेयर के साथ 6 लाख 37 हजार 864 मत हासिल किए. जबकि 40.27 फीसदी वोट शेयर के साथ पायलट को 4 लाख 65 हजार 891 वोट मिले थे. 1 लाख 71 हजार 983 मतों से सांवरलाल जाट ने सचिन पायलट को शिकस्त दी थी.

इसे भी पढ़ें- अजमेर लोकसभा सीट पर कभी कांग्रेस का था दबदबा, अब माना जाता है भाजपा का गढ़ - Lok Sabha Election 2024

2018 उपचुनाव में फिर कांग्रेस चमकी : जाट का सांसद रहते निधन हो गया था, जिसके कारण 2018 में उपचुनाव हुए. सांवर लाल जाट के निधन के बाद उनके पुत्र रामस्वरूप लांबा को बीजेपी ने टिकट दिया. वहीं कांग्रेस ने डॉ. रघु शर्मा को मैदान में उतारा. उपचुनाव में डॉ. रघु शर्मा ने जीत हासिल की. उपचुनाव में डॉ. शर्मा को 6 लाख 11 हजार 514 और लाम्बा को 5 लाख 27 हजार 100 मत मिले थे. इसमें 84 हजार 162 मतों से शर्मा ने जीत हासिल की थी.

2019 के लोकसभा चुनाव में फिर से भाजपा : इस समय कांग्रेस ने उद्योगपति रिजु झुनझुनवाला को प्रत्याशी बनाया था, जबकि बीजेपी ने भागीरथ चौधरी पर भरोसा जताया. इस चुनाव में देशभर में मोदी की सुनामी देखी जा रही थी. लिहाजा मोदी लहर के सहारे भागीरथ चौधरी ने रिकॉर्ड मतों से जीत हासिल की. चुनाव में भागीरथ चौधरी को 65 प्रतिशत वोट शेयर मिले. उन्हें 8 लाख 15 हजार 76 मत मिले, जबकि रिजु झुनझुनवाला को 31.83 फीसदी वोट शेयर के साथ 3 लाख 98 हजार 652 मत प्राप्त हुए थे. चौधरी ने रिकॉर्ड 4 लाख 16 हजार 424 मतों से जीत हासिल की थी.

इसे भी पढ़ें- क्या ओम बिरला लगाएंगे हैट्रिक या गुंजल रोकेंगे विजय रथ, यहां देखें जातिगत समीकरण - RAJASTHAN LOKSABHA ELECTION 2024

अजमेर लोकसभा सीट का सियासी हाल : अजमेर लोकसभा क्षेत्र में आठ विधानसभा सीट आती हैं. इनमें अजमेर उत्तर, अजमेर दक्षिण, दूदू, मसूदा, नसीराबाद, पुष्कर, केकड़ी सीट पर भाजपा का कब्जा है, जबकि किशनगढ़ विधानसभा सीट पर कांग्रेस ने कब्जा जमाया है. किशनगढ़ विधानसभा सीट पर 2023 लोकसभा चुनाव में लोकसभा सांसद भागीरथ चौधरी को उम्मीदवार बनाया गया था लेकिन वह सांसद रहते चुनाव हार गए और तीसरे स्थान पर रहे. इसके बावजूद बीजेपी ने लोकसभा चुनाव 2024 में सांसद भागीरथ चौधरी को टिकट दिया. जबकि रामचन्द्र चौधरी को कांग्रेस ने उम्मीदवार बनाया है. इनके समेत कुल 14 निर्दलीय और अन्य राजनीतिक दलों से भी उम्मीदवारों ने भी चुनाव लड़ा है. अजमेर लोकसभा सीट पर सीधी टक्कर कांग्रेस और भाजपा के बीच में है.

