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AICTE ने पीएचडी शोधार्थियों के लिए लॉन्च की डॉक्टरल फेलोशिप योजना, जानिए कौन होगा पात्र - All India Council for Technical Education

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Jun 6, 2024, 12:51 PM IST

AICTE Doctoral Fellowship 2024-25: एआईसीटीई ने पीएचडी शोधार्थियों के लिए डॉक्टरल फेलोशिप योजना लॉन्च की है. आइए जानते हैं इसका उद्देश्य और कौन होगा इसके लिए पात्र.

एआईसीटीई डॉक्टोरल फेलोशिप
एआईसीटीई डॉक्टोरल फेलोशिप (ETV Bharat)

नई दिल्ली: अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद् (एआईसीटीई) के अध्यक्ष प्रो. टी.जी. सीताराम ने शैक्षणिक वर्ष 2024-25 के लिए एआईसीटीई डॉक्टरल फेलोशिप (एडीएफ) योजना लॉन्च की है. इसके लॉन्च के समय प्रो. सीताराम ने एआईसीटीई अप्रूव्ड संस्थानों में सहायक ईकोसिस्टम विकसित करके रिसर्च और इनोवेशन की संस्कृति व ज्ञान को बढ़ावा देने पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि यह योजना रिसर्च और इनोवेशन को बढ़ावा देगी.

योजना का उद्देश्य तकनीकी संस्थानों और उद्योग जगत के बीच सहयोगात्मक, उच्च गुणवत्ता वाले और सहकर्मी समीक्षित अनुसंधान को वित्तपोषित करना और बढ़ावा देना है, जिससे स्टार्टअप की संभावना और बढ़ सके. इस पहल का उद्देश्य शोधार्थियों को उनकी शैक्षणिक योग्यता बढ़ाने में मदद करना भी है, जिससे शिक्षा जगत को भी लाभ पहुंचेगा. पहले यह योजना केवल इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के लिए ही थी, लेकिन अब यह एआईसीटीई के दायरे में आने वाले सभी क्षेत्रों को कवर करेगी. योजना के तहत प्रतिवर्ष 400 छात्रवृत्तियां दी जाएंगी. खास बात यह है कि अब शोधार्थी छात्रवृत्ति के लिए सीधे या अपने संबंधित विश्वविद्यालय के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं. उन्हें छात्रवृत्ति डायरेक्ट बेनिफिशियरी ट्रांसफर (डीबीटी) के माध्यम से दी जाएगी.

ये लोग होंगे योजना के लिए पात्र: यह योजना इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, मैनेजमेंट, डिजाइन, प्लानिंग, अप्लाइड आर्ट्स, क्राफ्ट्स एंड डिजाइन, अप्लाइड साइंस, होटल मैनेजमेंट एंड कैटरिंग टेक्नोलॉजी के कई व्यापक शोध क्षेत्रों के लिए है. हालांकि, यह इन्हीं क्षेत्रों तक सीमित नहीं है. यह योजना दो कैटेगरी में चलाई जा रही है. कैटेगरी ए के तहत योजना के दिशानिर्देशों के अनुसार, शोधार्थी एआईसीटीई एडीएफ पोर्टल के माध्यम से सीधे पंजीकरण कर सकते हैं. इसके लिए आवेदक को अपने विश्वविद्यालय से अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) देना होगा.

यह होगा अनिवार्य: वहीं कैटगरी बी के तहत आने वाले विश्वविद्यालय, इस योजना के तहत पंजीकरण करके छात्रों को अपनी प्रक्रिया के अनुसार अपने पीएचडी में प्रवेश दे सकते हैं. शर्त यह है कि छात्र एआईसीटीई द्वारा निर्धारित न्यूनतम पात्रता मानदंडों को पूरा करते हों. पीएचडी शोध में गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए एआईसीटीई मूल्यांकन समिति दोनों कैटेगरी के आवेदकों के शोध प्रस्तावों का मूल्यांकन करेगी. योजना के लिए आवेदक को इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, मैनेजमेंट, डिजाइन, प्लानिंग, अप्लाइड आर्ट्स, क्राफ्ट्स एंड डिजाइन या कंप्यूटर ऐप्लीकेशन जैसे विभागों में पीएचडी का छात्र होना अनिवार्य है.

