करनाल: हरियाणा के करनाल में वायु प्रदूषण लोगों के लिए परेशानी का सबब बनता जा रहा है. लगातार बढ़ते वायु प्रदूषण व तापमान में गिरावट के कारण अस्पतालों में सांस और दमा के मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है. वायु प्रदूषण के कारण आंखों में जलन के भी 50 फीसदी मरीज बढ़ गए हैं. सुबह-शाम ठंड और दोपहर में गर्मी होने से भी लोगों के स्वास्थ्य पर असर पड़ने लगा है. ऐसे में चिकित्सकों ने अपने स्वास्थ्य की देखभाल करने की सलाह दी है. बता दें कि हरियाणा के 9 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 500 तक पहुंच गया है. हिसार और कुरुक्षेत्र में वायु गुणवत्ता बेहद खराब स्तर पर है.
दिवाली पर प्रदूषण: दिवाली पर पटाखों व आतिशबाजी के धुएं से वायु प्रदूषण बढ़ा है. जिसके बाद लगातार हवा जहरीली बनी हुई है. दिन के समय तो मौसम साफ रहता है और चटक धूप निकल रही है. लेकिन शाम होते ही स्मॉग की धुंध छाने लगती है. जिले में स्मॉग की धुंध और धुआं छाया रहता है. जिससे लोगों को सड़कों पर आने-जाने में परेशानी भी रहती है. धुएं के कारण आंखों में जलन की समस्या बनी रहने से मरीजों को सांस लेने में दिक्कत बढ़ रही है. जिस कारण जिला अस्पताल से लेकर तमाम सीएचसी में सांस संबंधी मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है.
जहरीली हवा से लोग बीमार: दमा मरीजों ने बताया कि उनको सांस लेने में दिक्कत हो रही है. वहीं, आई चिकित्सक के यहां भी आंखों में जलन के 50 फीसदी मरीज बढ़ गए हैं. चिकित्सकों ने मरीजों को सलाह दी कि वह घर से बाहर निकलते समय मास्क का प्रयोग करें और बीमार होने पर समय रहते ही डॉक्टर की सलाह लें. घरेलू उपचार पर भी ध्यान दें. नागरिक अस्पताल में कार्यरत सांस रोग विशेषज्ञ डॉय. प्रदीप ने बताया कि दिवाली के बाद से अस्पताल की ओपीडी में मरीजों की संख्या में 30/40 प्रतिशत बढ़ोतरी हो गई है. गले में खराश, खांसी, जुकाम, सांस लेने दिक्कत में मरीज आ रहे हैं. बच्चों और बुजुर्गों को ज्यादा दिक्कत आ रही है. दमा ग्रस्त बुजुर्गों को इनहेलर से भी राहत नहीं मिल रही है.
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