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एलोपैथी लैब की तर्ज पर अलवर में भी जल्द तैयार होगी एग्रो प्रयोगशाला, कीट विज्ञानी बताएंगे रोग के कारण - AGRO LABORATORY IN ALWAR

जयपुर और जोधपुर के बाद अब अलवर में भी एग्रो प्रयोगशाला स्थापित की जाएगी. इससे फसलों को कीट से बचाने में किसानों को मदद मिलेगी.

Agro Laboratory in Alwar
अलवर में एग्रो लैब (ETV Bharat Alwar)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jan 17, 2025, 6:32 AM IST

अलवर: ​किसानों को फसल में रोग व कीट से होने वाले नुकसान से बचाने और रोग व कीट लगने के कारण बताने के लिए अलवर ​में जल्द ही हाइटेक एग्रो लैब तैयार की जाएगी. इस लैब की खास बात होगी कि यह इसमें एलोपैथी लैब की तरह पैथोलॉजिस्ट व कीट विज्ञानी फसलों में रोग व कीट लगने के कारण और उनसे बचाव के तरीके बताएंगे. अलवर सहित प्रदेश के 20 जिलों में फसलों व बगीचों के लिए हाइटेक लैब बनाई जा रही है. एग्रो लैब पर करीब 11 लाख की लागत आएगी.

अलवर में एग्रो लैब को लेकर काम शुरू (ETV Bharat Alwar)

कृषि विभाग की ओर से तैयार की जाने वाली एग्रो प्रयोगशाला के लिए अलवर में जगह भी चिन्हित कर ली गई है. अलवर में स्टेशन रोड स्थित कृषि विभाग के कार्यालय में यह एग्रो लैब बनाई जाएगी. अभी तक एग्रो लैब प्रदेश में जयपुर के अलावा जोधपुर में ही थी. इस कारण अलवर के किसानों को अपनी फसल में लगने वाले रोग व कीटों के कारणों एवं उनसे बचाव के तरीकों का पता लगाने में परेशानी का सामना करना पड़ता था. कारण था कि जयपुर व जोधपुर की अलवर से दूरी ज्यादा होने के कारण यहां के किसान वहां तक आसानी से नहीं पहुंच पाते थे.

पढ़ें: ओम बिरला बोले- तालेड़ा को बनाएंगे एग्रो इंडस्ट्रीज का हब, प्रत्येक गांव तक शुद्ध पेयजल पहुंचाने की भी योजना - लोकसभा चुनाव

फसलों में रोग व कीट लगना सामान्य: कृषि विशेषज्ञों के अनुसार फसलों में रोग व कीट लगना सामान्य बात है. इससे किसानों को उत्पादन में बड़ा नुकसान झेलना पड़ता है. किसान भी एग्रो लैब के अभाव में फसल में रोग व कीट लगने का कारण नहीं जान पाते. लेकिन अब अलवर जिला मुख्यालय पर एग्रो लैब की सुविधा मिलने पर जिले के किसान फसलों में होने वाले संक्रमण व कीट रोगों की समय पर जांच करवा सकेंगे.

पढ़ें: एग्रो फील्ड में स्टार्टअप को लेकर संभावनाओं पर बात, 100 प्रतिभागियों को मिला रोजगार - 100 प्रतिभागियों को मिला रोजगार

किसानों को होगा फायदा: कृषि विभाग के सहायक निदेशक अरविंद कुमार ने बताया कि अभी कृषि विश्वविद्यालयों में विषय विशेषज्ञों की सुविधा उपलब्ध है, लेकिन जिला लेवल पर यह सुविधा नहीं है. जानकारी के अभाव में किसान कीट व रोगों से बचाव के लिए अपनी फसल में उर्वरक व कीटनाशक का ज्यादा उपयोग करते हैं. इससे किसानों की फसलों को नुकसान पहुंचता है.

पढ़ें: किसानों को एग्रो फोरेस्ट्री के लिए जागरुक किया, मोटे अनाज के फायदे बताए

उन्होंने बताया कि जिला स्तर पर विशेषज्ञों की सुविधा मुहैया कराने के लिए एग्रो लैब खोलने की कवायद शुरू की है. इससे किसानों को अपनी फसलों को संक्रमण से बचाने में लाभ होगा. उन्होंने बताया कि एग्रो लेब वहां खोली जानी है, जहां पहले से मृदा लैब चल रही हो. अलवर में भी विभाग के स्टेशन रोड स्थित कार्यालय में मृदा जांच लेब के पास एग्रो लैब का निर्माण किया जाएगा. इसके लिए जगह का चयन कर लिया गया है. इस लैब में एक पादपकीट विशेषज्ञ का पदस्थापन जल्द होगा. एग्रो लैब का निर्माण मार्केटिंग बोर्ड की ओर से कराया जाएगा.