आयु में मिलेगी छूट: वहीं होटल मैनेजमेंट के लिए यह अनिवार्य है कि आवेदक ने एआईसीटीई अप्रूव्ड संस्थान से होटल मैनेजमेंट एंड कैटरिंग टेक्नोलॉजी में स्नातक और संबंधित क्षेत्र में मास्टर डिग्री प्राप्त की हो. इसके अलावा आवेदक का निर्दिष्ट क्षेत्रों में स्नातक, स्नातकोत्तर डिग्री या डुअल डिग्री धारक होना अनिवार्य है. अप्लाइड साइंस में पोस्ट ग्रेजुएट किए हुए छात्र, जो एआईसीटीई अप्रूव्ड संस्थान में पीएचडी कार्यक्रम में प्रवेश ले रहे हैं या पहले से प्रवेश ले चुके हैं, वे भी इस योजना में आवेदन के लिए पात्र हैं. दोनों श्रेणी के आवेदकों की आयु सीमा 30 वर्ष से कम रखी गई है. सरकारी मानदंडों के अनुसार आयु में छूट दी जाएगी.

यह भी पढ़ें- सीईएस-2024-25 के लिए दिल्ली विश्वविद्यालय ने आमंत्रित किए आवेदन, जानें कैसे करें आवेदन

प्रतिमाह मिलेगी इतनी राशि: इसमें जूनियर रिसर्च फेलो (जेआरएफ) को 37,000 और सीनियर रिसर्च फेलो (एसआरएफ) को 42,000 रुपये प्रति माह मिलेंगे. जेआरएफ को उनके एडीएफ की शुरुआत से दो साल पूरे करने के बाद एसआरएफ में अपग्रेड किया जा सकता है. फेलोशिप की अवधि अधिकतम पांच वर्ष है. शैक्षणिक वर्ष के लिए प्रवेश प्रक्रिया पूरी होने के बाद, एडीएफ के लिए पूरे वर्ष के दौरान आवेदन किया जा सकता है.

यह भी पढ़ें- QS World University Ranking: वर्ल्ड रैंकिंग में IIT दिल्ली 150वें पायदान पर, सेंट्रल यूनिवर्सिटी में DU फर्स्ट

नई दिल्ली: अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद् (एआईसीटीई) के अध्यक्ष प्रो. टी.जी. सीताराम ने शैक्षणिक वर्ष 2024-25 के लिए एआईसीटीई डॉक्टरल फेलोशिप (एडीएफ) योजना लॉन्च की है. इसके लॉन्च के समय प्रो. सीताराम ने एआईसीटीई अप्रूव्ड संस्थानों में सहायक ईकोसिस्टम विकसित करके रिसर्च और इनोवेशन की संस्कृति व ज्ञान को बढ़ावा देने पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि यह योजना रिसर्च और इनोवेशन को बढ़ावा देगी.

योजना का उद्देश्य तकनीकी संस्थानों और उद्योग जगत के बीच सहयोगात्मक, उच्च गुणवत्ता वाले और सहकर्मी समीक्षित अनुसंधान को वित्तपोषित करना और बढ़ावा देना है, जिससे स्टार्टअप की संभावना और बढ़ सके. इस पहल का उद्देश्य शोधार्थियों को उनकी शैक्षणिक योग्यता बढ़ाने में मदद करना भी है, जिससे शिक्षा जगत को भी लाभ पहुंचेगा. पहले यह योजना केवल इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के लिए ही थी, लेकिन अब यह एआईसीटीई के दायरे में आने वाले सभी क्षेत्रों को कवर करेगी. योजना के तहत प्रतिवर्ष 400 छात्रवृत्तियां दी जाएंगी. खास बात यह है कि अब शोधार्थी छात्रवृत्ति के लिए सीधे या अपने संबंधित विश्वविद्यालय के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं. उन्हें छात्रवृत्ति डायरेक्ट बेनिफिशियरी ट्रांसफर (डीबीटी) के माध्यम से दी जाएगी.

