भोपाल। मध्यप्रदेश के दूरस्थ इलाकों में गंभीर मरीजों को अब तुरंत राहत के लिए अस्पताल तक दौड़ नहीं लगानी होगी. ऐसे मरीजों तक ड्रोन के जरिए दवाएं पहुंचाई जाएंगी. इसकी सुविधा भोपाल के आसपास के 100 किलोमीटर दायरे में मौजूद 5 जिलों के मरीजों को एम्स द्वारा उपलब्ध कराई जाएगी. ड्रोन से दवाएं पहुंचाने का एम्स द्वारा किया गए ट्रायल सफल रहा है. एम्स में ड्रोन स्टेशन भी बनाया गया है.
2 किलो वजनी दवाएं केवल 20 मिनट में मरीज तक पहुंचाईं
एम्स का ड्रोन से दूरस्थ इलाकों में दवा पहुंचाने के लिए दो किलो वजनी दवाओं का बॉक्स भोपाल से 33 किलोमीटर दूर गौहरगंज के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में पहुंचाया गया. ड्रोन ने यह बॉक्स लेकर उड़ान भरी और सिर्फ 20 मिनट में यह दवा लेकर पहुंच गया. इसके बाद वहां से मरीज का सैंपल लेकर वापस भी आ गया. ड्रोन से दवा पहुंचाने की सुविधा के मामले में भोपाल एम्स मध्य भारत का अकेला इंस्टीट्यूट बन गया है. भोपाल एम्स के डायरेक्टर डॉ.अजय सिंह ने बताया कि ड्रोन से दवा पहुंचाने के सफल प्रयोग के बाद अब जहां सुविधाएं नहीं हैं, वहां दवा पहुंचाई जाएंगी. साथ ही सैंपल भी कलेक्ट किए जाएंगे. इसके लिए एम्स में ड्रोन स्टेशन बनाया गया है, जहां से इसकी ट्रेकिंग की जाएगी. यह ड्रोन 100 किलोमीटर की दूरी तय कर सकता है.
एम्स डायरेक्टर ने बताई आगे की प्लानिंग
एम्स डायरेक्टर ने बताया कि ड्रोन की रफ्तार 120 किलोमीटर प्रतिघंटा है. यह ड्रोन 8 किलो तक का वजन उठाकर जा सकता है. अधिकारियों के मुताबिक शुरूआत में एम्स में बनाए गए ड्रोन स्टेशन में मैनुअल और ऑटोमेटिड दोनों ही मोड हैं. कंप्यूटर के माध्यम से इसे कंट्रोल कर निर्धारित स्थान पर पहुंचाकर वापस लाया जाता है. ड्रोन में मेडिकल सामान रखने के लिए स्टॉफ रखा गया है. ड्रोन से फिलहाल 100 किलोमीटर के दायरे में आने वाले सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र तक दवाएं पहुंचाई जाएंगी.
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ड्रोन की रफ्तार 150 किमी प्रति घंटे की जाएगी
इसके बाद इस सेवा दायरा बढ़ाकर आसपास के पांच जिलों तक किया जाएगा. इसके लिए ड्रोन को अपग्रेड किया जाएगा. इसके बाद 100 किलोमीटर तक की उड़ान की क्षमता को बढ़ाकर 300 किलोमीटर किया जाएगा. साथ ही ड्रोन की रफ्तार भी 100 किलोमीटर प्रति घंटे से बढाकर 150 किलोमीटर प्रतिघंटे की हो जाएगी. सबसे खास बात ड्रोन से दिन ही नहीं रात में भी दवाएं पहुंचाई जा सकेंगी. चिकित्सा क्षेत्र में ये सेवा मरीजों के लिए बड़ी राहत है.