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सावधान! जहरीली हुई लखनऊ की आबोहवा, प्रदेश में सबसे अधिक वायु प्रदूषण, जानिए क्या है कारण? - AIR QUALITY INDEX

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ वायु प्रदूषण मामले में नोएडा को भी पीछे छोड़ा, एयर क्वालिटी इंडेक्स सबसे खराब स्तर पर

लखनऊ में वायु प्रदूषण.
लखनऊ में वायु प्रदूषण. (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : 17 hours ago

लखनऊ: कड़ाके की ठंड के साथ प्रदेश भर में इन दोनों प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ गया है. एयर क्वालिटी इंडेक्स ज्यादातर जिलों का 250 के पार हो चुका है. लखनऊ, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद, मेरठ, आगरा, नोएडा, मुजफ्फरनगर, मुरादाबाद एवं प्रयागराज में तो प्रदूषण स्तर कम होने का नाम ही नहीं ले रहा है. प्रदूषण के मामले में लखनऊ टॉप पर है. विशेषज्ञों के मुताबिक सर्दियों में सुबह और शाम के समय धुंध के साथ प्रदूषण का स्तर 300 के पार हो जाता है. वहीं, जब धूप निकलती है तो प्रदूषण का स्तर थोड़ा काम हो जाता है.

इसे भी पढ़ें-यूपी में वायु प्रदूषण; लखनऊ का AQI सबसे ज्यादा, जानें अपने जिले का हाल

पर्यावरणविद् वीपी श्रीवास्तव ने बताया कि प्रदूषण के होने के कई कारण है और हर कारण को दुरूस्त करने की आवश्यकता है. 25 दिसंबर से पटाखे जलाने, पराली को जलाने के कई मामले सामने आए हैं. वहीं, प्रदेश भर में सैकड़ो वाहन इत्यादि संचालित हो रहे हैं. इन सब बातों के अलावा एक और तथ्य भी है, जिसमें यह है कि प्रदेश के हर जिले में इंडस्ट्रियल एरिया है. जहां बड़े-बड़े कारखानों में काम चल रहा है. जिसका धुआं हमारे वातावरण को प्रभावित कर रहा है. ऐसे में किसी एक विषय पर पूरी जिम्मेदारी नहीं दे सकते हैं. प्रदेश सरकार को हर स्तर पर कार्य करने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि वैसे भी गुलाबी ठंड की शुरुआत में फॉग के साथ प्रदूषण का स्तर हमेशा बढ़ जाता है. जरूरत है तो बस इसे नियंत्रित करने की. ताकि प्रदेश की आबोहवा में जहर न घुल सकें. लोग स्वस्थ रह सकें. क्योंकि, प्रदूषण के कारण न जाने कितनी बीमारियां लोगों को घेरने लगती है.

पर्यावरणविद् वीपी श्रीवास्तव ने बताया कि प्रदेश के सभी जिलों को पहचानते हुए राजधानी लखनऊ प्रदूषण के मामले में टॉप पर है. इसके पीछे कई कारण है. क्योंकि, इन दोनों शादियों का सीजन है. ऐसे में लोग जमकर आतिशबाजी कर रहे हैं. यही कारण है कि लखनऊ का प्रदूषण स्तर काफी ज्यादा बढ़ा हुआ है. इसके पीछे अन्य भी कारण है, लेकिन सबसे मुख्य कारण शादियों का सीजन में आतिशबाजी है.

लखनऊ के इन क्षेत्रों का बढ़ा एक्यूआई
लखनऊ के कुछ क्षेत्रों का प्रदूषण स्तर बहुत ही अधिक हैं. लालबाग का एयर क्वालिटी इंडेक्स 341, केंद्रीय विद्यालय का एक्यूआई 388, तालकटोरा का एक्यूआई 301, गोमतीनगर का एक्यूआई 231, बाबा साहब भीमराव अंबेडकर का एक्यूआई 286 और कुकरैल का एक्यूआई 258 हैं.

