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साइबर क्रिमिनल ने वरिष्ठ अधिवक्ता को 48 घंटे रखा डिजिटल अरेस्ट, सीबीआई अधिकारी बनकर मांगे 68 लाख रुपये - AGRA Cyber Crime - AGRA CYBER CRIME

आगरा बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष अधिवक्ता अनिल कुमार गोयल के साथ 68 लाख रुपये की साइबर जालसाजी का मामला दर्ज किया गया है. हालांकि बैंक में छुट्टी की वजह से रकम ट्रांसफर नहीं हो सकी. AGRA Cyber Crime

साइबर क्रिमिनल ने वरिष्ठ अधिवक्ता को किया डिजिटली अरेस्ट.
साइबर क्रिमिनल ने वरिष्ठ अधिवक्ता को किया डिजिटली अरेस्ट. (Photo Credit: ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Aug 21, 2024, 10:38 AM IST

आगरा : साइबर क्रिमिनल ने आगरा बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष अधिवक्ता अनिल कुमार गोयल को 48 घंटे डिजिटल अरेस्ट करके रखा. इस दौरान साइबर ​क्रिमिनल ने सीबीआई अधिकारी बनकर वीडियो कॉल की और मनी लॉन्ड्रिंग का केस बताकर खूब धमकाया. अधिवक्ता अनिल कुमार गोयल ने पुलिस कमिश्नर से शिकायत की है.

मदिया कटरा निवासी वरिष्ठ अधिवक्ता अनिल कुमार गोयल ने बताया कि बीती 18 अगस्त को एक वीडियो कॉल मेरे मोबाइल पर आई थी. कॉल रिसीव करने पर कॉल करने वाले ने अपना नाम रमेश वर्मा और टेलीफोन रेगुलेटरी इंडिया में नौकरी करने की बात कही. उसने कहा कि आपके नंबर से अश्लील मैसेज भेजे गए हैं. इसलिए मोबाइल नंबर डिस्कनेक्ट किया जा रहा है. उसने आधार की कॉपी मांगी तो मैंने दे दी.

इसके बाद कॉल करने वाले ने कॉल चालू रखकर एक नंबर से लिंक करने की बात कही. जिससे ऑनलाइन कंप्लेंट दर्ज करा सकूं. जिस नंबर पर कॉल कनेक्ट की गई, उस पर किसी सुशील कुमार गौतम से बात हुई. उसने खुद को नेहरू प्लेस दिल्ली का बताया. सुशील गौतम ने ऑनलाइन कंप्लेंट दर्ज की. इस दौरान मैंने देखा कि वीडियो कॉल पर भी दिल्ली पुलिस का लोगो लगा हुआ था. लगभग एक घंटे बाद उस कथित पुलिस अधिकारी का वीडियो कॉल आया और उसने कहा कि आपके खिलाफ मनीलॉड्रिंग का केस भी दर्ज है.


वरिष्ठ अधिवक्ता अनिल कुमार गोयल के मुताबिक वीडियो कॉल करने वाले ने कहा कि आपके बैंक खाते में लगभग 68 लाख रुपये ट्रांसफर किए गए हैं. जिसकी जांच करने की बात कही. इसके बाद आरोपी ने कॉल किसी दूसरे को लिंक कर दी. जिसने खुद को सीबीआई का डीसीपी बताकर डांट लगाई. अरेस्ट करने की धमकी दी. इस बीच नई दिल्ली क्राइम ब्रांच और सीबीआई की तरफ से लेटर वॉट्सऐप पर भेजे.

एक लेटर में मनी लॉन्ड्रिंग का केस बताया. दूसरे लेटर में लिखा था कि जांच बिल्कुल कॉन्फिडेंशियल है. इसलिए इसकी किसी से चर्चा न करें. 24 घंटे तक निगरानी में रहने की जानकारी दी. कहा कि अपनी लोकेशन शेयर करें. अपने बैंक अकाउंट की डिटेल भी भेजें. 19 अगस्त को रक्षाबंधन पर सुबह 6 बजे से अपनी लोकेशन भेजनी शुरू कर दी. सुबह 10 बजे कॉल आया कि आपके खाते में जो पैसा है उसे अकाउंट ऑडिटिंग में ट्रांसफर कर दें. जिससे उसकी डिजीटल स्क्रूटनी की जा सके. रक्षाबंधन के चलते पैसे ट्रांसफर नहीं हो पाए. बैंक की छुट्टी थी. इस पर फिर से 24 घंटे की निगरानी की कही.



वरिष्ठ अधिवक्ता अनिल गोयल के अनुसार यह बात मैंने अपने दामाद को बताई. जिस पर दामाद ने उन्हें सचेत किया. उधर, साइबर क्रिमिनल 20 अगस्त को सुबह से ही अकाउंट से रकम ट्रांसफर करने का दबाव बनाने लगे. जब रकम भेजने से इनकार कर दिया तो आरोपी ने पुलिस भेजकर उन्हें और उनकी पत्नी को अरेस्ट करने की धमकी दी. इस दौरान दूसरे साइबर ​क्रिमिनल ने सीबीआई का डीसीपी बनकर बात की. उसने भी पत्नी को आधे घंटे के अंदर अरेस्ट करने की धमकी दी. दामाद के सचेत करने की वजह से रुपये ट्रांसफर करने से इनकार कर दिया तो आरोपी ने कॉल काट दी.

डीसीपी सिटी सूरज राय ने बताया कि मामला संज्ञान में आया है. मामले की जांच कराई जा रही है. डीसीपी के अनुसार साइबर क्रिमिनल किसी न किसी बहाने धमकाकर रुपये ट्रांसफर करने का दबाव बनाते हैं. ऐसे में यदि कोई वीडियो कॉल करके खुद को सीबीआई या पुलिस अधिकारी बताकर अरेस्ट करने की धमकी दे तो सतर्क हो जाएं और इसकी जानकारी तत्काल पुलिस को दें.

