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जोधपुर IIT के निदेशक बोले- संस्था को पांच साल में Top 5 में लाने का लक्ष्य, कोटा की समस्या पर कही ये बड़ी बात - IIT Jodhpur

राजस्थान में जोधपुर आईआईटी के नए निदेशक प्रो. अविनाश अग्रवाल ने बड़ा बयान दिया है. सोमवार को मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि टीचर्स के लिए पाठ्यक्रम में हम आईआईटी जोधपुर को मॉडल बनाना चाहते हैं. हमारा लक्ष्य इस संस्था को अगले पांच साल में Top 5 में लाने का है.

IIT Jodhpur
जोधपुर आईआईटी के नए निदेशक (ETV Bharat Jodhpur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : May 6, 2024, 6:07 PM IST

निदेशक प्रो. अविनाश अग्रवाल (ETV Bharat Jodhpur)

जोधपुर. आईआईटी जोधपुर के निदेशक प्रो. अविनाश अग्रवाल का कहना है कि हमारे देश के प्राइमरी एज्यूकेशन सिस्टम में बदलाव की जरूरत है. वैज्ञानिक सोच के साथ शिक्षण करने के लिए आईआईटी जोधपुर इसी वर्ष बीएससी-बीएड पाठ्यक्रम शुरू करने जा रहा है. इसके अलावा आने वाले समय में बीए-बीएड भी होगा.

जोधपुर आईआईटी में निदेशक का पदभार ग्रहण करने के बाद अपनी पहली प्रेसमीट में प्रो. अग्रवाल ने अपना मिशन व विजन बताते हुए कहा कि टीचर्स के लिए पाठ्यक्रम में हम आईआईटी जोधपुर को मॉडल बनाना चाहते हैं. अभी एक-दो जगह शुरू हुआ, लेकिन कहीं पर इसको लेकर स्थितियां साफ नहीं हैं, लेकिन हमें विश्वास है कि हम जो मॉडल बनाएंगे वो सभी आईआईटी में लागू होगा. प्रो. अग्रवाल ने बताया कि मेरा प्रयास होगा कि पांच साल में आईआईटी जोधपुर को देश के पहले पांच तकनीकी संस्थानों में लाना होगा. इसके अलावा जोधपुर रक्षा क्षेत्र में काफी महत्वूपर्ण है. ऐसे में हम डिफेंस तकनीक में भी काम करने के प्रयास में हैं. इसके अलावा जोधपुर आईआईटी एरो स्पेस क्षेत्र में काम करेगा.

पढ़ें : अब ब्लड टेस्ट के लिए लैब जाने की नहीं रहेगी जरूरत, आईआईटी जोधपुर ने की तकनीक ईजाद - IIT JODHPUR BLOOD TEST TECHNIQUE

इनोवेशन हब और रिसर्च पार्क बनेगा : निदेशक ने बताया कि राजस्थान प्रदेश के विकास में हम कितना योगदान दे सकते हैं, इसको लेकर मैं सरकार से मिलूंगा. हम कैसे सहयोग करें, इस पर काम करेंगे. इंडस्ट्रीज को बूस्ट करने के लिए इनोवेशन हब बनाएंगे. इसके अलावा एक रिसर्च पार्क बनेगा, जिसमें इंडस्ट्रीज संचालक अपनी तकनीकी समस्या को लेकर यहां आ सकते हैं. हमारे कैंपस में अपनी रिसर्च लेब बना सकेगे. उसमें हमारे प्रोफेसर्स भी साथ देंगे. प्रो. अग्रवाल ने बताया कि हम जोधपुर को लेकर भी काम करेंगे. आईआईटी जोधपुर में चल रहे प्रोजेक्ट को गति देकर पूरा करेंगे.

जॉब सीकर नहीं, क्रिएटर बनें : आईआईटीज में प्लेसमेंट के सवाल पर उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास होगा कि हमारे स्टूडेंट नौकरी करें नहीं, नौकरी देने पर काम करें. जिससे वे देश के विकास में भागीदार बन सकेंगे. उन्होंने यह भी कहा कि संस्थानों का उदृदेश्य सिर्फ रिसर्च कर पेपर पब्लिशिंग तक सीमित नहीं होना चाहिए. पेपर के बाद उस रिसर्च का प्रोडक्ट परिणाम के रूप में सामने आना जरूरी है. हम उस दिशा में काम करेंगे.

IIT Jodhpur
जोधपुर IIT (ETV Bharat Jodhpur)

कोटा की समस्या का हल भी बताया : कोटा में नीट-जेईईई की तैयारी करने वाली बच्चों के आत्महत्या के सवाल पर प्रो. अग्रवाल ने कहा कि हमारे देश में इंजीनियरिंग की 40 लाख सीटें हैं, लेकिन हर साल 15 से 20 लाख खाली रहती हैं, क्योंकि एज्यूकेशन का स्तर सही नहीं है. कोई भी पेरेंट अपने बच्चे को अच्छे संस्थान में भेजना चाहता है, लेकिन आईआईटीज में सीट लिमिटेड हैं. इसका प्रेशर भी रहता है. ऐसे में मेरा मानना है कि इंजीनियरिंग कॉलेज के टीचर्स और डायरेक्टर्स को याद दिलाया जाना चाहिए कि उनका काम क्या है? वो अपना फर्ज ठीक से नहीं निभा रहे हैं. मेरा प्रयास रहेगा कि इस राज्य के इंजीनियरिंग कॉलेज के टीचर्स के लिए प्रोग्राम शुरू करेंगे. जब इनका स्तर सुधरेगा तो कोटा का प्रेशर भी कम होगा.