ये लोग होंगे योजना के लिए पात्र: यह योजना इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, मैनेजमेंट, डिजाइन, प्लानिंग, अप्लाइड आर्ट्स, क्राफ्ट्स एंड डिजाइन, अप्लाइड साइंस, होटल मैनेजमेंट एंड कैटरिंग टेक्नोलॉजी के कई व्यापक शोध क्षेत्रों के लिए है. हालांकि, यह इन्हीं क्षेत्रों तक सीमित नहीं है. यह योजना दो कैटेगरी में चलाई जा रही है. कैटेगरी ए के तहत योजना के दिशानिर्देशों के अनुसार, शोधार्थी एआईसीटीई एडीएफ पोर्टल के माध्यम से सीधे पंजीकरण कर सकते हैं. इसके लिए आवेदक को अपने विश्वविद्यालय से अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) देना होगा.

यह होगा अनिवार्य: वहीं कैटगरी बी के तहत आने वाले विश्वविद्यालय, इस योजना के तहत पंजीकरण करके छात्रों को अपनी प्रक्रिया के अनुसार अपने पीएचडी में प्रवेश दे सकते हैं. शर्त यह है कि छात्र एआईसीटीई द्वारा निर्धारित न्यूनतम पात्रता मानदंडों को पूरा करते हों. पीएचडी शोध में गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए एआईसीटीई मूल्यांकन समिति दोनों कैटेगरी के आवेदकों के शोध प्रस्तावों का मूल्यांकन करेगी. योजना के लिए आवेदक को इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, मैनेजमेंट, डिजाइन, प्लानिंग, अप्लाइड आर्ट्स, क्राफ्ट्स एंड डिजाइन या कंप्यूटर ऐप्लीकेशन जैसे विभागों में पीएचडी का छात्र होना अनिवार्य है.

आयु में मिलेगी छूट: वहीं होटल मैनेजमेंट के लिए यह अनिवार्य है कि आवेदक ने एआईसीटीई अप्रूव्ड संस्थान से होटल मैनेजमेंट एंड कैटरिंग टेक्नोलॉजी में स्नातक और संबंधित क्षेत्र में मास्टर डिग्री प्राप्त की हो. इसके अलावा आवेदक का निर्दिष्ट क्षेत्रों में स्नातक, स्नातकोत्तर डिग्री या डुअल डिग्री धारक होना अनिवार्य है. अप्लाइड साइंस में पोस्ट ग्रेजुएट किए हुए छात्र, जो एआईसीटीई अप्रूव्ड संस्थान में पीएचडी कार्यक्रम में प्रवेश ले रहे हैं या पहले से प्रवेश ले चुके हैं, वे भी इस योजना में आवेदन के लिए पात्र हैं. दोनों श्रेणी के आवेदकों की आयु सीमा 30 वर्ष से कम रखी गई है. सरकारी मानदंडों के अनुसार आयु में छूट दी जाएगी.

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प्रतिमाह मिलेगी इतनी राशि: इसमें जूनियर रिसर्च फेलो (जेआरएफ) को 37,000 और सीनियर रिसर्च फेलो (एसआरएफ) को 42,000 रुपये प्रति माह मिलेंगे. जेआरएफ को उनके एडीएफ की शुरुआत से दो साल पूरे करने के बाद एसआरएफ में अपग्रेड किया जा सकता है. फेलोशिप की अवधि अधिकतम पांच वर्ष है. शैक्षणिक वर्ष के लिए प्रवेश प्रक्रिया पूरी होने के बाद, एडीएफ के लिए पूरे वर्ष के दौरान आवेदन किया जा सकता है.

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