यह भी पढ़ें : दुबई-थाइलैंड चीन में ठगी के लिए भारतीय प्री एक्टिवेटेड SIM हो रहे इस्तेमाल, STF के रडार पर कंपनियां - Cheating Abroad with Indian SIM

यह भी पढ़ें : यूपी की बड़ी साइबर ठगी का खुलासा; ICICI बैंक का रीजनल हेड और HDFC का कैशियर मास्टरमाइंड, 6 गिरफ्तार

आगरा : साइबर क्रिमिनल ने आगरा बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष अधिवक्ता अनिल कुमार गोयल को 48 घंटे डिजिटल अरेस्ट करके रखा. इस दौरान साइबर ​क्रिमिनल ने सीबीआई अधिकारी बनकर वीडियो कॉल की और मनी लॉन्ड्रिंग का केस बताकर खूब धमकाया. अधिवक्ता अनिल कुमार गोयल ने पुलिस कमिश्नर से शिकायत की है.

मदिया कटरा निवासी वरिष्ठ अधिवक्ता अनिल कुमार गोयल ने बताया कि बीती 18 अगस्त को एक वीडियो कॉल मेरे मोबाइल पर आई थी. कॉल रिसीव करने पर कॉल करने वाले ने अपना नाम रमेश वर्मा और टेलीफोन रेगुलेटरी इंडिया में नौकरी करने की बात कही. उसने कहा कि आपके नंबर से अश्लील मैसेज भेजे गए हैं. इसलिए मोबाइल नंबर डिस्कनेक्ट किया जा रहा है. उसने आधार की कॉपी मांगी तो मैंने दे दी.

इसके बाद कॉल करने वाले ने कॉल चालू रखकर एक नंबर से लिंक करने की बात कही. जिससे ऑनलाइन कंप्लेंट दर्ज करा सकूं. जिस नंबर पर कॉल कनेक्ट की गई, उस पर किसी सुशील कुमार गौतम से बात हुई. उसने खुद को नेहरू प्लेस दिल्ली का बताया. सुशील गौतम ने ऑनलाइन कंप्लेंट दर्ज की. इस दौरान मैंने देखा कि वीडियो कॉल पर भी दिल्ली पुलिस का लोगो लगा हुआ था. लगभग एक घंटे बाद उस कथित पुलिस अधिकारी का वीडियो कॉल आया और उसने कहा कि आपके खिलाफ मनीलॉड्रिंग का केस भी दर्ज है.


वरिष्ठ अधिवक्ता अनिल कुमार गोयल के मुताबिक वीडियो कॉल करने वाले ने कहा कि आपके बैंक खाते में लगभग 68 लाख रुपये ट्रांसफर किए गए हैं. जिसकी जांच करने की बात कही. इसके बाद आरोपी ने कॉल किसी दूसरे को लिंक कर दी. जिसने खुद को सीबीआई का डीसीपी बताकर डांट लगाई. अरेस्ट करने की धमकी दी. इस बीच नई दिल्ली क्राइम ब्रांच और सीबीआई की तरफ से लेटर वॉट्सऐप पर भेजे.

एक लेटर में मनी लॉन्ड्रिंग का केस बताया. दूसरे लेटर में लिखा था कि जांच बिल्कुल कॉन्फिडेंशियल है. इसलिए इसकी किसी से चर्चा न करें. 24 घंटे तक निगरानी में रहने की जानकारी दी. कहा कि अपनी लोकेशन शेयर करें. अपने बैंक अकाउंट की डिटेल भी भेजें. 19 अगस्त को रक्षाबंधन पर सुबह 6 बजे से अपनी लोकेशन भेजनी शुरू कर दी. सुबह 10 बजे कॉल आया कि आपके खाते में जो पैसा है उसे अकाउंट ऑडिटिंग में ट्रांसफर कर दें. जिससे उसकी डिजीटल स्क्रूटनी की जा सके. रक्षाबंधन के चलते पैसे ट्रांसफर नहीं हो पाए. बैंक की छुट्टी थी. इस पर फिर से 24 घंटे की निगरानी की कही.



वरिष्ठ अधिवक्ता अनिल गोयल के अनुसार यह बात मैंने अपने दामाद को बताई. जिस पर दामाद ने उन्हें सचेत किया. उधर, साइबर क्रिमिनल 20 अगस्त को सुबह से ही अकाउंट से रकम ट्रांसफर करने का दबाव बनाने लगे. जब रकम भेजने से इनकार कर दिया तो आरोपी ने पुलिस भेजकर उन्हें और उनकी पत्नी को अरेस्ट करने की धमकी दी. इस दौरान दूसरे साइबर ​क्रिमिनल ने सीबीआई का डीसीपी बनकर बात की. उसने भी पत्नी को आधे घंटे के अंदर अरेस्ट करने की धमकी दी. दामाद के सचेत करने की वजह से रुपये ट्रांसफर करने से इनकार कर दिया तो आरोपी ने कॉल काट दी.

डीसीपी सिटी सूरज राय ने बताया कि मामला संज्ञान में आया है. मामले की जांच कराई जा रही है. डीसीपी के अनुसार साइबर क्रिमिनल किसी न किसी बहाने धमकाकर रुपये ट्रांसफर करने का दबाव बनाते हैं. ऐसे में यदि कोई वीडियो कॉल करके खुद को सीबीआई या पुलिस अधिकारी बताकर अरेस्ट करने की धमकी दे तो सतर्क हो जाएं और इसकी जानकारी तत्काल पुलिस को दें.

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