आगरा : शहर के कबाड़ कारोबार वाली शर्मा इंटरप्राइजेज नाम की फर्जी कंपनी ने आठ माह में 250 करोड़ रुपये की बिलिंग की. इतना ही नहीं, कंपनी ने उप्र समेत अन्य राज्यों की कंपनियों को 45 करोड़ रुपये का इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) का लाभ भी पहुंचाया. ये चौंकाने वाला खुलासा राज्य वस्तु एवं सेवा कर (एसजीएसटी) के विशेष कार्य बल (एसटीएफ) की छानबीन में हुआ. राज्य कर आयुक्त मिनिस्ती एस ने पुलिस को कंपनी के संचालकों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज करने के निर्देश दिए हैं. लोहामंडी थाने में कंपनी संचालकों के खिलाफ तहरीर दी गई है.
बता दें कि राज्य वस्तु एवं सेवा कर (एसजीएसटी) के विशेष कार्य बल (एसटीएफ) प्रदेश में टैक्स चोरी, इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) और फर्जी बिलिंग की जांच में लगी थी. बीते दिनों विभिन्न कंपनियों के खातों की पड़ताल की गई. इसमें आगरा से कबाड़ कारोबार करने वाली शर्मा इंटरप्राइजेज का नाम सामने आया. इसकी छानबीन की गई तो पता चला कि कंपनी ने सीजीएसटी में पंजीकरण के समय कंपनी का दफ्तर आगरा कावेरी कुंज और कमला नगर में दिखाया. एसटीएफ की पड़ताल में खुलासा हुआ कि, दोनों ही पते पर कंपनी का कार्यालय नहीं है. सीजीएसटी पंजीकरण नंबर से पड़ताल की गई तो पता चला कि, अक्टूबर, 2023 में पंजीकृत कंपनी ने बीते आठ माह में 250 करोड़ रुपये की फर्जी बिलिंग की है.
45 करोड़ का आईटीसी का लाभ दिया: एसजीएसटी की एसटीएफ की टीम ने पडताल में पाया कि, शर्मा इंटरप्राइजेज ने बीते माह में वाराणसी, आगरा, मेरठ और गाजियाबाद में कंपनियों को 45 करोड़ के आईटीसी का लाभ भी दिया है. इस पर एसजीएसटी ने तत्काल आईटीसी पर रोक लगा दी. इसके साथ ही विभाग ने केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) को भी अन्य राज्यों की कंपनियों के विरुद्ध कार्रवाई की सिफारिश की है.
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तहरीर मिली, स्वीकृति पर होगा मुकदमा : लोहामंडी थाना प्रभारी केपी सिंह ने बताया कि राज्य वस्तु एवं सेवा कर (एसजीएसटी) की ओर से शर्मा इंटरप्राइजेज के खिलाफ एक तहरीर मिली है. हाईकोर्ट के आदेश के अनुपालन में तहरीर पर मुकदमा दर्ज करने के लिए अभियोजन अधिकारी के पास भेजा है. अभियोजन अधिकारी की स्वीकृतिऔर निर्देश पर आगे की कार्रवाई की जाएगी.
13.62 करोड़ की आईटीसी ब्लॉक कराई: एसजीएसटी के आगरा कार्यालय ने जांच करके शर्मा इंटरप्राइजेज की ओर से जारी की गई. 13.62 करोड़ रुपये की आईटीसी को ब्लॉक कराया है. कंपनी के द्वारा दर्शायू गई 46 करोड़ रुपये की इनवर्ड और आउटवर्ड सप्लाई के बिलों की जांच को संबंधित जिलों को पत्र भेजे गए हैं. इस मामले की अभी जांच की जा रही है. कंपनी के मालिक का पता लखनऊ के मानक नगर का है. जबकि, उसका बैंक खाता दिल्ली स्थित निजी बैंक में है.
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