निदेशक प्रो. अविनाश अग्रवाल (ETV Bharat Jodhpur)

जोधपुर. आईआईटी जोधपुर के निदेशक प्रो. अविनाश अग्रवाल का कहना है कि हमारे देश के प्राइमरी एज्यूकेशन सिस्टम में बदलाव की जरूरत है. वैज्ञानिक सोच के साथ शिक्षण करने के लिए आईआईटी जोधपुर इसी वर्ष बीएससी-बीएड पाठ्यक्रम शुरू करने जा रहा है. इसके अलावा आने वाले समय में बीए-बीएड भी होगा.

जोधपुर आईआईटी में निदेशक का पदभार ग्रहण करने के बाद अपनी पहली प्रेसमीट में प्रो. अग्रवाल ने अपना मिशन व विजन बताते हुए कहा कि टीचर्स के लिए पाठ्यक्रम में हम आईआईटी जोधपुर को मॉडल बनाना चाहते हैं. अभी एक-दो जगह शुरू हुआ, लेकिन कहीं पर इसको लेकर स्थितियां साफ नहीं हैं, लेकिन हमें विश्वास है कि हम जो मॉडल बनाएंगे वो सभी आईआईटी में लागू होगा. प्रो. अग्रवाल ने बताया कि मेरा प्रयास होगा कि पांच साल में आईआईटी जोधपुर को देश के पहले पांच तकनीकी संस्थानों में लाना होगा. इसके अलावा जोधपुर रक्षा क्षेत्र में काफी महत्वूपर्ण है. ऐसे में हम डिफेंस तकनीक में भी काम करने के प्रयास में हैं. इसके अलावा जोधपुर आईआईटी एरो स्पेस क्षेत्र में काम करेगा.

पढ़ें : अब ब्लड टेस्ट के लिए लैब जाने की नहीं रहेगी जरूरत, आईआईटी जोधपुर ने की तकनीक ईजाद - IIT JODHPUR BLOOD TEST TECHNIQUE

इनोवेशन हब और रिसर्च पार्क बनेगा : निदेशक ने बताया कि राजस्थान प्रदेश के विकास में हम कितना योगदान दे सकते हैं, इसको लेकर मैं सरकार से मिलूंगा. हम कैसे सहयोग करें, इस पर काम करेंगे. इंडस्ट्रीज को बूस्ट करने के लिए इनोवेशन हब बनाएंगे. इसके अलावा एक रिसर्च पार्क बनेगा, जिसमें इंडस्ट्रीज संचालक अपनी तकनीकी समस्या को लेकर यहां आ सकते हैं. हमारे कैंपस में अपनी रिसर्च लेब बना सकेगे. उसमें हमारे प्रोफेसर्स भी साथ देंगे. प्रो. अग्रवाल ने बताया कि हम जोधपुर को लेकर भी काम करेंगे. आईआईटी जोधपुर में चल रहे प्रोजेक्ट को गति देकर पूरा करेंगे.

जॉब सीकर नहीं, क्रिएटर बनें : आईआईटीज में प्लेसमेंट के सवाल पर उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास होगा कि हमारे स्टूडेंट नौकरी करें नहीं, नौकरी देने पर काम करें. जिससे वे देश के विकास में भागीदार बन सकेंगे. उन्होंने यह भी कहा कि संस्थानों का उदृदेश्य सिर्फ रिसर्च कर पेपर पब्लिशिंग तक सीमित नहीं होना चाहिए. पेपर के बाद उस रिसर्च का प्रोडक्ट परिणाम के रूप में सामने आना जरूरी है. हम उस दिशा में काम करेंगे.

IIT Jodhpur
जोधपुर IIT (ETV Bharat Jodhpur)

कोटा की समस्या का हल भी बताया : कोटा में नीट-जेईईई की तैयारी करने वाली बच्चों के आत्महत्या के सवाल पर प्रो. अग्रवाल ने कहा कि हमारे देश में इंजीनियरिंग की 40 लाख सीटें हैं, लेकिन हर साल 15 से 20 लाख खाली रहती हैं, क्योंकि एज्यूकेशन का स्तर सही नहीं है. कोई भी पेरेंट अपने बच्चे को अच्छे संस्थान में भेजना चाहता है, लेकिन आईआईटीज में सीट लिमिटेड हैं. इसका प्रेशर भी रहता है. ऐसे में मेरा मानना है कि इंजीनियरिंग कॉलेज के टीचर्स और डायरेक्टर्स को याद दिलाया जाना चाहिए कि उनका काम क्या है? वो अपना फर्ज ठीक से नहीं निभा रहे हैं. मेरा प्रयास रहेगा कि इस राज्य के इंजीनियरिंग कॉलेज के टीचर्स के लिए प्रोग्राम शुरू करेंगे. जब इनका स्तर सुधरेगा तो कोटा का प्रेशर भी कम होगा.

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