59.22 प्रतिशत रहा था मतदान : अजमेर लोकसभा सीट पर चुनाव काफी रोचक हुए है. यहां मतदान प्रतिशत 59.22 रहा है. विधानसभावार बात करें तो दूदू में 54.29 फीसदी, पुष्कर, 59.91 फीसदी, किशनगढ़ 59.55 फीसदी, अजमेर उत्तर 63.77 फीसदी, अजमेर दक्षिण 63.15 फीसदी, नसीराबाद में 59.07 फीसदी, मसूदा में 57.48 फीसदी और केकड़ी में 58.08 प्रतिशत मतदान हुआ था. यहां कांग्रेस के उम्मीदवार रामचंद्र चौधरी और बीजेपी उम्मीदवार भागीरथ चौधरी के बीच सीधी टक्कर है.

अजमेर. लोकसभा आम चुनाव 2024 के तहत अजमेर सीट पर रोचक मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के उम्मीदवारों के बीच देखने को मिला है. यहां 2019 में रिकॉर्ड मत से चुनाव जीते भागीरथ चौधरी पर बीजेपी ने दोबारा भरोसा जताया था. हालांकि यह बात अलग है कि 2023 के विधानसभा चुनाव में भी भागीरथ चौधरी ने अपने गृह क्षेत्र किशनगढ़ सीट से चुनाव लड़ा और उनकी करारी हार हुई थी. इधर, कांग्रेस ने स्थानीय नए चेहरे रामचन्द्र चौधरी को उम्मीदवार बनाया था. भाजपा और कांग्रेस समेत 14 उम्मीदवारों ने यहां से चुनाव लड़ा है, लेकिन मुख्य मुकाबला यहां भाजपा और कांग्रेस के बीच में है. यहां मतदान प्रतिशत 59.22 प्रतिशत रहा है.

1952 से 2009 तक का यह है सियासी इतिहास : अजमेर लोकसभा सीट पर 1952 से लेकर 1989 तक कांग्रेस का कब्जा रहा है. इसके बाद पहली बार 1989 में हुए चुनाव में भाजपा ने यहां से जीत हासिल की थी. उस वक्त रासा सिंह रावत चुनाव जीत कर संसद पहुंचे थे, लेकिन यह सिलसिला थमा नहीं. रावत 1989 से 1998 तक लगातार तीन बार सांसद रहे. हालांकि रावत के जीत के क्रम को कांग्रेस ने 1998 में तोड़ दिया. प्रभा ठाकुर कांग्रेस से यहां चुनाव जीतीं. 1999 में फिर से लोकसभा चुनाव हुए लिहाजा 1999 से 2009 तक रासासिंह रावत दो बार सांसद चुने गए. यानी अजमेर लोकसभा सीट पर रासा सिंह रावत 5 बार जीत दर्ज करवा चुके हैं और यह उनके नाम यह रिकॉर्ड है. 2009 में परिसीमन के बाद अजमेर लोकसभा सीट का नक्शा ही बदल गया. अजमेर लोकसभा सीट से ब्यावर का क्षेत्र राजसमंद में जुड़ गया और दूदू क्षेत्र अजमेर सीट में आ गया. इसके बाद 2009 में हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने सचिन पायलट को उतारा था, जबकि उनके सामने बीजेपी ने किरण माहेश्वरी को मैदान में उतारा था. यह चुनाव काफी रोचक रहा. दरअसल दोनों ही उम्मीदवार अजमेर लोकसभा क्षेत्र के निवासी नहीं थे. हालांकि इस चुनाव में सचिन पायलट ने जीत दर्ज की थी. इसके बाद यूपीए सरकार में पायलट को केंद्रीय राज्य मंत्री भी बनाया गया था.

2014 से 2019 तक का यह है सियासी इतिहास : 2014 चुनाव में कांग्रेस के सचिन पायलट का मुकाबला भाजपा के प्रत्याशी सांवरलाल जाट से हुआ. इस चुनाव में जाट ने पायलट को शिकस्त दी थी. एनडीए सरकार में जाट को केंद्रीय राज्य मंत्री भी बनाया गया था. इस चुनाव में जाट ने 55.14 फीसदी वोट शेयर के साथ 6 लाख 37 हजार 864 मत हासिल किए. जबकि 40.27 फीसदी वोट शेयर के साथ पायलट को 4 लाख 65 हजार 891 वोट मिले थे. 1 लाख 71 हजार 983 मतों से सांवरलाल जाट ने सचिन पायलट को शिकस्त दी थी.