इन जिलों का प्रदूषण स्तर बढ़ा

लखनऊ263
मुजफ्फरनगर 239
मेरठ245
नोएडा 260
ग्रेटर नोएडा 240
गाजियाबाद194
मुरादाबाद169
गोरखपुर 155
झांसी 151
कानपुर142

लखनऊ: कड़ाके की ठंड के साथ प्रदेश भर में इन दोनों प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ गया है. एयर क्वालिटी इंडेक्स ज्यादातर जिलों का 250 के पार हो चुका है. लखनऊ, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद, मेरठ, आगरा, नोएडा, मुजफ्फरनगर, मुरादाबाद एवं प्रयागराज में तो प्रदूषण स्तर कम होने का नाम ही नहीं ले रहा है. प्रदूषण के मामले में लखनऊ टॉप पर है. विशेषज्ञों के मुताबिक सर्दियों में सुबह और शाम के समय धुंध के साथ प्रदूषण का स्तर 300 के पार हो जाता है. वहीं, जब धूप निकलती है तो प्रदूषण का स्तर थोड़ा काम हो जाता है.

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पर्यावरणविद् वीपी श्रीवास्तव ने बताया कि प्रदूषण के होने के कई कारण है और हर कारण को दुरूस्त करने की आवश्यकता है. 25 दिसंबर से पटाखे जलाने, पराली को जलाने के कई मामले सामने आए हैं. वहीं, प्रदेश भर में सैकड़ो वाहन इत्यादि संचालित हो रहे हैं. इन सब बातों के अलावा एक और तथ्य भी है, जिसमें यह है कि प्रदेश के हर जिले में इंडस्ट्रियल एरिया है. जहां बड़े-बड़े कारखानों में काम चल रहा है. जिसका धुआं हमारे वातावरण को प्रभावित कर रहा है. ऐसे में किसी एक विषय पर पूरी जिम्मेदारी नहीं दे सकते हैं. प्रदेश सरकार को हर स्तर पर कार्य करने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि वैसे भी गुलाबी ठंड की शुरुआत में फॉग के साथ प्रदूषण का स्तर हमेशा बढ़ जाता है. जरूरत है तो बस इसे नियंत्रित करने की. ताकि प्रदेश की आबोहवा में जहर न घुल सकें. लोग स्वस्थ रह सकें. क्योंकि, प्रदूषण के कारण न जाने कितनी बीमारियां लोगों को घेरने लगती है.

पर्यावरणविद् वीपी श्रीवास्तव ने बताया कि प्रदेश के सभी जिलों को पहचानते हुए राजधानी लखनऊ प्रदूषण के मामले में टॉप पर है. इसके पीछे कई कारण है. क्योंकि, इन दोनों शादियों का सीजन है. ऐसे में लोग जमकर आतिशबाजी कर रहे हैं. यही कारण है कि लखनऊ का प्रदूषण स्तर काफी ज्यादा बढ़ा हुआ है. इसके पीछे अन्य भी कारण है, लेकिन सबसे मुख्य कारण शादियों का सीजन में आतिशबाजी है.

लखनऊ के इन क्षेत्रों का बढ़ा एक्यूआई
लखनऊ के कुछ क्षेत्रों का प्रदूषण स्तर बहुत ही अधिक हैं. लालबाग का एयर क्वालिटी इंडेक्स 341, केंद्रीय विद्यालय का एक्यूआई 388, तालकटोरा का एक्यूआई 301, गोमतीनगर का एक्यूआई 231, बाबा साहब भीमराव अंबेडकर का एक्यूआई 286 और कुकरैल का एक्यूआई 258 हैं.

इन जिलों का प्रदूषण स्तर बढ़ा

लखनऊ263
मुजफ्फरनगर 239
मेरठ245
नोएडा 260
ग्रेटर नोएडा 240
गाजियाबाद194
मुरादाबाद169
गोरखपुर 155
झांसी 151
कानपुर142
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