अलवर: ​किसानों को फसल में रोग व कीट से होने वाले नुकसान से बचाने और रोग व कीट लगने के कारण बताने के लिए अलवर ​में जल्द ही हाइटेक एग्रो लैब तैयार की जाएगी. इस लैब की खास बात होगी कि यह इसमें एलोपैथी लैब की तरह पैथोलॉजिस्ट व कीट विज्ञानी फसलों में रोग व कीट लगने के कारण और उनसे बचाव के तरीके बताएंगे. अलवर सहित प्रदेश के 20 जिलों में फसलों व बगीचों के लिए हाइटेक लैब बनाई जा रही है. एग्रो लैब पर करीब 11 लाख की लागत आएगी.

अलवर में एग्रो लैब को लेकर काम शुरू (ETV Bharat Alwar)

कृषि विभाग की ओर से तैयार की जाने वाली एग्रो प्रयोगशाला के लिए अलवर में जगह भी चिन्हित कर ली गई है. अलवर में स्टेशन रोड स्थित कृषि विभाग के कार्यालय में यह एग्रो लैब बनाई जाएगी. अभी तक एग्रो लैब प्रदेश में जयपुर के अलावा जोधपुर में ही थी. इस कारण अलवर के किसानों को अपनी फसल में लगने वाले रोग व कीटों के कारणों एवं उनसे बचाव के तरीकों का पता लगाने में परेशानी का सामना करना पड़ता था. कारण था कि जयपुर व जोधपुर की अलवर से दूरी ज्यादा होने के कारण यहां के किसान वहां तक आसानी से नहीं पहुंच पाते थे.

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फसलों में रोग व कीट लगना सामान्य: कृषि विशेषज्ञों के अनुसार फसलों में रोग व कीट लगना सामान्य बात है. इससे किसानों को उत्पादन में बड़ा नुकसान झेलना पड़ता है. किसान भी एग्रो लैब के अभाव में फसल में रोग व कीट लगने का कारण नहीं जान पाते. लेकिन अब अलवर जिला मुख्यालय पर एग्रो लैब की सुविधा मिलने पर जिले के किसान फसलों में होने वाले संक्रमण व कीट रोगों की समय पर जांच करवा सकेंगे.

पढ़ें: एग्रो फील्ड में स्टार्टअप को लेकर संभावनाओं पर बात, 100 प्रतिभागियों को मिला रोजगार - 100 प्रतिभागियों को मिला रोजगार

किसानों को होगा फायदा: कृषि विभाग के सहायक निदेशक अरविंद कुमार ने बताया कि अभी कृषि विश्वविद्यालयों में विषय विशेषज्ञों की सुविधा उपलब्ध है, लेकिन जिला लेवल पर यह सुविधा नहीं है. जानकारी के अभाव में किसान कीट व रोगों से बचाव के लिए अपनी फसल में उर्वरक व कीटनाशक का ज्यादा उपयोग करते हैं. इससे किसानों की फसलों को नुकसान पहुंचता है.

पढ़ें: किसानों को एग्रो फोरेस्ट्री के लिए जागरुक किया, मोटे अनाज के फायदे बताए

उन्होंने बताया कि जिला स्तर पर विशेषज्ञों की सुविधा मुहैया कराने के लिए एग्रो लैब खोलने की कवायद शुरू की है. इससे किसानों को अपनी फसलों को संक्रमण से बचाने में लाभ होगा. उन्होंने बताया कि एग्रो लेब वहां खोली जानी है, जहां पहले से मृदा लैब चल रही हो. अलवर में भी विभाग के स्टेशन रोड स्थित कार्यालय में मृदा जांच लेब के पास एग्रो लैब का निर्माण किया जाएगा. इसके लिए जगह का चयन कर लिया गया है. इस लैब में एक पादपकीट विशेषज्ञ का पदस्थापन जल्द होगा. एग्रो लैब का निर्माण मार्केटिंग बोर्ड की ओर से कराया जाएगा.

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