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2018 उपचुनाव में फिर कांग्रेस चमकी : जाट का सांसद रहते निधन हो गया था, जिसके कारण 2018 में उपचुनाव हुए. सांवर लाल जाट के निधन के बाद उनके पुत्र रामस्वरूप लांबा को बीजेपी ने टिकट दिया. वहीं कांग्रेस ने डॉ. रघु शर्मा को मैदान में उतारा. उपचुनाव में डॉ. रघु शर्मा ने जीत हासिल की. उपचुनाव में डॉ. शर्मा को 6 लाख 11 हजार 514 और लाम्बा को 5 लाख 27 हजार 100 मत मिले थे. इसमें 84 हजार 162 मतों से शर्मा ने जीत हासिल की थी.

2019 के लोकसभा चुनाव में फिर से भाजपा : इस समय कांग्रेस ने उद्योगपति रिजु झुनझुनवाला को प्रत्याशी बनाया था, जबकि बीजेपी ने भागीरथ चौधरी पर भरोसा जताया. इस चुनाव में देशभर में मोदी की सुनामी देखी जा रही थी. लिहाजा मोदी लहर के सहारे भागीरथ चौधरी ने रिकॉर्ड मतों से जीत हासिल की. चुनाव में भागीरथ चौधरी को 65 प्रतिशत वोट शेयर मिले. उन्हें 8 लाख 15 हजार 76 मत मिले, जबकि रिजु झुनझुनवाला को 31.83 फीसदी वोट शेयर के साथ 3 लाख 98 हजार 652 मत प्राप्त हुए थे. चौधरी ने रिकॉर्ड 4 लाख 16 हजार 424 मतों से जीत हासिल की थी.

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अजमेर लोकसभा सीट का सियासी हाल : अजमेर लोकसभा क्षेत्र में आठ विधानसभा सीट आती हैं. इनमें अजमेर उत्तर, अजमेर दक्षिण, दूदू, मसूदा, नसीराबाद, पुष्कर, केकड़ी सीट पर भाजपा का कब्जा है, जबकि किशनगढ़ विधानसभा सीट पर कांग्रेस ने कब्जा जमाया है. किशनगढ़ विधानसभा सीट पर 2023 लोकसभा चुनाव में लोकसभा सांसद भागीरथ चौधरी को उम्मीदवार बनाया गया था लेकिन वह सांसद रहते चुनाव हार गए और तीसरे स्थान पर रहे. इसके बावजूद बीजेपी ने लोकसभा चुनाव 2024 में सांसद भागीरथ चौधरी को टिकट दिया. जबकि रामचन्द्र चौधरी को कांग्रेस ने उम्मीदवार बनाया है. इनके समेत कुल 14 निर्दलीय और अन्य राजनीतिक दलों से भी उम्मीदवारों ने भी चुनाव लड़ा है. अजमेर लोकसभा सीट पर सीधी टक्कर कांग्रेस और भाजपा के बीच में है.

59.22 प्रतिशत रहा था मतदान : अजमेर लोकसभा सीट पर चुनाव काफी रोचक हुए है. यहां मतदान प्रतिशत 59.22 रहा है. विधानसभावार बात करें तो दूदू में 54.29 फीसदी, पुष्कर, 59.91 फीसदी, किशनगढ़ 59.55 फीसदी, अजमेर उत्तर 63.77 फीसदी, अजमेर दक्षिण 63.15 फीसदी, नसीराबाद में 59.07 फीसदी, मसूदा में 57.48 फीसदी और केकड़ी में 58.08 प्रतिशत मतदान हुआ था. यहां कांग्रेस के उम्मीदवार रामचंद्र चौधरी और बीजेपी उम्मीदवार भागीरथ चौधरी के बीच सीधी टक्कर है.

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